December 12, 2024
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तेजस्वी सूर्या को साउथ में दोहरी चुनौती : Lok Sabha Election 2024

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Lok Sabha Election 2024: तेजस्वी सूर्या कर्नाटक की बेंगलुरु साउथ सीट से सांसद तथा भाजपा युवा मोर्चा के प्रमुख हैं। तेजस्वी सूर्या न सिर्फ 28 वर्ष की उम्र में सांसद बने बल्कि भाजपा के अग्रिम माने जाने वाले युवा मोर्चा की कमान भी संभाली। 2019 में जब सूर्या को बेंगलुरु दक्षिण सीट से लोकसभा उम्मीदवार बनाया गया तो यह चौंकाने वाला फैसला था। इस सीट पर पार्टी नेता अनंत कुमार 1996 से प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे। अनंत कुमार के निधन के बाद 2018 में पार्टी के सामने उनकी पत्नी तेजस्विनी अनंत कुमार को चुनाव लड़ाने का विकल्प था लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने युवा तेजस्वी सूर्य पर दांव लगाने का फैसला किया और सूर्या ने फैसले को सही साबित करते हुए पहले ही चुनाव में 62 फ़ीसदी मत पाकर कांग्रेस के दिग्गज नेता बीके हरी प्रसाद को 3 लाख 31हजार से ज्यादा वोटो से हराया।

पार्टी के भरोसे को सही साबित करने की जिम्मेदारी

बेंगलुरु दक्षिणी सीट से दोबारा चुनाव मैदान में उतरे युवा भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या के सामने पार्टी द्वारा जताए गए भरोसे और अपनी क्षमता को साबित करने का लक्ष्य है। उन्हें न केवल अपनी सीट जीतनी है बल्कि युवा मोर्चे के जरिए देश भर में युवा वर्ग को भाजपा के साथ जोड़ने का भी दायित्व है। इस चुनाव में कांग्रेस ने राज्य के मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी सौम्य रेड्डी को सूर्या के खिलाफ मैदान में उतारा है। हालांकि यहां कांग्रेस की राह आसान नहीं है क्योंकि यह सीट पिछले 7 चुनाव से लगातार भाजपा की झोली में ही रही है।

पेशे से वकील तेजस्वी सूर्या का राजनीतिक सफर

बेंगलुरु में जन्मे 33 वर्षीय तेजस्वी सूर्या पेशे से वकील हैं।उनके पिता नौकरीपेशा थे पर चाचा रवि सुब्रमण्यम कर्नाटक की राजनीति में सक्रिय हैं। सूर्या कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं। कॉलेज के दिनों से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे सूर्या की छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की है।

तेजस्वी सूर्या डिजिटल युग में नई तकनीक के जरिए न सिर्फ राजनीतिक नेतृत्व की नजर में चढ़े बल्कि अपनी संगठन क्षमता से भी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को प्रभावित किया। उन्हें भाजपा ने 2019 में पहली बार सांसद बनाया। बाद में उन्हें पार्टी के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। सूर्या के नेतृत्व में युवा मोर्चा ने देशभर में नव मतदाता को जोड़ने के लिए बड़े कार्यक्रम भी किये।बीते लोकसभा चुनाव से अब तक की कर्नाटक की राजनीति काफी बदल चुकी है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली और राज्य में कांग्रेस सत्ता में आ गई। इस चुनौती से निपटने के लिए भाजपा ने जद (एस) के साथ गठबंधन भी किया है। ऐसे में बेंगलुरु की सीट अहम है। तेजस्वी राज्य में युवा और नए मतदाताओं को जोड़ने में जुटे हैं।

पार्टी का मानना है कि युवा मतदाताओं में तेजस्वी सूर्या का प्रभाव है इसलिए सूर्या को राज्य में अन्य सीटों पर भी प्रचार के लिए भेजा जा सकता है। कर्नाटक में पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 28 में 25 सीट जीतकर शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन पिछले साल विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा। इसलिए पार्टी के समक्ष पिछले प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती है जिसकी जिम्मेदारी तेजस्वी सूर्या के कंधों पर है।