एक देश-एक चुनाव के लिए JPC गठित, 90 दिनों में सौंपेगी रिपोर्ट
सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल की समीक्षा के लिए 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया है। भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली यह समिति 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
जेपीसी का गठन और उद्देश्य
एक देश-एक चुनाव: बुधवार को सरकार ने ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल की समीक्षा के लिए 31 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee – JPC) का गठन किया। इस समिति के अध्यक्ष वरिष्ठ भाजपा सांसद पीपी चौधरी को नियुक्त किया गया है। समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल हैं, जिनमें कांग्रेस की प्रियंका गांधी और भाजपा के अनुराग ठाकुर जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। जेपीसी अपनी रिपोर्ट संसद के अगले सत्र के आखिरी सप्ताह के पहले दिन लोकसभा में सौंपेगी।
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जेपीसी में किन दलों को मिली जगह?
मंगलवार को सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए दो संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किए। इसके बाद इन विधेयकों की समीक्षा के लिए जेपीसी का गठन किया गया।
समिति में विभिन्न दलों का प्रतिनिधित्व इस प्रकार है:
- भाजपा: 10 सदस्य
- कांग्रेस: 3 सदस्य
- सपा, एनसीपी (शरद गुट), टीडीपी, टीएमसी, द्रमुक, शिवसेना (शिंदे गुट), जनसेना, आरएलडी: प्रत्येक से 1-1 सदस्य
जेपीसी में शामिल प्रमुख सदस्य
जेपीसी में भाजपा के 10 सदस्यों में से पीपी चौधरी के साथ:
- पुरुषोत्तम भाई रूपाला
- अनिल बलूनी
- भर्तृहरि महताब
- बांसुरी स्वराज
- सीएम रमेश
- संबित पात्रा
- विष्णु दयाराम
कांग्रेस के सदस्य
- मनीष तिवारी
- सुखदेव भगत
- प्रियंका गांधी
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अन्य दलों से सदस्य
- सपा: धर्मेंद्र यादव
- द्रमुक: टीएस सेल्वागणपति
- टीएमसी: कल्याण बनर्जी
- एनसीपी (शरद गुट): सुप्रिया सुले
- टीडीपी: जीएम हरीश बाल योगी
- जनसेना: बालशौरी वल्लभानेनी
- शिवसेना (शिंदे गुट): एकनाथ शिंदे
- आरएलडी: चंदन चौहान
जेपीसी के कामकाज और समय सीमा
इस समिति को 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। समिति का मुख्य कार्य विधेयक की बारीकी से समीक्षा करना और उसकी व्यवहार्यता के आधार पर सिफारिशें तैयार करना है।
क्या है जेपीसी?
संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) राष्ट्रीय महत्व के मामलों की जांच के लिए गठित एक विशेष समिति है। इसका गठन संसद द्वारा किया जाता है और इसमें दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं।
- यह समिति बड़े मुद्दों की जांच और रिपोर्ट तैयार करती है।
- इसका गठन तब किया जाता है जब सामान्य संसदीय प्रक्रियाएं पर्याप्त नहीं होतीं।
- जेपीसी रिपोर्ट के आधार पर संसद आगे की कार्रवाई तय करती है।
यह पहल ‘एक देश, एक चुनाव’ जैसे दूरगामी प्रभाव वाले विचार की व्यवहार्यता को सुनिश्चित करने का प्रयास है, जो देश की चुनाव प्रक्रिया में सुधार का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।