November 23, 2024
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Sharad Purnima 2023: शरद पूर्णिमा पर बन रहे चार शुभ संयोग पर करें ये उपाय, होगी मां लक्ष्मी की कृपा

शरद पूर्णिमा पर बन रहे चार शुभ संयोग पर करें ये उपाय, होगी मां लक्ष्मी की कृपा: आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। पूरे वर्ष में केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा षोडश कलाओं से युक्त होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत झरता है। धर्म शास्त्रों में इस दिन ‘कोजागर व्रत’ माना गया है। इसी को ‘कौमुदी व्रत’ भी कहते हैं।

Sharad Purnima 2023_शरद पूर्णिमा 2023_Spiritual blogs
आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) कहते हैं

आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) कहते हैं। इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है। पूरे वर्ष में केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा षोडश कलाओं से युक्त होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत झरता है। धर्म शास्त्रों में इस दिन ‘कोजागर व्रत’ माना गया है। इसी को ‘कौमुदी व्रत’ भी कहते हैं।

शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) से ही कार्तिक स्नान और व्रत आरंभ हो जाता है इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के अत्यंत समीप आ जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन आकाश एकदम साफ होता है। शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) की रात में भ्रमण और चंद्रकिरणो का शरीर पर पड़ना शुभ माना जाता है। शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) कार्तिक स्नान के साथ राधा- दामोदर पूजन व्रत धारण करने का भी दिन है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों संग रास रचाया था।

र्ष 2023 में शरण पूर्णिमा (Sharad Purnima) पर चार शुभ योग बन रहे हैं साथ ही इस दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। कब है शरद पूर्णिमा और इस शरद पूर्णिमा क्या करने से होगी लक्ष्मी की कृपा आइए जानते हैं-

कब है शरद पूर्णिमा ?

वर्ष 2023 में शरद पूर्णिमा (Sharad Purima) 28 अक्टूबर शनिवार के दिन है। इस दिन वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है, जो भारत में भी दिखाई देगा। ऐसे में भारत में इसका सूतक काल मान्य होगा। चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण रात्रि 1:05 पर शुरू होगा और 2:23 पर समाप्त हो जाएगा। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 28 अक्टूबर को सुबह 4:18 से हो रहा है, जो 29 अक्टूबर को 1:54 पर समाप्त हो जाएगा। शरद पूर्णिमा का व्रत 28 अक्टूबर को ही रखा जाएगा।

Sharad Purnima पर बन रहे चार शुभ संयोग

Sharad Purnima के दिन मां लक्ष्मी का प्राकट्य भी हुआ था इसीलिए यह दिन शुभ एवं महत्वपूर्ण माना जाता है। शरद पूर्णिमा पर चंद्र देव की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। वर्ष 2023 के शरद पूर्णिमा पर चार शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग शश योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग भी रहने वाला है।

शुभ संयोग में किए गए कुछ उपायों से आर्थिक तंगी दूर हो जाएगी। ये उपाय इस प्रकार हैं -

मां लक्ष्मी की पूजा करें

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से प्रसन्न होकर मां लक्ष्मी सुख, समृद्धि, धन, वैभव का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। अतः इस दिन विधि विधान से दूसरों की पूजा करें और उनके बीजमंत्रो का जाप करें।

महालक्ष्मी अष्टक का पाठ करें

शरद पूर्णिमा पर महालक्ष्मी अष्टक का या महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से लक्ष्मी की कृपा बरसती है।

मां लक्ष्मी को अर्पित करें पान का पत्ता

मां लक्ष्मी को पान का पत्ता अत्यंत प्रिय है अतः इस दिन मां लक्ष्मी को पान का पत्ता अर्पित करें। पूजा के बाद पान के पत्तों को परिवार के सदस्यों में बांट दे।ऐसा करने से वर्ष भर माता की कृपा बनी रहती है।

मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं

मां लक्ष्मी को खीर अत्यंत प्रिय है। शरद पूर्णिमा के दिन खीर का भोग लगाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। चंद्र ग्रहण के कारण खीर में तुलसी दल डाल दें और ग्रहण समाप्त होने के बाद प्रसाद ग्रहण करें।

गाय की सेवा करें

शरद पूर्णिमा के अवसर पर गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं ऐसा माना जाता है कि गाय की सेवा से घर में दरिद्रता दूर होती है और खुशहाली आती है।

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