July 27, 2024

International Day of Disabled Persons 2023: जानिए कब और क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस ?

International Day of Disabled Persons 2023_अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 2023
International Day of Disabled Persons

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Day of Persons with Disabilities) प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस समाज एवं विकास के प्रत्येक स्तर पर दिव्यांगजनों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने पर जोर देता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं में दिव्यांग व्यक्तियों की स्थितियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का इतिहास (History of International Day of Persons with Disabilities)

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1981 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के रूप में घोषित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1883 से 92 को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस दशक घोषित किया था। 3 दिसंबर 1991 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस(International Day of Persons with Disabilities) मनाने की स्वीकृति प्रदान की। वर्ष 2006 में ‘कन्वेंशन ऑन द राइट आफ पर्सन्स विद डिसेबिलिटी’ को भी अपनाया गया था। भारत में दिव्यांगों से संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन होता है।

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क्या है दिव्यांगता (What is Disability)?

जब एक व्यक्ति विशिष्ट, किसी विशेष व्यक्ति के सामान्य मानक की तुलना में कोई कार्य करने में असमर्थ होता है तो ऐसे व्यक्ति को दिव्यांग कहा जाता है ‘दिव्यांगता’ शब्द का प्रयोग प्राय: व्यक्तिगत कामकाज को संदर्भित करने के लिए किया जाता है, जिससे शारीरिक हानि, संवेदी हानि, संज्ञानात्मक हानि, बौद्धक हानि, मानसिक बीमारी और विभिन्न प्रकार के जीर्ण रोग शामिल हैं।

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का क्या है महत्व (What is the Significance of International Day of Persons of with Disabilities)?

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Day of Persons with Disabilities) दिव्यांगता को समझने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस दिन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को एक समर्थ और समाहित समाज में शामिल होने का अधिकार है। इस दिन का महत्व दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर समाज में समर्थ बनाए रखने में समर्थन करने में है।

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अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के माध्यम से दिव्यांग जनों के अधिकारों की महत्ता पर बल दिया जाता है, जिससे उन्हें समाज में समान स्थान प्राप्त हो। इस दिन के माध्यम से समर्थन की बढ़ती आवश्यकता को उजागर करते हुए दिव्यांगजनों को समाज में और भी समर्थ बनाने का प्रयास किया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस समाज में दिव्यांगजनों के साथ सबका संबंध बढ़ाने का माध्यम प्रदान करता है तथा लोगों को दिव्यांगता के साथ जीवन जीने के लिए शिक्षा की महत्ता समझाने का अवसर मिलता है।

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का उद्देश्य (Objective of International Day of Persons with Disabilities)

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस(International Day of Persons with Disabilities) का मुख्य उद्देश्य है आधुनिक समय में शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त किया जाना। दिव्यांगजनों के साथ हो रहे भेदभाव को समाज और व्यक्ति दोनों की भूमिका रेखांकित होती है। दिव्यांग जनों के लिए भारत सरकार द्वारा कई प्रयास किए जाते रहे हैं जैसे, सरकारी सेवा में आरक्षण देना, योजनाओं में दिव्यांग जनों की भागीदारी को प्रमुखता देना आदि।

इसके अतिरिक्त इस दिन का मुख्य उद्देश्य है विश्व भर में दिव्यांगजनों के साथ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक भागीदारी को बढ़ावा देना। दिव्यांगजनों के अधिकारों समर्थन और समाज में उनके सौहार्द बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का आयोजन किया जाता है।

कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (How is International Day of Persons with Disabilities Celebrated) ?

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Day of Persons with Disabilities) के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। विभिन्न स्थानों पर सेमिनार और वेबीनार का आयोजन दिव्यांगजनों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए किया जाता है। दिव्यांग दिवस के अवसर पर लोगों को दिव्यांगता के प्रकारों, उनके अधिकारों और समर्थन के बारे में जानकारी दी जाती है। दिव्यांग कलाकारों को इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मंच पर लाने का प्रयास किया जाता है जिससे वह अपनी कला और अपने हुनर को प्रदर्शित कर सके और समाज में समानता प्राप्त कर सकें।
इस प्रकार अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस एक सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक आयोजन है जो दिव्यांगजनों को समाज में समानता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस का संदेश (Message of International Day of Persons with Disabilities)

आज विश्व में हजारों- लाखों लोग दिव्यांगता का अभिशाप झेल रहे हैं, लेकिन दिव्यांगता एक अभिशाप नहीं है। शारीरिक अक्षमता को प्रेरणा बनकर व्यक्तित्व का विकास किया जा सकता है। मेडम किलर के अनुसार –

“दिव्यांगता हमारा प्रत्यक्षण है देखने का तरीका है। यदि सकारात्मक रहा जाए तो अभाव भी विशेषता बन जाते हैं।”

दिव्यांग जनों का मजाक बनाना उन्हें कमजोर और असहाय समझना तथा दूसरों पर आश्रित समझना एक भूल और सामाजिक रूप से एक गैर- जिम्मेदाराना व्यवहार है। दिव्यांग लोग भी आम व्यक्ति की तरह इंसान होते हैं और वह अपनी कमजोरी के साथ उठ सकते हैं। इसलिए हमें दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे वे अपनी शारीरिक अक्षमता से ऊपर उठकर अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकें।
पंडित श्री राम शर्मा आचार्य ने एक सूत्र दिया है-

“किसी को कुछ देना हो तो सबसे उत्तम है कि आत्मविश्वास जगाने वाला उत्साह व प्रोत्साहन दें।”

विश्व में ऐसे कहीं उदाहरण है जो यह दर्शाते हैं कि सही दिशा मिलने पर अभाव भी विशेषता बनकर सबको चमत्कृत कर देती है

भारत में दिव्यांगता

यद्यपि आज भारत विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है। भारत ने कई उपलब्धियां प्राप्त कर ली है।चांद पर पहुंचने के साथ ही आज भारत सूर्य पर पहुंचने की ओर अग्रसर है, लेकिन आज भी हमारे देश में दिव्यांगता एक अभिशाप मानी जाती है। दिव्यांगों को समाज में हीन दृष्टि से देखा जाता है। ऐसे लोग जो किसी दुर्घटना में या प्राकृतिक आपदा के कारण शारीरिक रूप से अक्षम हो गए हैं अथवा जो जन्म से ही दिव्यांग है उन्हें हीन दृष्टि से देखने के स्थान पर उनसे सहानुभूति दिखाकर उनकी सहायता करनी चाहिए।

दिव्यांगता शारीरिक अथवा मानसिक हो सकती है किंतु सबसे बड़ी दिव्यांगता हमारे समाज की उस सोच में है जो दिव्यांगजनों को हीन दृष्टि से देखती हैं। अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Day of Persons with Disabilities) पर विभिन्न कार्यक्रम किए जाते हैं,कई तरह की आयोजन होते हैं, रैलियां निकाली जाती हैं,लेकिन कुछ समय पश्चात उसे भुला दिया जाता है और दिव्यांगजन की स्थिति पूर्वावत हो जाती है। वह हताश और निराश हो जाते हैं।

अतः अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस (International Day of Persons with Disabilities) पर ही नहीं अपितु सदैव दिव्यांगजनों के प्रति प्रेम और सहानुभूति दर्शाकर उनके आत्म विश्वास और मनोबल को बढ़ायें, जिससे वह अपनी शारीरिक अक्षमता से ऊपर उठकर अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकें।

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 2023 की थीम (Theme of International Day of Persons with Disabilities 2023)

अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 2023 की थीम है-

“दिव्यांग व्यक्तियों के लिए, उनके साथ और उनके द्वारा एसडीजी को बचाने और प्राप्त करने के लिए कार्रवाई में एकजुट होना।”
(United in action to rescue and achieve the SDGs for, with and by persons with disabilities)

Read About International Day of Persons with Disabilities On Website Of United Nations : https://www.un.org/en/observances/day-of-persons-with-disabilities

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