November 3, 2024
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BRICS क्या है? यह कैसे और कब बना? BRICS में भारत की क्या है भूमिका?

BRICS: रूस के कजान में में 16 वें BRICS समिट का आयोजन 22 से 23 अक्टूबर के बीच हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस पहुंचे हैं। BRICS समिट भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से प्रधानमंत्री मोदी के बीच विपक्षीय वार्ता होनी है। चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात ऐसे समय पर होगी जब दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने की लिए सहमति बनी है।

BRICS क्या है यह कैसे और कब बना तथा BRICS में भारत की क्या है भूमिका
BRICS क्या है? यह कैसे और कब बना? तथा BRICS में भारत की क्या है भूमिका?

BRICS: रूस के कजान में में 16 वें BRICS समिट का आयोजन 22 से 23 अक्टूबर के बीच हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस पहुंचे हैं। BRICS समिट भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से प्रधानमंत्री मोदी के बीच विपक्षीय वार्ता होनी है। चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात ऐसे समय पर होगी जब दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम करने की लिए सहमति बनी है।

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16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस के कजान में हो रहा है BRICS पहले ही जी7 से आगे निकल चुका है। G7 का नेतृत्व पश्चिमी देश करते हैं। BRICS की ताकत दिनों दिन बढ़ रही है। BRICS के 16 वें शिखर सम्मेलन की खास बात यह है कि इस बार समूह में पांच नए सदस्य देश ईरान, मिस्र, इथियोपिया सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि BRICS क्या है? यह कैसे और क्यों बना? और भारत की BRICS में क्या है भूमिका? आईए जानते हैं-

क्या है BRICS ?

BRICS वर्तमान में विश्व का तीसरा ताकतवर आर्थिक संगठन बन चुका है। BRICS 5 उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। BRICS में पांच देश ब्राजील (B),रूस( R) भारत (I),चीन (C ) और दक्षिण अफ्रीका( S),शामिल थे लेकिन 16वें ब्रिक्स समिट में चार और देश BRICS के सदस्य बन गए हैं, ये देश है- ईरान, मिस्र, सऊदी अरब,संयुक्त अरब अमीरात और इथीयोपिया। वर्तमान में यूरोपियन यूनियन को भी पीछे छोड़ते हुए BRICS विश्व का तीसरा शक्तिशाली आर्थिक संगठन बन चुका है।

कब हुई शुरुआत ?

पहली बार ब्रिक्स संगठन की शुरुआत 1990 के दशक में हुई जब विदेश नीति में अमेरिका का दबदबा था। अमेरिका को चुनौती देने के लिए तीन देश रूस इंडिया और चीन ने मिलकर RIC संगठन बनाया जिसकी अध्यक्षता रूसी नेता ने की थी।

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RIC के संगठन बनने के बाद जब 2001 में इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स द्वारा चार देशों को आर्थिक लिहाज से विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बताया गया तब 2009 में इन चारों देशों ने मिलकर एक संगठन बनाया यह चार देश हैं- ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन। इस तरह इस संगठन को BRIC के नाम से जाना जाने लगा।

BRIC कैसे बना BRICS ?

इस संगठन का नाम BRIC से BRICS 2010 में हुआ जब अफ्रीका महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करने के लिए साउथ को इस समूह का हिस्सा बनाया गया। BRICS एक ऐसा संगठन है जो राजनीति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

2024 में BRICS में जुड़े चार नए देश

BRICS में पांच फाउंडर देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका के अतिरिक्त पांच और नए देश जुड़ गए हैं। यह देश हैं – ईरान, मिस्र,इथियोपिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात। अब BRICS संगठन के कुल 10 देश सदस्य हैं। 10 सदस्य देशों का समूह बन गया है BRICS।

अब तक BRICS का 15 शिखर सम्मेलन हो चुका है। रूस के कजान में 16 वें शिखर सम्मेलन का। आयोजन हुआ।

BRICS में भारत की क्या है भूमिका ?

BRICS शिखर सम्मेलन में भारत की भूमिका सदैव से महत्वपूर्ण रही है। भारत ने BRICS के माध्यम से आतंकवाद और सुरक्षा के मुद्दों पर जोर दिया है। भारत इसके मंच पर अपनी तकनीकी क्षमताओं, स्वास्थ्य सुविधाओं और शिक्षा में सुधार के मॉडल को साझा करता है, जिसका लाभ सदस्य देशों को मिलता है। भारत ने इस मंच पर सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। BRICS में भारत ने खाद्य सुरक्षा, वैश्विक स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों का नेतृत्व किया है। भारत के लिए BRICS एक ऐसा मंच है जहां वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटा सकता है।

BRICS करीब 3.5 अब लोगों का प्रतिनिधित्व करता है या यूं कहें कि यह विश्व की लगभग आधी आबादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लगभग एक चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। यह संगठन पश्चिमी देशों द्वारा संचालित वैश्विक आर्थिक संस्थानों जैसे वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ के सामने एक संतुलन कायम करने के लिए बना है। BRICS गैर पश्चिमी देशों का एक समूह है, जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना है।