Kishore Kunal: पंचतत्व में विलीन हुए किशोर कुणाल, कौन हैं किशोर कुणाल?
Kishore Kunal (किशोर कुणाल): पूर्व आईपीएस अधिकारी और धार्मिक न्यास बोर्ड के संस्थापक किशोर कुमार आज पंचतत्व में विलीन हो गए उनका अंतिम संस्कार हाजीपुर के कौनहरा घाट पर हुआ। उनके बेटे सायन कुणाल ने उन्हें मुखाग्नी दी।
पटना में महावीर मंदिर न्यास के सचिव और अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापकों में से एक किशोर कुणाल का रविवार को कार्डियक अटैक से निधन हो गया। आचार्य किशोर कुणाल के निधन के बाद से बिहार समेत पूरे देश में शोक की लहर है। किशोर कुणाल का पटना में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया उन्हें अस्पताल लाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका। 74 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। किशोर कुमार बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के समधी थे।
आर्थिक उदारीकरण के जनक डॉ. मनमोहन सिंह की जीवन यात्रा
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को हुआ था। किशोर कुणाल ने अपनी स्कूली शिक्षा मुजफ्फरपुर के बरूराज गांव से ग्रहण की थी। इसके बाद पटना विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1972 में कुणाल किशोर गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी बने। 1983 में पटना के एसपी के तौर पर तैनात हुए।
भगवान महावीर में थी गहरी आस्था
किशोर कुणाल महावीर मंदिर से जुड़े और महावीर मंदिर को नई ऊंचाई तक ले गए। भगवान महावीर में आस्था के कारण उन्होंने आईपीएस की नौकरी से वीआरएस ले लिया। किशोर कुणाल बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। वे महावीर मंदिर के संस्थापक और वर्तमान में संस्थान के प्रमुख थे।
सेवानिवृत्त आईपीएस और धर्म – आध्यात्म एवं समाज सेवा की बड़ी शख्सियत आचार्य किशोर कुणाल 74 वर्ष के थे। कड़क और ईमानदार छवि के अधिकारी के रूप में चर्चित किशोर कुणाल ने अपने सेवा काल में कई कांडों का खुलासा किया था। आईपीएस से स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेने के बाद वह पूरी तरह आध्यात्मिकता में रम गए थे। उन्होंने महावीर मंदिर न्यास के सचिव रहते हुए न्यास के जरिए 9 अस्पताल स्थापित किए थे।
आचार्य किशोर कुणाल पटना के एसपी रहते हुए मशहूर बॉबी हत्याकांड का खुलासा किया था। इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए उन्होंने लाश को कब्र से निकलवाया था। जिसके बाद वे देशभर में चर्चित हुए थे।
किशोर कुणाल की किताब ने राम जन्मभूमि विवाद में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
आचार्य किशोर कुणाल राम जन्मभूमि ट्रस्ट के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तक ‘अयोध्या रिविजेटेड’ राम जन्म भूमि विवाद मामले की अंतिम सुनवाई का हिस्सा बनी थी। किशोर कुणाल ने राम मंदिर के लिए 10 करोड रुपए का दान भी किया था।
किशोर कुणाल के निधन पर सीएम नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत देश के वरिष्ठ नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है।