September 8, 2024
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फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह हैट्रिक लगाने के प्रयास में

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2024 के लोकसभा चुनाव में वर्तमान में केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता गिरिराज सिंह को भाजपा ने फिर से बेगूसराय सीट से मैदान में उतारा है। बेगूसराय में गिरिराज सिंह का मुकाबला अवधेश कुमार राय से है। गिरिराज सिंह के ऊपर जहां जीत की हैट्रिक लगाने की जिम्मेदारी है वहीं भाजपा की जीत के सिलसिले को तोड़ने और गिरिराज सिंह को चुनौती देने की जिम्मेदारी एकजुट विपक्षी गठबंधन ने अपने संयुक्त उम्मीदवार अवधेश कुमार राय के कंधों पर डाली है।

भाजपा सांसद गिरिराज सिंह पार्टी का प्रमुख हिंदूवादी चेहरा हैं।वह अपने विवादित बयानों की वजह से देश भर में फायर ब्रांड नेता की छवि रखते हैं। इस चुनाव में गिरिराज लगातार दूसरी बार बेगूसराय से चुनाव मैदान में उतरे हैं। विरोधियों को बात- बात पर पाकिस्तान भेजने का फरमान जारी करने वाले गिरिराज सिंह पहले स्थान पर राष्ट्र दूसरे पर दल और खुद के लिए तीसरा स्थान बताते हैं।

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इस लोकसभा चुनाव में गिरिराज सिंह के सामने सांसदी की हैट्रिक लगाने की चुनौती है। वह एक बार नवादा और एक बार बेगूसराय से लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। अपने तीसरे संसदीय चुनाव में उनका मुकाबला भाकपा प्रत्याशी से है।

गिरिराज सिंह का राजनीतिक सफर

8 सितंबर 1952 को बरहिया लखीसराय में जन्मे गिरिराज सिंह ने स्नातक करने के बाद एक कंपनी की पंप सेट की एजेंसी लेकर बेगूसराय में ही व्यवसाय शुरू किया, लेकिन गिरिराज सिंह के जीवन ने सियासी मोड़ तब लिया जब एक विवाह समारोह में उनकी मुलाकात कैलाशपति मिश्र से हुई। उनसे प्रेरित होकर 1985- 86 में उन्होंने भाजपा का थमन थामा और पटना जाकर भजयुमो से जुड़ गए। भाजयुमो के बेगूसराय समस्तीपुर व खगड़िया के संगठन प्रभारी रहने के साथ 1990 में गिरिराज सिंह प्रदेश भजयुमो की टीम में महासचिव बने।

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गिरिराज सिंह की राज्य में राजनीतिक पारी वर्ष 2000 के बाद शुरू हुई। 2002 में वह बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। लगातार दो कार्यकाल में वर्ष 2014 तक वह विधान पार्षद रहे। साल 2014 में गिरिराज सिंह केंद्रीय राजनीति में आए। नवादा से पहली बार सांसद चुने जाने के बाद वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री बने। वर्ष 2019 में पहले पशुपालन और बाद में ग्रामीण विकास के कैबिनेट मंत्री बने।

प्रधानमन्त्री मोदी के प्रबल समर्थक

गिरिराज सिंह कट्टर हिंदुत्व छवि के नेता है। एक संप्रदाय विशेष को लेकर दिए जा रहे बयान के कारण गिरिराज सिंह कट्टर हिंदुत्व की छवि पेश करते हैं। हिंदुओं को अधिक संतान उत्पन्न करने की नसीहत देने वाले गिरिराज दूसरे धर्म में आबादी नियंत्रण की नसीहत देते हैं। गिरिराज सिंह मंत्री बनने से पहले विधान परिषद और संसद की कई समितियों के सदस्य भी रहे हैं। वह प्रधानमंत्री के प्रबल सफलता समर्थक हैं। भाजपा की ओर से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करने के पहले ही गिरिराज सिंह उनके पक्ष में सार्वजनिक तौर पर बयान देते रहते थे।

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स्वास्थ्य कारणों के अलावा उम्र के एक पड़ाव पर पहुंच चुके गिरिराज सिंह का यह अंतिम चुनाव माना जा रहा है। उनकी कोशिश है कि इस बार वह रिकॉर्ड मतों से चुनाव में जीत दर्ज करें। इसके लिए वह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का अपने क्षेत्र में दौरा और आक्रामक प्रचार कर रहे हैं। गिरिराज सिंह 2024 के लोकसभा चुनाव में हैट्रिक लगाने की के प्रयास में है।