December 23, 2024
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Electoral Bond को लेकर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की SBI को कही गई तीन बड़ी बातें

चुनावी बांड के मामले में अपनी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने जारी रखी है। और चुनावी बॉन्ड का मामला लगातार न्यूज़ हेडलाइंस बना रहा है। कल भी सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के बारे में तीन बड़ी बातें कहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा-

Electoral Bond को लेकर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट की SBI को कही गई तीन बड़ी बातें

चुनावी बांड के मामले में अपनी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने जारी रखी है। और चुनावी बॉन्ड का मामला लगातार न्यूज़ हेडलाइंस बना रहा है। कल भी सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के बारे में तीन बड़ी बातें कहीं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा-

1- भारतीय स्टेट बैंक(SBI) ने अदालत के आदेश के बावजूद इलेक्टोरल बांड से जुड़ा पूरा डेटा चुनाव आयोग को क्यों नहीं सौंपा।

2- भारतीय स्टेट बैंक ने चुनाव आयोग को यह नहीं बताया कि जो चुनावी बांड राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए खरीदे गए उन बॉन्ड का अल्फा न्यूमैरिक नंबर और सीरियल नंबर क्या था? यह नंबर कहां है? और कब आएंगे?

3- सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि एसबीआई को 21 मार्च तक चुनाव आयोग को सभी इलेक्टोरल बॉन्ड का अल्फा न्यूमैरिक नंबर और सीरियल नंबर बताना पड़ेगा और इस डाटा को सार्वजनिक करने के बाद एसबीआई को सुप्रीम कोर्ट में एक अलग हालकनामा दायर करके बताना पड़ेगा कि उसने इस मामले की किसी भी जानकारी को छुपाया नहीं है। एसबीआई के पास जितनी भी जानकारी थी उसने सब कुछ दे दिया है, जिससे आगे चलकर कोई विवाद की स्थिति में उत्पन्न न हो।

SBI ने क्या कहा?

एसबीआई ने कहा कि वह किसी भी जानकारी या डाटा को छुपाना नहीं चाहता और बैंक चुनाव आयोग को बॉन्ड्स नंबर से जुड़ा सारा डाटा सौंप देगा। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बॉन्ड नंबर से ही पता चलेगा कि किस कंपनी और किस उद्योगपति ने किस पार्टी को चुनावी बांड के जरिए चंदा दिया है।

अभी तक जो डाटा आया है उसके अनुसार उसमें यह तो बताया गया है कि किस पार्टी को कितना चुनावी चंदा मिला और किस उद्योगपति या कंपनी ने कितने रुपए के चुनावी बांड खरीदे हैं। लेकिन यह डाटा अभी तक नहीं आया है कि किस उद्योगपति ने या किस कंपनी ने किस पार्टी को चंदा दिया है। हालांकि कुछ पार्टियों ने यह जानकारी स्वत: ही सार्वजनिक कर दी है कि उन्हें कहां- कहां से चंदा मिला है, लेकिन बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उन्हें चंदा कहां से मिला है।

जिन पार्टियों ने जानकारी सार्वजनिक की है उनमें

एआईडीएमके, डीएमके, आप,जीडीएस, जदयू, राजद, समाजवादी पार्टी, एनसीपी और नेशनल कांग्रेस है, जिन्होंने चुनाव आयोग को यह जानकारी दी है कि उन्हें चंदा कहां से मिला है और किन उद्योगपति ने दिया है।

जिन पांच प्रमुख पार्टियों ने जानकारी नहीं दी है वह है-

भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, भारत राष्ट्र समिति और बीजू जनता दल।इन पार्टियों को चुनावी बांड के जरिए सबसे अधिक चंदा मिला है।

व्यापारिक संस्थाओं की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज

भारत में व्यापारियों से जुड़ी तीन बड़ी संस्थायें है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि सुप्रीम कोर्ट चुनावी बॉन्ड के यूनिक नंबर को सार्वजनिक करने का आदेश ना दे। यह जानकारी गोपनीय रखी जाए कि किस उद्योगपति ने किस पार्टी को चंदा दिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन संस्थाओं की मांग को अस्वीकार कर दिया है।