July 27, 2024

Karva Chauth 2023: करवा चौथ व्रत से जुड़े रोचक तथ्य एवं मान्यताएं

Karva Chauth 2023: करवा चौथ व्रत से जुड़े रोचक तथ्य एवं मान्यताएं: भारत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में करवा चौथ का पर्व प्रमुख रूप से मनाया जाता है। करवा चौथ स्त्रियों का सर्वाधिक प्रिय व्रत है। करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्दशी को किया जाता है। वैसे तो प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी और चंद्रमा का व्रत किया जाता है परंतु करवा चौथ का सर्वाधिक महत्व है।

Karva Chauth 2023 In hindi (करवा चौथ)

करवा चौथ पर सौ वर्ष बाद बन रहा शुभ संयोग

भारत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में करवा चौथ (Karva Chauth) का पर्व प्रमुख रूप से मनाया जाता है। करवा चौथ स्त्रियों का सर्वाधिक प्रिय व्रत है। करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्दशी को किया जाता है। वैसे तो प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी और चंद्रमा का व्रत किया जाता है परंतु करवा चौथ का सर्वाधिक महत्व है।

करवा चौथ (Karva Chauth) का व्रत सौभाग्यवती स्त्रियां अचल सुहाग, पति की दीर्घायु, स्वस्थ एवं मंगल कामना के लिए करते हैं। वामन पुराण में भी करवा चौथ का वर्णन मिलता है। इस दिन स्त्रियां पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को चंद्रमा निकलने के बाद अपना व्रत खोलती हैं। ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ व्रत रखने से वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है।

इस वर्ष करवा चौथ (Karva Chauth) पर सौ वर्ष बाद महासंयोग बन रहा है आईए जानते हैं करवा चौथ की तारीख, चंद्रोदय का समय, करवा चौथ की पूजा विधि और करवा चौथ पर बन रहे महासंयोग के बारे में-

कब है करवा चौथ? (When is Karva Chauth?)

karva Chauth का व्रत द्वापर युग में महाभारत काल से ही चला आ रहा है। भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को करवा चौथ के व्रत के बारे में बताया था। यह परंपरा आज भी चली आ रही है। दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए सुहागन स्त्रियां करवा चौथ का व्रत रखती हैं। वर्ष 2023 में कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 10:42 से शुरू हो रही है जो अगले दिन 1 नवंबर की रात 9:19 पर समाप्त होगी। अतः करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा।

करवा चौथ में चंद्रोदय का समय

करवा चौथ (Karva Chauth) की रात में चंद्रोदय 8:15 बजे होगा पूजा का शुभ मुहूर्त सायं 5:36 से 6:54 तक रहेगा। अमृत काल सायं 7:34 से 9:13 तक रहेगा। इस समय में चंद्रमा का दर्शन करके पारण करना शुभ रहेगा।

करवा चौथ पर बन रहे महासंयोग

वर्ष 2023 का करवा चौथ बहुत शुभ रहने वाला है क्योंकि 2023 के करवा चौथ पर 100 वर्ष बाद शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। चंद्रमा में एक साथ मंगल और बुध विराजमान है जिस कारण बुध आदित्य योग बन रहा है। करवा चौथ के दिन शिवयोग और सर्वार्थ योग भी बन रहा है। इसलिए इस करवा चौथ पर व्रत रखना शुभ फलदायी रहने वाला है,स्त्रियों की सभी मानोकामनाएं पूर्ण होगी।

करवा चौथ व्रत से जुड़ी मान्यताएं (Beliefs related to Karva Chauth)

  • करवा चौथ व्रत रखने वाली स्त्रियों को प्रातः काल स्नान के बाद आचमन करके पति, पुत्र पौत्र तथा सुख सौभाग्य की इच्छा का संकल्प कर इस व्रत को करना चाहिए।
  • करवा चौथ के दिन शिव पार्वती कार्तिकेय गणेश तथा चंद्रमा की पूजा का विधान है।
  • स्त्रियां चंद्रोदय के बाद चंद्र दर्शन करके अर्ध्य देकर जल ग्रहण करती हैं।
  • पूजा के बाद तांबे या मिट्टी के करवे में चावल, उड़द की दाल, सुहाग की सामग्री जैसे कंघी, शीशा,सिंदूर, चूड़ियां व रुपए रखकर दान करना चाहिए तथा सास के पांच छूकर फल मेवा व सुहाग की सारी सामग्री उन्हें देनी चाहिए।

पूजन सामग्री

कुमकुम, शहद,अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, चंदन, सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा,बिंदी, चुनरी,बिछुआ, मिट्टी का करवा, दीपक, कपूर, गेहूं, हल्दी, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, पानी का लोटा, लकड़ी का आसन, छलनी  8 पूरियों की अठावरी और हलवा।

करवा चौथ की पूजा विधि

करवा चौथ (Karva Chauth) के दिन स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लें इस दिन निर्जला व्रत रखें। पूजन सामग्री को एकत्रित करें दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा को चित्रित करें। आठ पूरियो की अठावरी हलवा और पकवान बनाएं। इसके बाद पीली मिट्टी से गौरी बनाकर उनकी गोद में गणेश जी बनाकर बिठाएं। चौक बनाकर उस पर लकड़ी का आसान रखकर आसन पर गौरी और शंकर को बिठाएं और गौरी को चुनरी बिंदी पहनाकर उनका श्रृंगार करें। 

गौरी गणेश और चित्रित करवा की परंपरा अनुसार पूजा करें और कथा सुने।कथा सुनने के उपरांत सास का पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें करवा दे दें।रात्रि में चंद्रोदय के बाद छलनी की ओट से चंद्रमा को देखें और अर्घ्य दें उसके बाद पति से आशीर्वाद लेकर उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी अपना व्रत खोलें।

About Karva Chauth on wikipedia:  https://en.wikipedia.org/wiki/Karva_Chauth