September 8, 2024
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जानें कौन थे बिधान चंद्र रॉय (Dr. Bidhan Chandra Roy), जिनके सम्मान में मनाया जाता है राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor’s Day)?

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day)
Dr. Bidhan Chandra Roy, राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor’s Day)

Dr. Bidhan Chandra Roy (डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय): भारत में चिकित्सकों के लिए 1 जुलाई का दिन समर्पित है। वर्ष 1991 से भारत में 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई थी। 1 जुलाई को भारत के प्रख्यात चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी डॉ विधान चंद्र राय का जन्मदिन और पुण्यतिथि दोनों ही हैं। अतः 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस( National Doctor’s Day) मनाने का निर्णय लिया गया।

Dr. Bidhan Chandra Roy का नाम, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, एक वरिष्ठ चिकित्सक, विद्वान, शिक्षाविद, निर्भीक स्वतंत्रता सेनानी, प्रसिद्ध समाज सेवक और कुशल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ आधुनिक भारत के राष्ट्र निर्माता के रूप में बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ लिया जाता है। बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए जिसके लिए उन्हें ‘ बंगाल का मसीहा’ भी कहा जाता है। आइए जानते हैं विधान चंद्र राय के जीवन के विषय में-

कौन थे डॉक्टर विधान चंद्र राय (Who was Dr. Bidhan Chandra Roy)?

Bidhan Chandra Roy

डॉ बिधान चंद्र राय का नाम, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, एक वरिष्ठ चिकित्सक, विद्वान, शिक्षाविद, निर्भीक स्वतंत्रता सेनानी, प्रसिद्ध समाज सेवक और कुशल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ आधुनिक भारत के राष्ट्र निर्माता के रूप में बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ लिया जाता है। बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए जिसके लिए उन्हें ‘ बंगाल का मसीहा’ भी कहा जाता है।

डॉ बिधान चंद्र राय का जन्म कब हुआ था?

Dr. Bidhan Chandra Roy

डॉ बिधान चंद्र राय का जन्म 1 जुलाई सन 1882 को बिहार राज्य के पटना जिले में बांकीपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री प्रकाश चंद्र राय और माता का नाम श्रीमती कामिनी देवी था। विधान चंद्र अपने माता-पिता की पांच संतानों में सबसे छोटे थे। ऐसा कहा जाता है कि विधान चंद्र के पूर्वज बंगाल के राजघराने से संबंधित थे। लेकिन कालांतर में राजशाही का प्रभाव कम होता गया तथा पिता की सरकारी नौकरी के बावजूद विधान चंद्र की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।

डॉ बिधान चंद्र राय की प्रारंभिक शिक्षा कब हुई ?

विधान चंद्र की प्रारंभिक शिक्षा पटना के ही एक विद्यालय से हुई। मात्र 14 वर्ष की आयु में ही उनकी माता का देहांत होने के कारण वे अपने भाई बहनों के साथ मिलकर घर का कार्य स्वयं करते थे और अपने पिता को परिवार चलाने में सहयोग देते थे। उन्होंने गणित ऑनर्स की बी.ए. की परीक्षा पटना विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की। इस समय उन्हें सरकारी नौकरी का प्रस्ताव भी मिला लेकिन वे इंजीनियरिंग या डॉक्टरी में से किसी एक क्षेत्र में जाना चाहते थे।

डॉ बिधान चंद्र राय के राजनीतिक सफर के बारे में ?

विधान चंद्र राय 1922 में कोलकाता मेडिकल जनरल के संपादक और बोर्ड के सदस्य बने 1923 में उन्होंने बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उस समय के प्रसिद्ध नेता एवं अपने विपक्षी सुरेंद्रनाथ बनर्जी को पराजित कर देश की सक्रिय राजनीति में कदम रखा। देशबंधु चितरंजन दास उनके निकटतम सहयोगी बने। 1927 में देश बंधु जी की मृत्यु के पश्चात वे कांग्रेस के समानांतर बनी स्वराज पार्टी के उप नेता बन गए उसी समय उनकी भेंट सुभाष चंद्र बोस से हुई।

डॉक्टर विधान चंद्र राय मुख्यमंत्री कब बने थे ?

1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात डॉक्टर राय को केंद्रीय मंत्रिमंडल में सम्मिलित करने पर विचार हुआ। लेकिन अपने समाज सेवा कार्यों और चिकित्सा को प्राथमिकता देते हुए डॉक्टर विधान चंद्र राय ने स्पष्ट इंकार कर दिया लेकिन एक कांग्रेसी होने के नाते गांधी जी के कहने पर उन्हें अपने कर्तव्य के रूप में बंगाल के मुख्यमंत्री पद का दायित्व ग्रहण करना पड़ा।

डॉ बिधान चंद्र राय का निधन कब हुआ ?

डॉ बिधान चंद्र राय का 1 जुलाई 1962 में 80 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। डॉक्टर राय की मृत्यु पर पूरा राष्ट्र शोक में डूब गया। उनकी मृत्यु के पश्चात उनके सम्मान में 1967 में दिल्ली में डॉक्टर बी. सी. राय स्मारक पुस्तकालय और वाचनालय की स्थापना की गई। 1976 में उनके नाम पर डॉक्टर बी. सी. राय राष्ट्रीय पुरस्कार आरंभ किया गया। यह पुरस्कार चिकित्सा, दर्शन, साहित्य, कला और राजनीति विज्ञान के लिए दिया जाता है।

क्या है चिकित्सक का महत्व ?

Importance of doctors day : National Doctors Day

एक चिकित्सक को धरती पर ईश्वर का दूसरा रूप माना जाता है। ईश्वर जिस जीवन को एक बार देता है। चिकित्सक उस मूल्यवान जीवन की बार-बार रक्षा करता है। विश्व में कई ऐसे उदाहरण है जहां चिकित्सकों ने भगवान से भी बढ़कर कार्य किया है। यह एक ऐसा पेशा है जहां दवा और दुआ का अनोखा संगम देखने को मिलता है। किसी बच्चे को जन्म देना हो या किसी वृद्ध की जान बचानी हो, चिकित्सक सदैव मानव को मुसीबतों से बचाता है।

चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day, 01 July) Significance and importance

अमेरिका के जॉर्जिया निवासी डॉ चार्ल्स बी अलमोंद की पत्नी यूदोरा ब्राउन अलमोंद ने चिकित्सकों का महत्व रेखांकित करने की आवश्यकता महसूस की थी। उन्हीं के प्रयासों से 30 मार्च 1930 को अमेरिका में पहली बार चिकित्सक दिवस मनाया गया। 30 मार्च को चिकित्सक दिवस मनाने के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि जॉर्जिया में 30 मार्च को ही डॉक्टर क्राफोर्ड लोंग ने पहली बार ऑपरेशन के लिए एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया था। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य था चिकित्सकों का दैनिक जीवन में महत्व बताना।

भारत में चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?

भारत में चिकित्सकों के लिए 1 जुलाई का दिन समर्पित है। वर्ष 1991 से भारत में 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई थी। 1 जुलाई को भारत के प्रख्यात चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी डॉ विधान चंद्र राय का जन्मदिन और पुण्यतिथि दोनों ही हैं। अतः 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor’s Day) मनाने का निर्णय लिया गया।