सेना के इतिहास में पहली बार दो साथ पढ़े मित्र साथ-साथ संभालेंगे थल सेना और नौसेना की कमान
भारतीय सैन्य इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक ही स्कूल और एक ही कक्षा में पढ़ चुके दो सहपाठी भारतीय सेना और नौसेना के प्रमुख होंगे। 1970 के दशक की शुरुआत में मध्य प्रदेश के सैनिक स्कूल रीवा में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और सेवा प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी पांचवी क्लास में एक साथ पढ़ते थे। दोनों स्कूल के दिनों से ही अच्छे मित्र हैं।आज भी दोनों एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। दोनों अधिकारियों को जानने वाले एक रक्षा अधिकारी का कहना है कि “सेनाओं के बीच कामकाजी संबंधों को मजबूत करने में सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच मजबूत दोस्ती बहुत मायने रखती है।”
2 महीने के अंतर पर एक ही समय में हुई दोनों की नियुक्ति
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ऐसे मित्र हैं जिनकी नियुक्तियां भी दो महीने के अंतर पर एक ही समय में हुई है। जहां एडमिरल दिनेश तिवारी ने भारतीय नौसेना की कमान 1 मई को संभाली थी। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 30 जून को अपना नया पदभार ग्रहण किया। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी अब तक थल सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यरत थे।
कौन हैं लेफ्टीनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी?
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी भारत के वर्तमान थलसेना अध्यक्ष बने हैं। जनरल मनोज पांडे की जगह द्विवेदी सेना प्रमुख बने हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के पास चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर अभियानों का व्यापक अनुभव है। वह चीन के साथ विवादित सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चल रही बातचीत में सक्रिय रूप से शामिल थे। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को यू.एस. आर्मीवार कॉलेज, कार्लिस्ले, यूएसए में नेशनल डिफेंस कॉलेज के समकक्ष पाठ्यक्रम में ‘विशिष्ट फेलो से सम्मानित किया गया है।
नई सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने डिफेंस पर मास्टर ऑफ फिलॉसफी और स्ट्रैटेजिक ऑफ मिलिट्री साइंसेज में दो मास्टर डिग्री प्राप्त की है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को 15 दिसंबर 1984 को 18 जम्मू कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला था। करीब 40 वर्षों की अपनी लंबी सेवा के दौरान द्विवेदी ने कई कमान, स्टाफ, इंस्ट्रक्चरल और विदेशी नियुक्तियों में कार्य किया है। लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर उन्होंने महानिदेशक इन्फेंट्री समेत कई महत्वपूर्ण पदों को संभाला है। उन्हें ‘परम विशिष्ट सेवा पदक’ और ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’ जैसे सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है।
जनरल द्विवेदी ने 30 जून 2024 को अपना नया पदभार ग्रहण किया। सेना के उप प्रमुख का पद का पदभार ग्रहण करने से पहले वह 2022 से 2024 तक ऊधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ थे। जनरल ऑफिसर को उत्तरी और पश्चिमी दोनों थियेटरों के संतुलित अनुभव का अनूठा गौरव प्राप्त है। उत्तरी सेना कमांडर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने जम्मू कश्मीर में गतिशील आतंकवाद विरोधी अभियानों को संचालित करने के अलावा उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर अभियानों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और परिचालक निगरानी प्रदान की।