किस मंत्री को मिली किस सीट की जिम्मेदारी, 10 सीटों पर उपचुनाव में सीएम योगी की अग्नि परीक्षा, बनाई स्पेशल 30 की टीम: Uttar Pradesh bypolls 2024
बीजेपी ने उपचुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत के लिए कमर कस ली है जिसके लिए सीएम योगी ने 30 प्रभारी मंत्रियों की टीम बनाई है। हालांकि दोनों उपमुख्यमंत्री इस टीम में शामिल नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है उसे देखते हुए उपचुनाव सीएम योगी के लिए अग्नि परीक्षा माना जा रहा है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उन सीटों में पांच सीटें समाजवादी पार्टी के पास है, तीन भाजपा के पास जबकि आरएलडी- निषाद पार्टी की एक-एक सीटें हैं।
किस मंत्री को मिली किस सीट की जिम्मेदारी: Uttar Pradesh bypolls 2024
उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर उपचुनाव में सीएम योगी की अग्नि परीक्षा, बनाई स्पेशल 30 की टीम
किस मंत्री को मिली किस सीट की जिम्मेदारी, Uttar Pradesh bypolls 2024: उत्तर प्रदेश में होने वाले 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं जिसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमर कस ली है। बुधवार को सीएम योगी ने चुनावी चुनाव वाली सीटों पर प्रभारी बनाए गए 30 मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों को हर हाल में 10 सीटों पर जीत दर्ज करने की जिम्मेदारी दी।
लोकसभा चुनाव में आए नतीजे से यूपी में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। यूपी में बेहतर कानून व्यवस्था के दावों के बावजूद भाजपा को उम्मीद के अनुरूप साइटें नहीं मिली और लोकसभा चुनाव में बीजेपी 33 सीट ही जीत पाई। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में भाजपा के सामने लोकसभा चुनाव से मिली हार की भरपाई करने की चुनौती है।
बीजेपी ने उपचुनाव में सभी 10 सीटों पर जीत के लिए कमर कस ली है जिसके लिए सीएम योगी ने 30 प्रभारी मंत्रियों की टीम बनाई है। हालांकि दोनों उपमुख्यमंत्री इस टीम में शामिल नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है उसे देखते हुए उपचुनाव सीएम योगी के लिए अग्नि परीक्षा माना जा रहा है। जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उन सीटों में पांच सीटें समाजवादी पार्टी के पास है, तीन भाजपा के पास जबकि आरएलडी- निषाद पार्टी की एक-एक सीटें हैं।
समाजवादी पार्टी उपचुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देती दिख रही है लेकिन यूपी के सीएम योगी भी चुनाव में भाजपा को जीत दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसी सिलसिले में बुधवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में हुई बड़ी बैठक में सीएम योगी ने सभी मंत्रियों से फीडबैक लिया और उपचुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा की। वही सीएम योगी ने कहा कि टिकाऊ और ईमानदार कैंडिडेट पर ही दांव लगाया जाएगा। उन्हीं प्रत्याशियों को चुना जाएगा, जिनकी छवि बेदाग होगी और जो जनता से जुड़े होंगे।
पार्टी पूरी शिद्दत से इन 10 सीटों पर जीत की तैयारी में लग गई है इन 10 सीटों में से प्रत्येक सीट पर तीन या चार मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है।
किस मंत्री को मिली किस सीट की जिम्मेदारी
- मिल्कीपुर सीट – सूर्य प्रताप शाही, मयंकेश्वर शरण सिंह, दिनेश यादव और सतीश शर्मा ।
- करहल सीट – जयवीर सिंह, योगेंद्र उपाध्याय और अजीत पाल सिंह।
- कटेहरी सीट – स्वतंत्र देव सिंह, आशीष पटेल व दयाशंकर मिश्र।
- सिसमऊ सीट – ,
- फूलपुर सीट – दयाशंकर सिंह व राकेश सचान
- मंझवा सीट – अनिल राजभर, आशीष पटेल, रविंद्र जायसवाल और रामकेश निषाद।
- गाजियाबाद सदर सीट – सुनील शर्मा, बृजेश सिंह और कपिल देव अग्रवाल
- मीरापुर सीट – अनिल कुमार, सोमेंद्र तोमर और केपीएस मलिक।
- खैर सीट – लक्ष्मी नारायण चौधरी, संदीप सिंह, जेपीएस राठौर, जसवंत सैनी और गुलाब देवी।
फैजाबाद की मिल्कीपुर सीट जीतना होगी बड़ी चुनौती
आगामी उपचुनाव में सबकी नजर खासतौर से फैजाबाद लोकसभा में आने वाली मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर है जहां से अवधेश प्रसाद 9 बार चुनाव जीत चुके हैं। फैजाबाद लोकसभा सीट से अवधेश प्रसाद की जीत को राहुल गांधी और अखिलेश यादव बीजेपी के अंत की शुरुआत बता चुके हैं। ऐसे में मिल्कीपुर विधानसभा सीट जीतना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ी चुनौती है और यदि यह सीट जीत लेते हैं तो विपक्ष के बनाए जा रहे नेरेटिव को बड़ा झटका लगेगा। हालांकि मुस्लिम बहुल होने के कारण मीरापुर सीट जीतना भी भाजपा के लिए आसान नहीं है।
दूसरी चुनौती होगी कुंदरकी सीट
बीजेपी के लिए अखिलेश यादव की करहल के बाद दूसरे नंबर पर भाजपा के लिए मुरादाबाद की कुंदरकी सीट भी एक चुनौती है। कुंदरकी में 2022 की विधानसभा चुनाव में सपा के जिया- उर- रहमान विधायक बने थे लेकिन लोकसभा चुनाव में संभल सीट से सांसद चुने गए। भाजपा ने कुंदरकी सीट पर केवल एक बार 1993 में जीत दर्ज की थी।
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कानपुर की सीसामऊ सीट भी मुश्किल सीटों में से एक
वहीं समाजवादी पार्टी की मजबूत सीटों में से एक कानपुर की सीसामऊ सीट,जो इरफान सोलंकी को सजा मिलने के बाद खाली हुई है, भाजपा के लिए मुश्किल सीटों में से एक माना जा रहा है। इरफान के साथ लोगों की सहानुभूति है। समाजवादी पार्टी इरफान सोलंकी के परिवार में से किसी को टिकट दे सकती है।
इसी तरह अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट भी भाजपा के लिए मुश्किल सीटों में से एक है क्योंकि यहां से सपा के वरिष्ठ नेता लाल जी वर्मा विधायक भी थे जो इस बार अंबेडकर नगर से सपा के सांसद बन गए हैं।