December 12, 2024
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46 साल बाद खुला श्री जगन्नाथ मंदिर का दुर्लभ रत्न भंडार

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भगवान जगन्नाथ के मंदिर का दुर्लभ खजाना आखिरकार 46 साल बाद खोल दिया गया। 2018 में इस रत्न भंडार को खोलने का प्रयास हाई कोर्ट के आदेश पर किया गया था लेकिन उस समय चाबियां गुम होने की खबर आई थी। 4 अप्रैल 2018 को कोर्ट के आदेश पर जब 16 लोगों की टीम रत्न भंडार के चेंबर तक पहुंची तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा क्योंकि यह दावा किया गया कि रत्न भंडार की चाबियां गुम हो गई हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2024 से पहले अपने घोषणा पत्र में मंदिर के रत्न भंडार को खोलने का वादा किया था जिसे सरकार बनने के एक महीने के बाद ही पूरा कर दिया और श्री जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार खोल दिया गया।

रविवार दोपहर 12:00 बजे राज्य सरकार की बनाई समिति के 11 सदस्य मंदिर पहुंच गए और अनुष्ठान किया। दोपहर 1:28 पर उड़ीसा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का खजाना खोला गया। उड़ीसा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी पुष्टि की। इस दौरान भंडार गृह में सरकार के प्रतिनिधि, एएसआई के अधिकारी श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि समेत 11 लोग मौजूद रहे। अब सरकार रत्न भंडार में मौजूद कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग करेगी। इसमें उनके वजन और निर्माण जैसे डिटेल होंगे। ‘आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया’ के सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि इंजीनियर मरम्मत कार्य के लिए रत्न भंडार का सर्वे करेंगे।

खजाना खोलने से पहले प्रशासन ने लकड़ी की छः भारी संदूक मांगए थे। इस संदूक को उठाने के लिए 8 से 10 लोगों को लगना पड़ा। इन संदूकों रत्न भंडार गृह में ले जाया गया। रत्न भंडार में गई डिजास्टर एक्शन फोर्स और बाकी सदस्य 5:20 पर बाहर आ गए।

स्नेक हेल्पलाइन की टीम मौजूद रही

रत्न भंडार गृह में सांपों की मौजूदगी की आशंका को लेकर स्नेक हेल्पलाइन की टीम मौजूद रही। सांप पकड़ने वालों की दो टीमें मौके पर मौजूद रहीं।एक टीम मंदिर के अंदर और दूसरी टीम मंदिर के बाहर थी। मंदिर परिसर में मेटल डिटेक्टर के साथ पुलिस की गाड़ियां भी मौजूद रहीं

क्या है जगननाथ मंदिर के रत्न भंडार में

रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के कीमती आभूषण और खाने पीने के बर्तन रखे हुए हैं 12वीं सदी में बने इस मंदिर में उस समय के राजाओं और भक्तों द्वारा चढ़ाए गए सोना, चांदी और जेवरात हैं। रत्न भंडार गृह के तीन हिस्से हैं

  • आंतरिक रत्न भंडार – आंतरिक रत्न भंडार गृह में 50.6 किलोग्राम सोना और 134.5 किलोग्राम चांदी है जिसका इस्तेमाल कभी नहीं हुआ।
  • बाहरी रत्न भंडार बाहरी रत्न भंडार में 95. 320 किलोग्राम सोना 9.480 किलोग्राम चांदी है। इन्हें त्योहारों या विशेष अवसर पर निकाला जाता है।
  • वर्तमान रत्न भंडार वर्तमान रत्न भंडार में 3.480 किलोग्राम सोना 30.350 किलोग्राम चांदी है, जिसका उपयोग अनुष्ठानों के लिए किया जाता है।

आखिरी बार कब खोला गया था जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार

जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार आखिरी बार 1978 में खोला गया था। उस समय 13 मई से 13 जुलाई के बीच लिस्ट बनी जिसमें करीब 128 किलोग्राम सोना और 222 किलो चांदी होने की बात कही गई। हालांकि 1985 में भी भीतरी भंडार खुला था लेकिन लिस्ट अपडेट नहीं हुई।

2018 में भी इस रत्न भंडार को खोलने का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली इसका कारण चाबियां का गुम होना बताया जाता है। 2018 में उड़ीसा हाई कोर्ट में राज्य सरकार को रत्न भंडार खोलने के लिए निर्देश दिए लेकिन 4 अप्रैल 2018 को कोर्ट के आदेश पर जब 16 लोगों की टीम रत्न भंडार के चेंबर तक पहुंची तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा क्योंकि यह दावा किया गया कि रत्न भंडार की चाबी खो गई है। चाबी नहीं मिलने पर काफी विरोध भी हुआ जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 4 जून 2018 को न्यायिक जांच के आदेश दिए। 29 नवंबर 2018 को जांच कमेटी ने चाबी से जुड़ी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। लेकिन इस रिपोर्ट को सरकार द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया।