क्या उजियारपुर में अपना किला बचा पाएंगे Nityanand Rai ?: Lok Sabha Election 2024
Nityanand Rai, Ujiarpur Lok Sabha Seat: बिहार की उजियारपुर सीट से भाजपा ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को प्रत्याशी बनाया है। नित्यानंद राय का मुकाबला राजद प्रत्याशी आलोक मेहता से हैं। राजद और भाजपा दोनों के लिए बिहार की उजियारपुर लोकसभा सीट एक प्रतिष्ठित सीट है।भाजपा के नित्यानंद राय पर तीसरी बार जीत दर्ज करने की चुनौती है। उजियारपुर लोकसभा सीट से तीसरी बार हैट्रिक लगाने के लिए प्रयासरत कौन हैं नित्यानंद राय
कौन हैं नित्यानंद राय ?(Who is Nityanand Rai?)
नित्यानंद राय भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक है। उनका जन्म 1 जनवरी 1960 को बिहार के हाजीपुर में एक यादव परिवार में हुआ था। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा को तत्कालीन बिहार सरकार के ऐलान के बावजूद हाजीपुर से सकुशल पार करने से सूबे की राजनीति में चर्चित हुए नित्यानंद राय की पहचान एक निर्भीक नेता की है।
छात्र जीवन से आए राजनीति में
नित्यानंद राय का राजनीतिक सफर 1981 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में शुरू हुआ। 1990 में वह भाजपा में शामिल हो गए वह युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव, महासचिव और प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में नित्यानंद राय को हाजीपुर से टिकट मिला और वह चुनाव जीत गए वह हाजीपुर से लगातार चार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।
बिहार सरकार को दी थी चुनौती
1990 में बिहार की लालू सरकार को सीधी चुनौती देने वाले नित्यानंद राय का राजनीतिक ग्राफ लगातार बढ़ता गया। उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने ऐलान किया था कि वह लालकृष्ण आडवाणी के रथ को गांधी सेतु पार नहीं करने देंगे। उस समय नित्यानंद की उम्र मात्र 23 वर्ष थी। नित्यानंद ने महापंचायत बुलाकर ऐसा जनसमर्थन जुटाया की सरकार आडवाणी का रथ हाजीपुर में रोकने का साहस नहीं जुटा पाई ।
उजियारपुर से दो बार रह चुके हैं सांसद
खेती किसानी और गांव देहात की राजनीति से शुरुआत करने वाले नित्यानंद राय देश के गृह राज्य मंत्री हैं। वह 2014 और 2019 में लगातार दो बार जीत कर उजियारपुर से सांसद बन चुके हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान नित्यानंद राय प्रदेश भाजपा अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में ही बिहार में भाजपा ने चुनाव लड़ा जिसमें एनडीए ने 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी। अब नित्यानंद राय प्रदेश के वरिष्ठ नेता है और अपनी जीत के साथ ही पार्टी और एनडीए गठबंधन को 2019 के समान जीत दिलाने का दारोमदार भी उन पर है। इसे लेकर वह अपने क्षेत्र में मेहनत करने के साथ घटक दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने में जुटे है।
उजियारपुर लोकसभा सीट से तीसरी बार हैट्रिक लगाने के लिए नित्यानंद राय एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। वह स्वयं क्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं इसके अलावा पार्टी के अन्य नेता भी उजियारपुर में ही कैंप कर रहे हैं।
उजियारपुर लोकसभा सीट पर 2009 से है एनडीए का दबदबा
उजियारपुर लोकसभा सीट पर 2009 से ही एनडीए का कब्जा रहा है।बिहार की उजियारपुर सीट 2009 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। 2009 में राजद के आलोक मेहता को जदयू की अश्वमेध देवी ने हराया था। लेकिन 2014 के भाजपा जदयू गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने नित्यानंद राय पर दांव लगाया और उस समय भी राजद के आलोक मेहता मैदान में थे लेकिन नित्यानंद राय ने जीत दर्ज की और आलोक मेहता को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। 2019 के चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रहे रालोमों के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा से नित्यानंद राय का मुकाबला हुआ, लेकिन 2019 के चुनाव में नित्यानंद राय ने न सिर्फ जीत दर्ज की बल्कि वोटो का अंतर भी बढ़ा ।
अब एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में नित्यानंद राय का मुकाबला राजद के पुराने प्रत्याशी आलोक मेहता से हैं, क्या नित्यानंद राय 2024 में जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे? यह देखने वाली बात होगी।