Republic Day (26 January): क्यों खास है 76 वां गणतंत्र दिवस? इस गणतंत्र दिवस की क्या है थीम ?
6th Republic Day 2025: 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था और भारत एक गणतंत्र दिवस बना था। 26 जनवरी को भारत के संविधान को अपनाने और देश के गणतंत्र में परिवर्तन का प्रतीक है गणतंत्र दिवस, जो प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।
76th Republic Day 2025: 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था और भारत एक गणतंत्र दिवस बना था। 26 जनवरी को भारत के संविधान को अपनाने और देश के गणतंत्र में परिवर्तन का प्रतीक है गणतंत्र दिवस, जो प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष शानदार सैन्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सशस्त्र बल के जवान सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर मार्च करते हैं।
नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल से लेकर कर्तव्य पथ के साथ इंडिया गेट होते हुए ऐतिहासिक लाल किले तक भव्य परेड के साथ इस उत्सव की शुरुआत होती है। 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस की परेड सुबह 10:30 शुरू होगी। गणतंत्र दिवस की परेड दिल्ली में विजय चौक से शुरू होकर कर्तव्य पथ होते हुए लाल किले तक जाएगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 76 वें गणतंत्र दिवस की थीम क्या है?इसमें आमंत्रित अतिथि कौन हैं? और क्यों खास है 76वां गणतंत्र दिवस आइए जानते हैं –
कौन होंगे मुख्य अतिथि ?
प्रत्येक गणतंत्र दिवस पर किसी ने किसी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। भारत के पहले गणतंत्र दिवस पर 1950 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि बने थे। वही 76 वें गणतंत्र दिवस पर भी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुबियान्तो प्रबोवो बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। भारत के 76 वें गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दल भी भाग लेगा।
76 वें गणतंत्र दिवस की क्या है थीम ?
भारत के गणतंत्र दिवस की परेड प्रत्येक वर्ष किसी न किसी थीम पर आधारित होती है। 76 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करती हुई शानदार परेड निकाली जाएगी। 76वां गणतंत्र दिवस ”’स्वर्णिम भारत : विरासत और प्रगति” की थीम पर आधारित होगा। इस बार की परेड में 31 झांकियां, 18 मार्चिंग कंटिजेंट और 15 बैंड शामिल होंगे। परेड की शुरुआत 300 कलाकार करेंगे। परेड में कुल 5,000 कलाकार कर्तव्य पथ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। 2025 के गणतंत्र दिवस की परेड 90 मिनट में पूरी हो जाएगी।
झांकियों में दिखेगी राज्यों की विरासत
इस गणतंत्र दिवस की झांकियों में उत्तर प्रदेश और बिहार की झांकी खास होगी। उत्तर प्रदेश की झांकी में जहां महाकुंभ 2025 के ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाया जाएगा। वहीं बिहार की झांकी में नालंदा की विरासत को दर्शाया जाएगा। इसके अतिरिक्त परेड में आंध्र प्रदेश, गुजरात, चंडीगढ़, गोवा, हरियाणा, और झारखंड सहित 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। इन राज्यों की झांकियों के अतिरिक्त केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों की झांकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी।
क्यों खास है 76 वां गणतंत्र दिवस?
इस बार का गणतंत्र दिवस कई महीनो में खास है। एक तो हमारा देश गणतंत्र दिवस के 75 वर्ष पूरे कर इस बार 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है, तो वहीं दूसरी ओर इतिहास में पहली बार देश की तीनों सेनाओं, थल सेना (Indian Army), जल सेना (Nevy) और वायु सेना (Air Force) संयुक्त झांकी प्रस्तुत करेंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है जब तीनों सेनाओं की झांकी अलग-अलग नहीं निकाली जाएगी। देश की तीनों सेनाओं की संयुक्त झांकी निकालने का उद्देश्य सेना के तीनों अंगों के बीच बेहतर समन्वय और समझ को बढ़ावा देना है।