September 8, 2024
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आम आदमी पार्टी को ED का समन, क्या खतरे में है आम आदमी पार्टी का अस्तित्व?

आम आदमी पार्टी को ED का समन: ईडी ने शराब घोटाला मामले में बुधवार को अपनी सातवीं चार्ज शीट अदालत में दायर की है, जिसमें कुल मिलाकर 38 आरोपियों का जिक्र है और उनमें मुख्यमंत्री केजरीवाल 37वें नंबर के आरोपी हैं। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी 38 वें नंबर की आरोपी बनाई गई है। भारत के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब किसी भ्रष्टाचार के आपराधिक मामले में किसी राजनीतिक पार्टी को आरोपी बनाया गया है और वह भी ऐसी पार्टी, जिसकी स्थापना ही भ्रष्टाचार की मुद्दे के खिलाफ हुई थी।

आम आदमी पार्टी को ED का समन, क्या खतरे में है आम आदमी पार्टी का अस्तित्व?

आम आदमी पार्टी को ED का समन: ईडी ने शराब घोटाला मामले में बुधवार को अपनी सातवीं चार्ज शीट अदालत में दायर की है, जिसमें कुल मिलाकर 38 आरोपियों का जिक्र है और उनमें मुख्यमंत्री केजरीवाल 37वें नंबर के आरोपी हैं। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी 38 वें नंबर की आरोपी बनाई गई है। भारत के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब किसी भ्रष्टाचार के आपराधिक मामले में किसी राजनीतिक पार्टी को आरोपी बनाया गया है और वह भी ऐसी पार्टी, जिसकी स्थापना ही भ्रष्टाचार की मुद्दे के खिलाफ हुई थी।

क्या आम आदमी पार्टी का अस्तित्व खतरे में है?

अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी का गठन किया था और 10 जुलाई 2024 को पार्टी दिल्ली के शराब घोटाले में खुद एक आरोपी बन गई है। इस पार्टी के आरोपी होने का सीधा अर्थ है कि यदि इस मामले में शराब घोटाले का आरोप सिद्ध हो जाता है तो जितनी सजा अरविंद केजरीवाल को होगी उतनी ही सजा आम आदमी पार्टी को भी दी जाएगी। ईडी द्वारा दायर सातवीं चार्ज शीट से आम आदमी पार्टी का अस्तित्व खतरे में आ गया है।

क्या लिखा है ईडी की चार्जशीट में ?

ईडी की चार्जशीट में यह लिखा है कि शराब घोटाले से जो पैसा आम आदमी पार्टी को मिला वह पैसा वर्ष 2022 में गोवा में हुए विधानसभा चुनाव पर खर्च हुआ। आम आदमी पार्टी ने रिश्वत के पैसे से गोवा का चुनाव लड़ा। उसे चुनाव प्रचार पर खर्च किया। आम आदमी पार्टी को गोवा की 40 विधानसभा सीटों में से दो सीटों पर जीत मिली थी और फिर उसी पैसे से उसे छः प्रतिशत वोट मिला जिसकी वजह से आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई।

ईडी ने इस मामले में 100 करोड रुपए मनी ड्रिल का पता लगाया है। ईडी के मुताबिक गोवा की विधानसभा चुनाव में हवाला के जरिए 45 करोड रुपए आम आदमी पार्टी को मिले। इस मामले में ईडी ने गोवा में विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले आम आदमी पार्टी के कुछ उम्मीदवारों और पदाधिकारियों से पूछताछ की थी, जिन्होंने ईडी को यह बताया था कि चुनाव लड़ने के लिए उन्हें कैश में पैसा मिला था। ईडी का कहना है कि यह वही पैसा था जो शराब घोटाले के बदले दक्षिण भारत के शराब कारोबारी की तरफ से रिश्वत के रूप में भेजा गया था और यह रिश्वत कैश में दी गई।

ईडी ने अपनी चार्ज शीट में उन नोटों के सीरियल नंबर का भी जिक्र किया है जो पैसा आम आदमी पार्टी को गोवा के चुनाव में हवाला के जरिए भेजा गया था। ईडी ने इस चार्ज शीट में विनोद चौहान के व्हाट्सएप चैट के का जिक्र किया है, जिसमें विनोद चौहान और चरणप्रीत सिंह के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर कई बार बात हुई है। विनोद चौहान केजरीवाल का करीबी माना जाता है और चरनप्रीत सिंह गोवा के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की चुनावी टीम का हिस्सा था। इन दोनों के बीच हवाले से आए पैसे को लेकर कई बार बात हुई है।

इस चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल के उन बयानों का भी जिक्र है जो दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इस चार्जशीट में बताया गया है कि जब ईडी ने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि क्या आदमी आम आदमी पार्टी का पूर्व मीडिया इंचार्ज विजय नायर उन्हें रिपोर्ट करता था तो केजरीवाल ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि विजय नायर उन्हें नहीं बल्कि उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था।

ईडी के मुताबिक विजय नायर ने ही शराब कारोबारी से डील करने के बाद उनकी बात अरविंद केजरीवाल से करवाई। इस घोटाले में विजय नायर एक बिचौलिए की भूमिका में था। चार्ज शीट में यह भी लिखा है कि कट्टर ईमानदार अरविंद केजरीवाल के पास एक नहीं बल्कि दो आईफोन हैं लेकिन उन्होंने अब तक इन फोन के पासवर्ड ईडी को नहीं बताए हैं। इससे इस घोटाले में अरविंद केजरीवाल की भूमिका और संदिग्ध हो जाती है।

एक अभियुक्त की तरह आम आदमी पार्टी पर चलेगा केस

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस तरह किसी भी आपराधिक मुकदमे में प्रत्येक अभियुक्त पर कानूनी धाराएं लगाकर उसके खिलाफ बाकायदा अदालत में केस चलाया जाता है, चार्जशीट दायर होती है। ठीक उसी तरह अब आम आदमी पार्टी के साथ हो रहा है। ईडी ने बुधवार को ही आम आदमी पार्टी के नाम से अपना पहला समन भी जारी कर दिया है और आम आदमी पार्टी को 12 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ईडी के समक्ष आम आदमी पार्टी की तरफ से कौन पेश होगा।

पार्टी की तरफ से कौन ईडी के समक्ष पेश होगा ?

नियमों के तहत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष या पार्टी के संयोजक को ईडी के समन का पालन करना चाहिए क्योंकि वह पार्टी के लिए जिम्मेदार होता है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल हैं लेकिन केजरीवाल पहले से जेल में बंद है। ऐसी स्थिति में ईडी जेल में जाकर पूछताछ कर सकती है या पार्टी के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी ईडी के सामने पेश हो। इस केस की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें जो भी पूछताछ होगी उसके सारे बयान आम आदमी पार्टी के नाम पर ही दर्ज होंगे और अदालत भी आम आदमी पार्टी को अभियुक्त मानकर अपना फैसला सुनायेगी।

क्या आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द कर दी जाएगी? कानून क्या कहता है?

The Representative of the People Act,1951 के तहत अगर कोई नेता किसी आपराधिक मुकदमे में दोषी साबित होता है और उसे अदालत 2 वर्ष या उससे ज्यादा की सजा सुनाती है तो उस नेता को अपना संवैधानिक पद छोड़ना पड़ता है। उसकी लोकसभा और विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी जाती है लेकिन आज तक कोई राजनीतिक पार्टी किसी आपराधिक मुकदमें में आरोपी नहीं बनी, इसलिए यदि भविष्य में आम आदमी पार्टी को शराब घोटाले में दोषी मान लिया जाता है तो उसकी भी मान्यता चुनाव आयोग रद्द कर सकता है। कानून में स्पष्ट रूप से लिखा है कि यदि कोई पार्टी फ्रॉड करके बनी है तो उस पार्टी की मान्यता रद्द की जा सकती है। यह बात सुप्रीम कोर्ट ने भी कही है।