November 22, 2024
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UP News: योगी ने वो कर दिखाया जो अखिलेश नहीं कर पाए

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UP News: बनारस में दो बड़े होटल बनारस कोठी और होटल रिवर पैलेस पर शासन अपनी बड़ी कार्रवाई करते हुए होटल को सील कर दिया है।जिस निर्माण को गिराने का आदेश 2016 में हुआ था लेकिन अखिलेश यादव की सरकार गिरा नहीं पाई उस काम को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कर दिया। वाराणसी में VDA का हथौड़ा शहर के सबसे बड़े और आलीशान होटल पर चला लेकिन यह कार्रवाई क्यों हुई? आइए जानते हैं-

90 कमरों के पांच मंजिला होटल पर प्रशासन का हथौड़ा चल गया है। बनारस की दो बड़े होटल बनारस कोठी और होटल रिवर पैलेस पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चला दिया। होटल को वाराणसी डेवलपमेंट अथॉरिटी ने पूरी तरह से सील कर दिया है। होटल की सीढ़िया अंदर के कमरों की दीवारों को प्रशासन ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।

यह दोनों होटल वाराणसी के सबसे आलीशान होटलों में गिने जाते थे। वाराणसी में इनसे बड़ा कोई दूसरा होटल नहीं था। इसमें एक साथ 600 लोगों के ठहरने का इंतजाम था लेकिन अब इसका नक्शा पूरी तरह से बदल गया है। होटल के अंदर मौजूद दीवारें तोड़ दी गई है। एक-एक कमरे के दरवाजे और खिड़कियों को तोड़ दिया गया है। कमरे और गैलरी में बनी डिजाइन को भी हथौड़े से तोड़ दिया गया है। प्रशासन का हथौड़ा चलने के बाद दोनों होटल को सील कर दिया गया है।

प्रशासन की कार्यवाही के दौरान जमकर हंगामा हुआ होटल मालिक और प्रशासन के बीच नोक झोंक भी हुई। VDA ने पूरी कार्यवाही को भारी पुलिस दल की मौजूदगी में अंजाम दिया।

बनारस कोठी और होटल रिवर पैलेस को सील क्यों किया गया ?

खुर्शीद आलम की बनारस कोठी को लेकर 10 सालों से विवाद चल रहा है। पहले भी होटल को सील किया जा चुका है। होटल को तोड़ने का नोटिस मिल चुका है लेकिन तब सपा की सरकार थी। पैसा पावर और सेटिंग के दम पर खुर्शीद आलम अपने होटल को बचाता आ रहा था लेकिन योगी की सरकार में आखिरकार बनारस कोठी पर भी बुलडोजर चल गया। इस होटल के खिलाफ 2015 में भी कार्रवाई हुई थी और होटल सील किया गया था लेकिन इसके बावजूद होटल चल रहा था। आरोप है कि जब-जब प्रशासन होटल को तोड़ने और सील करने पहुंचता था तब तक खुर्शीद आलम महिलाओं को आगे कर देता था।

VDA के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग का कहना है कि

“2016 में इसे नष्ट करने का आर्डर आया था। इसके उपरांत उनके द्वारा कई स्तर प रकमिश्नर के यहां, शासन में, हाई कोर्ट में अपील की गई लेकिन सभी जगह से उनकी अपील खारिज कर दी गई। 2017-18 में भी होटल कोशिश करने का प्रयास किया गया था। तब भी इनके द्वारा महिलाओं को आगे करके सीलिंग और तोड़ने की कार्यवाही रोकने का प्रयास किया गया था। 2017-18 में सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में होटल मालिक खुर्शीद आलम के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। उसके बाद भी जब आदेश पारित किया गया तो ना हीं इनके द्वारा होटल सील किया गया और ना ही होटल का संचालन बंद किया गया।

इस बार भी थी विरोध की पूरी तैयारी

इस बार भी खुर्शीद आलम विरोध की पूरी तैयारी में था। उनका पूरा परिवार होटल के ऊपरी पर रह रहा था और मीडिया की टीम पुलिस के साथ जैसे ही पहुंची हंगामा शुरू हो गया।

VDA के मुताबिक दोनों होटल वरुणा नदी के डूब क्षेत्र में बनाया गया है। वरुणा नदी के 50 मीटर तक के इलाके में किसी भी तरह के निर्माण पर रोक है लेकिन इसके बाद भी खुर्शीद आलम ने पांच मंजिला होटल बना दिया। यह होटल रेजिडेंशियल इलाके में है। लेकिन खुर्शीद आलम कमर्शियल एक्टिविटी कर रहे थे। दोनों होटल को मिलाकर कुल 92 कमरे हैं।

2 मार्च 2012 को 3 मंजिला इमारत बनाने के लिए आवासीय नक्शा पास कराया गया था लेकिन पास के भूखंड संख्या 18 और 19 को जोड़कर 6 मंजिला होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस बना दिया गया। आरोप है कि 2015 में खुर्शीद आलम ने सत्ता दल के नेता और अधिकारियों से सांठ गांठ करके दोनों होटल का संचालन फिर से शुरू कर दिया लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने वो कर दिखाया जो अखिलेश यादव की सरकार नहीं कर पाई। हालांकि इस मामले पर अब मुस्लिम नरेटिव भी फैलाया जा रहा है।