उड़ीसा के संबलपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र प्रधान को भाजपा को सत्ता में लाने की चुनौती
2024 के लोकसभा चुनाव में राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी धर्मेंद्र प्रधान भाजपा उम्मीदवार के रूप में उड़ीसा की संबलपुर सीट से चुनाव मैदान में है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री और वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान लगभग दो दशक बाद चुनाव मैदान में उतरे हैं। इससे पहले 2004 में देवगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव के लिए चुने गए थे।
इस बार उड़ीसा के संबलपुर सीट पर धर्मेंद्र प्रधान का मुकाबला बीजू जनता दल के प्रणव प्रकाश दास से है। धर्मेंद्र प्रधान पर अपनी जीत के साथ ही भाजपा को सत्ता दिलाने का भी दारोमदार है। आईए जानते हैं भाजपा के वरिष्ठ नेता और उड़ीसा के संबलपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार धर्मेंद्र प्रधान के बारे में –
कौन हैं धर्मेंद्र प्रधान (Who is Dharmendra Pradhan) ?
धर्मेंद्र प्रधान का जन्म उड़ीसा के अनुगुल जिले के तालचेर शहर में 26 जून 1969 में हुआ था। राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने वाले धर्मेंद्र प्रधान के पिता देवेंद्र प्रधान केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 1999 से 2004 तक मंत्री थे।
धर्मेंद्र प्रधान ने प्रारंभिक शिक्षा अपने शहर से प्राप्त की थी। 1988 में उन्होंने तालचेर कॉलेज, उत्कल विश्वविद्यालय से बी.ए. तथा 1990 में वाणी विहाल उत्कल विश्वविद्यालय से एम.ए. किया।
धर्मेंद्र प्रधान का सियासी सफर
धर्मेंद्र प्रधान की राजनीतिक यात्रा छात्र राजनीति से शुरू हुई जब वे 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए। इस दौरान धर्मेन्द्र प्रधान आरएसएस से भी जुड़े। 1985 में तालचेर में ही छात्र संघ के अध्यक्ष भी बने। 1998 में धर्मेंद्र प्रधान भाजपा में शामिल हुए। 2004 में पहली बार 14वीं लोकसभा के लिए चुने गए।
2004 में धर्मेंद्र प्रधान 14वीं लोकसभा के उड़ीसा के देवगढ़ क्षेत्र से चुने गए। 1998 और 1999 में इसी सीट से उनके पिता चुनाव जीत चुके थे। राजनीति में लगातार आगे बढ़ने वाले धर्मेंद्र प्रधान को 2009 में उड़ीसा के पल्लाहारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनका राजनीतिक सफर नहीं रुका। वह पार्टी के संघटनात्मक कार्यों में लग रहे और सतत आगे ही बढ़ते रहे।
2012 में बने राज्यसभा सदस्य
धर्मेंद्र प्रधान को भाजपा ने 2012 में बिहार से राज्यसभा में भेजा और अगले कार्यकाल 2018 से 2024 के लिए मध्य प्रदेश से उच्च सदन में भेजे गए।
मोदी टीम के विश्वसनीय सदस्य
धर्मेंद्र प्रधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में शुरू से ही मंत्री रहे। पहले कार्यकाल में भारत सरकार में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री बनाए गए। इसके अलावा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय का काम भी देखते थे। मोदी के दूसरे कार्यकाल में भी उन्हें मंत्री पद दिया गया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री बनाए गए। इसके अलावा एमएसएमई मंत्री प्रधान इस्पात मंत्रालय का काम भी देख चुके हैं। उज्ज्वला योजना को लागू करने में धर्मेंद्र प्रधान की भूमिका अहम मानी जाती है।
पार्टी को मजबूत दावेदार बनाने में जुटे धर्मेंद्र प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान ने भाजपा को अपने दम पर चुनाव मैदान उतारने में अहम भूमिका निभाई है, जिससे भाजपा राज्य की सत्ता में आने के लिए मजबूत दावेदार बन सके। धर्मेंद्र प्रधान का मुकाबला बीजद के प्रणव प्रकाश दास के साथ है और धर्मेंद्र प्रधान इस चुनौती को स्वीकार कर पार्टी को जीत दिलाने में जुटे हैं।
प्रधान ने उड़िया अस्मिता को मुद्दा बनाकर भाजपा को लोकसभा ही नहीं विधानसभा में भी मजबूती से खड़ा किया है। यही वजह है कि बीजद धर्मेंद्र प्रधान को अपना सबसे बड़ा विरोधी मान रही है।
धर्मेंद्र प्रधान के राजनीतिक जीवन में चुनौतियां आती रही है। यह चुनौतियां उनके सियासी सफर का अंग रही हैं और उनसे पार पाना धर्मेंद्र प्रधान बखूबी जानते हैं। संबलपुर सीट पर भी धर्मेंद्र प्रधान के सामने भाजपा को सत्ता में लाने की चुनौती है। अब देखना यह है कि क्या धर्मेंद्र प्रधान इस चुनौतियों से पार पा कर भाजपा को सत्ता में ला पाते हैं?