संभल हिंसा: कर्फ्यू जैसे हालात, सपा सांसद-विधायक के बेटे समेत 2500 लोगों पर केस दर्ज, जानें पूरा मामला
संभल जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे समेत 2500 लोगों पर केस दर्ज हुआ है। अब तक 25 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। जानें, क्यों और कैसे भड़की हिंसा और इसके पीछे का पूरा विवाद।
Sambhal Violence: संभल जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को हुई हिंसा के बाद सोमवार सुबह से हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसा माहौल है। प्रशासन स्थिति को संभालने के लिए कठोर कार्रवाई कर रहा है। पुलिस बल ने डीआईजी मुनिराज के नेतृत्व में हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है तथा सभी चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन द्वारा संभल में इंटरनेट सेवा कल तक के लिए बंद कर दी गई है।
सपा सांसद विधायक के बेटे समेत 2500 पर केस दर्ज
संभल हिंसा मामले में संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और स्थानीय सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। सपा सांसद और विधायक के बेटे पर दंगाइयों को भड़काने का आरोप लगा है।
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अब तक कितने हुए गिरफ्तार?
संभल हिंसा मामले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 400 से अधिक अज्ञात और नामजद लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है।
पांच की मौत, कई पुलिसकर्मी घायल
संभल में रविवार को भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई है। साथ ही एसपी समेत कुल 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। सीओ अनुज चौधरी और एसपी के पीआरओ को भी गोली लगी है।
क्या है विवाद?
बता दें कि संभल के चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए दावा पेश किया है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद मुगल काल में मंदिर तोड़कर बनाई गई थी। हिन्दू पक्ष का दावा है कि पृथ्वीराज चौहान के शासन से पहले यह मंदिर बना था, जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई बल्कि यह टीले पर बनी है।
क्यों भड़की हिंसा?
हिंदू पक्ष द्वारा 19 नवंबर को दावा पेश करने के दिन ही न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया। कोर्ट कमिश्नर ने उसी दिन मस्जिद पहुंचकर सर्वे भी किया। 2 घंटे तक फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी की गई। सर्वे के बाद जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। यहां तक कि जुमे की नमाज के दौरान शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
कोर्ट के आदेश पर रविवार को कोर्ट कमिश्नर की टीम शाही जामा मस्जिद में दूसरी बार सर्वे को पहुंची तो बवाल शुरू हो गया। रविवार को कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव के साथ वादी अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, डीएम डॉक्टर राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई पुलिस बल के साथ दोबारा सर्वे करने शाही जामा मस्जिद पहुंचे थे। करीब 7:30 बजे सर्वे शुरू हुआ। सर्वे के दौरान मस्जिद के पीछे गलियों व सड़कों पर मुस्लिम समाज के लोग जुटने लगे।
माहौल को देखते हुए पहले एसपी केके बिश्नोई और बाद में डीएम डॉक्टर पैंसिया मस्जिद से निकलकर पुलिस बल के साथ लोगों को समझाते रहे लेकिन लोग नहीं माने। बार-बार समझाने के बाद भी भीड़ के शांत न होने पर पुलिस बल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पहले आंसू गैस के गोले छोड़ें फिर लाठीचार्ज कर दिया। हवाई फायरिंग भी की गई। लगभग ढाई घंटे तक चली हिंसा के दौरान भीड़ में शामिल तीन लोगों की मौत हो गई। उपद्रव के दौरान घायल एक व्यक्ति की देहरादून अस्पताल में मौत हो गई।
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