MahaKumbh 2025 Shahi Snan Date: महाकुंभ मेले में कब होगा शाही स्नान, शाही स्नान का क्या महत्व है?
MahaKumbh 2025 Shahi Snan Date: महाकुंभ मेले के दौरान “शाही स्नान” (Royal Bath) एक विशेष और सबसे पवित्र आयोजन होता है। इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है और लाखों साधु-संत, अखाड़े और श्रद्धालु इन स्नानों में भाग लेते हैं। शाही स्नान में साधु-संतों के भव्य जुलूस और अनुष्ठानिक स्नान मुख्य आकर्षण होते हैं।
MahaKumbh 2025 Shahi Snan Date: महाकुंभ मेले के दौरान “शाही स्नान” (Royal Bath) एक विशेष और सबसे पवित्र आयोजन होता है। इसे अत्यधिक शुभ माना जाता है और लाखों साधु-संत, अखाड़े और श्रद्धालु इन स्नानों में भाग लेते हैं। शाही स्नान में साधु-संतों के भव्य जुलूस और अनुष्ठानिक स्नान मुख्य आकर्षण होते हैं।
महाकुंभ 2025 के छह शाही स्नान की जानकारी इस प्रकार है:
1. पहला शाही स्नान: मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025)
- महत्व:
मौनी अमावस्या पर मौन रहकर संगम में स्नान करना आत्मा की शुद्धि और मोक्ष के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। - आकर्षण:
इस दिन सभी प्रमुख अखाड़े अपने अनुयायियों और साधुओं के साथ संगम पर स्नान करते हैं।
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2. दूसरा शाही स्नान: बसंत पंचमी (3 फरवरी 2025)
- महत्व:
यह दिन ज्ञान और समृद्धि की देवी सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन स्नान करने से मानसिक शांति और ज्ञान की प्राप्ति होती है। - आकर्षण:
अखाड़ों के साधु-संतों का पारंपरिक जुलूस और उनके द्वारा किए जाने वाले अनुष्ठान।
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3. तीसरा शाही स्नान: माघ पूर्णिमा (12 फरवरी 2025)
- महत्व:
पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दिन चंद्रमा की रोशनी में स्नान से विशेष पुण्य मिलता है। - आकर्षण:
इस दिन साधु-संत संगम में स्नान के बाद भव्य अनुष्ठान और प्रवचन करते हैं।
4. चौथा शाही स्नान: महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025)
- महत्व: भगवान शिव के भक्त इस दिन संगम स्नान को शिव की कृपा प्राप्त करने का माध्यम मानते हैं।
- आकर्षण:
नागा साधुओं और शिव भक्तों का भव्य जुलूस और अनुष्ठान।
5. पाँचवां स्नान: महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025)
- महत्व:
महाशिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित दिन है। इस दिन संगम में स्नान और शिव की पूजा से भक्तों को शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसे पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। - आकर्षण:
- नागा साधुओं का जुलूस और उनका संगम में स्नान।
- शिव मंदिरों में विशेष पूजा और रात्रि जागरण।
- शिव भक्तों द्वारा “ओम नमः शिवाय” के जाप और अनुष्ठानों का आयोजन।
6. छठा स्नान: चैत्र अमावस्या (11 मार्च 2025)
- महत्व:
चैत्र अमावस्या का स्नान महाकुंभ का अंतिम प्रमुख स्नान होता है। इसे “पुण्य प्राप्ति” और आत्मा की पूर्ण शुद्धि का अवसर माना जाता है।
इस दिन संगम में स्नान करना भक्तों के लिए विशेष फलदायी होता है। - अनुष्ठान:
- इस दिन भक्त संगम में स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं।
- यज्ञ, दान, और भंडारे का आयोजन किया जाता है।
- विशेष:
यह स्नान महाकुंभ के धार्मिक कार्यक्रमों का समापन चिह्नित करता है।
शाही स्नान का महत्व:
- पवित्रता का प्रतीक: यह स्नान आत्मा की शुद्धि और पापों से मुक्ति का मार्ग माना जाता है।
- धार्मिक उत्साह: अखाड़ों के जुलूस और परंपराओं के प्रदर्शन से यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अनोखा होता है।
- दिव्यता का अनुभव: लाखों श्रद्धालु साधु-संतों की संगत में संगम स्नान का अनुभव लेते हैं।
यहां महाकुंभ 2025 के छह शाही स्नान, तिथियां और मुहूर्त दिया गया है (Mahakumbh 2025 Shahi Snan Date & Time):
क्रम संख्या | स्नान का अवसर | तिथि | महत्व | मुहूर्त |
---|---|---|---|---|
1 | पौष पूर्णिमा | 13 जनवरी 2025 | महाकुंभ का पहला स्नान, पुण्य की शुरुआत। | 06:30 AM – 11:30 AM |
2 | मकर संक्रांति | 14 जनवरी 2025 | सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश, शुभ स्नान। | 07:00 AM – 12:00 PM |
3 | मौनी अमावस्या (शाही स्नान 1) | 29 जनवरी 2025 | मौन साधना और शुद्धि का पर्व। | 06:00 AM – 11:00 AM |
4 | बसंत पंचमी (शाही स्नान 2) | 3 फरवरी 2025 | ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा, भक्तिपूरण स्नान। | 07:00 AM – 12:00 PM |
5 | माघ पूर्णिमा (शाही स्नान 3) | 12 फरवरी 2025 | चंद्रमा की रोशनी में स्नान, शुभता प्राप्ति। | 06:30 AM – 11:30 AM |
6 | महाशिवरात्रि (शाही स्नान 4) | 26 फरवरी 2025 | भगवान शिव की पूजा, मोक्ष प्राप्ति। | 06:00 AM – 11:00 AM |