वायनाड सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में क्या राहुल गांधी बचा पाएंगे अपनी सीट ?: Wayanad Seat, Lok Sabha Election 2024
वायनाड सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में क्या राहुल गांधी बचा पाएंगे अपनी सीट ?: Wayanad Seat, Lok Sabha Election 2024
Wayanad Seat, Lok Sabha Election 2024: भाजपा और कांग्रेस दक्षिणी राज्यों में खुद को मजबूत करने में जुटी हैं।वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत के वायनाड सीट का महत्व अचानक बढ़ गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी इस घोषणा के साथ ही सीट पर देशभर की नजरें हैं। वायनाड से कांग्रेस तीन बार से लगातार चुनाव जीतती रही है। अब कांग्रेस को इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद लगातार चौथी जीत की उम्मीद है।
क्या कांग्रेस की यह उम्मीद पूरी हो पाएगी? क्या राहुल गांधी इस लोकसभा सीट से दोबारा सांसद चुने जाएंगे? और भाजपा ने राहुल गांधी को टक्कर देने के लिए किसको उतारा है चुनावी मैदान में आईए जानते हैं-
उत्तरी केरल की वायनाड लोक सभा सीट 2009 में परिसीमन के बाद प्रदेश के तीन जिलों कोझीकोड, मलप्पुरम और वायनाड को मिलाकर बनी है। वायनाड केरल के 20 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। इस वर्ष 2009 में कुल 7 विधानसभा सीटों को मिलाकर बनाया गया था। वायनाड सीट के कुछ हिस्से तमिलनाडु और कर्नाटक की सीमा के नजदीक है।
क्यों खास है वायनाड सीट ?
वायनाड केरल के उत्तर पूर्व में स्थित है। 1 नवंबर 1980 को जिले के तौर पर इसका उदय हुआ था।यह राज्य का 12वां जिला बना था। वायनाड वायल नाडु शब्द से बना है, जिसका मतलब धान की भूमि होता है। यह तमिलनाडु और कर्नाटक से लगता हुआ जिला है। पर्यटन के लिहाज से यह जिला बेहद खास है। इसे ग्रीन पैराडाइज भी कहते हैं। यह क्षेत्र धान, चाय के बागान जंगलों और पहाड़ों से घिरा है। इस क्षेत्र की पहचान मसाले, बांस से जुड़े उत्पाद, शहद, चाय और औषधीय पौधों से भी हैं।
राहुल गांधी वायनाड से दूसरी बार लड़ रहे हैं चुनाव
अमेठी से तीन बार सांसद रहे राहुल गांधी 2019 में वायनाड से पहली बार सांसद चुने गए। इसके बाद वह लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे। राहुल 16 दिसंबर 2017 को कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। 2019 के आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। ‘मोदी’ उपनाम टिप्पणी मामले में सूरत की अदालत ने मार्च 2023 में राहुल गांधी को दोषी ठहराया था। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता चली गई। सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर राहुल गांधी की सांसदी बहाल हुई। अब एक बार फिर राहुल गांधी वायनाड की जनता के बीच हैं और एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं।
राहुल गांधी को टक्कर देंगे भाजपा के के सुरेंद्रन
भाजपा ने वायनाड लोकसभा सीट से के सुरेंद्र को मैदान में उतारा है। के सुरेंद्रने भाजपा के 11वें प्रदेश अध्यक्ष हैं। कोझिकोड के रहने वाले सुरेंद्रन ने भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। सुरेंद्रन केमिस्ट्री से बीएससी हैं।चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में सुरेंद्रन ने बताया है कि उन पर 242 आपराधिक मामले दर्ज हैं। अधिकतर मामले 2018 में हुए सबरीमाला विरोध प्रदर्शन से संबंधित हैं।
वायनाड सीट पर है त्रिकोणीय मुकाबला
केरल की वायनाड सीट पर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला है। राहुल गांधी के मुकाबले के लिए भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन को मैदान में उतारा है। भाकपा ने पार्टी महासचिव डी राजा की पत्नी एनी राजा को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है। वायनाड सीट पर 40% मतदाता मुस्लिम हैं और हिंदू मतदाताओं की आबादी भी करीब इतनी ही है।
वायनाड में क्या है भाजपा की स्थिति ?
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल 9,14,226 वोट पड़े थे। इसमें कांग्रेस को 3,77,035 वोट और सीपीआई को 3,56,165 वोट मिले थे। वहीं भाजपा 80,000 वोटों के साथ तीसरे पायदान पर थी। 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस को 7,06,367 वोट और सीपीआई को 2,74,59 वोट मिले थे। 2019 में एनडीए ने भारत धर्म जन सेवा(BDJS ) के अध्यक्ष तुषार वेलापल्ली को मैदान में उतारा था। 2014 की तुलना में पार्टी को 2019 में कम वोट मिले थे।
क्या है वायनाड सीट पर मतदाता समीकरण ?
वायनाड केरल में सबसे अधिक जनजातीय आबादी वाला जिला है। वायनाड लोकसभा क्षेत्र में 80 से ज्यादा गांव और सिर्फ चार कस्बे हैं। हिंदू और मुस्लिम मतदाता ही तय करता है की जीत का सिकंदर कौन होगा। इस सीट पर 40% मतदाता मुस्लिम है। हिंदू मतदाताओं की आबादी भी करीब 40% है। 20% मतदाता ईसाई हैं। वहीं एससी मतदाता 7 और एसटी मतदाताओं की संख्या 9.3 प्रतिशत है।