क्या SC, ST, और OBC कोटे का आरक्षण कांग्रेस देगी मुसलमानों को ? : Lok Sabha Elections 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम आरक्षण का एक ऐसा मुद्दा उठाया है जो चुनाव के सारे समीकरण बदल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनावी जनसभाओं के दौरान आरोप लगाया कि कांग्रेस दलित, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण मुसलमानों को देना चाहती थी। उन्होंने कहा,लेकिन आरक्षण न खत्म होगा और नहीं उसे धर्म के नाम पर बंटने देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर ने दलित आबादी और पिछड़े वर्ग को जो आरक्षण दिया है उस आरक्षण को यूपीए की सरकार में धर्म के आधार पर कांग्रेस मुसलमान के साथ बांटना चाहती थी और अभी भी इस मुद्दे पर उसकी मंशा में कोई बदलाव नहीं आया है।
बता दें कि 52% ओबीसी, 16.6% दलित और 8.6% आदिवासी समुदाय को मिलाकर कुल आबादी 77.2 प्रतिशत हो जाती है इन वर्गों के कोटे से मुसलमान को आरक्षण देने का मुद्दा चुनाव में बहुत बड़ा बन सकता है। क्या यूपीए की सरकार में इन वर्गों के कोटे से मुसलमान को आरक्षण देने की बात सच है? क्या वास्तव में कांग्रेस यही चाहती थी? आइए जानते हैं?
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क्या कहता है कांग्रेस का घोषणा पत्र ?
कांग्रेस के 2024 के घोषणा पत्र में यह कहीं नहीं लिखा है कि वह मुसलमानों को या अल्पसंख्यकों को सरकारी नौकरियों में या शिक्षा में अलग से आरक्षण देगी। कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह लिखा है कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि भारत के अल्पसंख्यकों को नौकरी शिक्षा और बाकी के क्षेत्र में उचित हिस्सेदारी मिले। कांग्रेस बार-बार यह कह रही है कि उसने मुसलमानों को आरक्षण देने का कोई वादा नहीं किया है।
हालांकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह कहीं नहीं लिखा है कि वह मुसलमानो को आरक्षण देगी लेकिन कांग्रेस का घोषणा पत्र इस खूबसूरती से तैयार किया गया है, उसमें शब्दों का ऐसा खेल है कि कोई समझ भी ना पाए और काम भी हो जाए। यानि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे। अपने घोषणा पत्र में एक जगह कांग्रेस कहती है कि हम मुसलमानों अल्पसंख्यकों को प्रोत्साहित करेंगे। प्रोत्साहित करने में तो कोई समस्या नहीं है लेकिन कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में एक जगह यह भी लिखा है कि हम सुनिश्चित करेंगे कि अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को शिक्षा और रोजगार में उनका हिस्सा मिले।
इसमें बड़ी बात यह है कि आप प्रोत्साहित करेंगे यहां तक तो ठीक है लेकिन सुनिश्चित कैसे करेंगे? घोषणा पत्र में शब्दों के जरिए घुमा फिरा कर कहा गया है जिसे समझ लेने पर यह साबित हो जाता है कि अल्पसंख्यकों के हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का मतलब है कोई ना कोई कानून बनाना या गारंटी देना, जिसका सीधा अर्थ है आरक्षण। हालांकि घोषणा पत्र में कहीं भी आरक्षण शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
2014 की घोषणा पत्र में कांग्रेस ने मुसलमानों को आरक्षण देने का किया था वादा
कांग्रेस ने अपने 2014 के घोषणा पत्र में यह वादा किया था कि वह शिक्षा और सरकारी नौकरियों में अल्पसंख्यक वर्ग को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। 2014 के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने साफ-साफ लिखा था कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने अल्पसंख्यक वर्ग के पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने के लिए कदम उठाए थे और अगर 2014 के चुनाव में वह फिर से सत्ता में आती है तो यह वादा करती है कि अल्पसंख्यक वर्ग के पिछड़े लोगों को आरक्षण देने के लिए एक योजना बनाई जाएगी और पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत कांग्रेस उन्हें आरक्षण देगी।
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यूपीए की सरकार में 5 बार मुस्लिमों को आरक्षण देने का हुआ प्रयास
2004 से 2014 तक 10 वर्ष में यूपीए की सरकार ने कम से कम 5 बार मुसलमान को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की कोशिश की लेकिन हर बार कानूनी पेंचदिगियां इस कानून को बनाने में अड़चन बनीं हर बार कोर्ट ने इस योजना को लागू होने से रोक दिया।
2014 के घोषणा पत्र से यह साबित होता है कि कांग्रेस यूपीए के सरकार में मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती थी और 2024 के घोषणा पत्र में भी शब्दों का खेल करके वही बात दोहराई गई है।