ISRO SSLV-D3 Launch News: ISRO ने की SSLV- D3 की ऐतिहासिक लॉन्चिंग
ISRO SSLV-D3 Launch: श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसरो ने सुबह नए रॉकेट SSLV- D3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया ।इसके साथ ही आपदाओं के बारे में अलर्ट देने वाली नई अर्थ ऑब्जर्वेशन satellite EOS – 08 मिशन के तौर पर लॉन्च की गई। SSLV EOS के प्रक्षेपण का काउंटडाउन 02.47 बजे से शुरू हो चुका था। 16 अगस्त 2024 की सुबह 9:17 पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से SSLV – D3 रॉकेट की सफल लॉन्चिंग इसरो ने की। इसके अतिरिक्त एक छोटा satellite SR-0 DEMOSAT भी पैसेंजर सेटेलाइट की तरह छोड़ गया। दोनों satellite को पृथ्वी से 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक गोलाकार ऑर्बिट में तैनात कर दिया गया है।
क्या है SSLV-D3 रॉकेट ?
SSLV का अर्थ है स्मॉल satellite लॉन्च व्हीकल और D3 का अर्थ है तीसरी डेमोंसट्रेशन फ्लाइट। मिनी माइक्रो और नैनो satellites के की लांचिंग के लिए इस रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा।
EOS-08 देगा पर्यावरण और आपदा की जानकारी
लगभग 175 किलोग्राम वजन वाला EOS- 08 कई वैज्ञानिक और व्यावहारिक क्षेत्र में मूल्यवान डाटा और अंतर्दृष्टि का योगदान देने के लिए तैयार अर्थ ऑब्जर्वेशन satellite EOS- 8 पृथ्वी की निगरानी करने के साथ ही पर्यावरण और आपदा की जानकारी भी देगा। इसके साथ ही तकनीकी प्रदर्शन भी करेगा। EOS- 08 में 3अत्याधुनिक पेलोड है-
- इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इंफ्रारेड पेलोड (EOIR)
- ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम- रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (GNSS-R )
- SIC यूवी डोसिमिटर (SIC UV Dosimeter)
EOIR पेलोड दिन रात में मध्यम और लंबी तरंगों की तस्वीर लेगा। GNSS-R के जरिए समुद्री सतह पर हवा का विश्लेषण किया जाएगा और मिट्टी की नमी और बाढ़ का पता लगाया जा सकेगा। एसआईसी यूवी डोसीमीटर से अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन की जांच की जाएगी। यह गगनयान मिशन में भी मदद करेगा।
EOS-08 Satellite के अंदर कम्युनिकेशन, बेसबैंड, स्टोरेज और पोजिशनिंग पैकेज होता है, जिसमें 400 जीबी डाटा स्टोरेज की क्षमता होती है। यह EOS – 08 475 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी के ऊपर निचली कक्षा में चक्कर लगाएगा।यही से यह सैटेलाइट कई अन्य तकनीकी मदद भी करेगा।
इस लॉन्चिंग के बाद SSLV को मिलेगा ऑपरेशन रॉकेट का दर्जा
SSLV की इस लॉन्चिंग के बाद SSLV को पूरी तरह से ऑपरेशन रॉकेट का दर्जा मिल जाएगा। इस रॉकेट की दो उड़ानें हो चुकी है। 7 अगस्त 2022 को SSLV – D1की उड़ान हुई थी और 10 फरवरी 2023 को SSLV- D2 की दूसरी उड़ान हुई थी और आज 16 अगस्त 2024 को SSLV- D3 की तीसरी लॉन्चिंग के बाद SSLV को पूरी तरह से ऑपरेशन रॉकेट का दर्जा मिल जाएगा।