प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू ए पोस्टल’ से सम्मानित
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भारत और रूस की गहरी मित्रता में एक और अध्याय जुड़ गया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू ए पोस्टल से सम्मानित किया गया। इस सम्मान के लिए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने कहा,
“रूस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करने के लिए मैं हृदय से अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त करता हूं। यह सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं है, यह 140 करोड़ भारतवासियों का सम्मान है,यह भारत और रूस की सदियों पुरानी गहरी मित्रता और आपसी विश्वास का सम्मान है, यह हमारी स्पेशल एंड द प्रिविलेज स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का सम्मान है। पिछले लगभग ढाई दशक में भारत और रूस के संबंध हर दिशा में मजबूत हुए हैं और हर बार नई ऊंचाइयों को प्राप्त करते रहे हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों देशों के बीच जिन स्ट्रैटेजिक संबंधों की नींव रखी थी वह गुजरते समय के साथ मजबूत होकर निखरी हैं।”
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने भारत और रूस के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए बात की उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करना होगा।
क्या है ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू ए पोस्टल’ अवार्ड ?
‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू ए पोस्टल’ अवार्ड रूस का सर्वश्रेष्ठ सम्मान है। इसकी शुरुआत वर्ष 1698 में त्सार पीटर महान (Tsar Peter the Great) ने की थी। उन्होंने सेंट एंड्रयू के सम्मान में इसकी शुरुआत की थी। सेंट एंड्रयू यीशु के पहले प्रचारक थे।
मोदी इस यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। ऐसे निर्णय जिससे न केवल दोनों देशों को बल्कि पूरी दुनिया को फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को मास्को पहुंचे थे जहां राष्ट्रपति पुतिन के साथ कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर रही। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी पहली रूस यात्रा थी जो कई मायनों में खास रही।
प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति पुतिन के आमंत्रण पर 22 में वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। रूस का जब भी जिक्र आता है तो सामने आता है एक ऐसा साथी जो समय की कसौटी पर हर बार खरा उतरा। भारत और रूस हर स्थिति में एक दूसरे के साथ खड़े रहे। इसकी झलक प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के दौरान देखने को मिली। दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि “मैं बिना संकोच के कह सकता हूं कि 25 साल की हमारी गहन यात्रा के मुख्य सूत्रधार आप रहे हैं और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाला हमारा कार्यकाल हमारे संबंधों को और गहरा बनाएगा।”
पीएम मोदी ने आतंकवाद की निंदा की
वार्षिक शिखर सम्मेलन में वार्ता हुई जिसमें द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने फिर से पूरी दुनिया का ध्यान आतंकवाद की तरफ दिलाया। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन करार दिया। वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा,
“पिछले 40- 50 साल से भारत आतंकवाद को झेल रहा है। आतंकवाद कितना भयानक होता है, कितना घिनौना होता है, यह हम 40 साल से भुगत रहे हैं। ऐसे में जब मास्को में आतंकवादी घटनाएं घटीं, उसका दर्द कितना गहरा होगा मैं कल्पना करता हूं।”
रूस भारत के सुख दुःख का साथी
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के मजबूत होते रिश्तों में व्लादिमीर पुतिन का अहम योगदान है। भारत और रूस की दोस्ती 1950 के दशक के मध्य से शुरू हुई जो समय के साथ लगातार प्रगाढ़ होती गई। पीएम मोदी ने कहा, “मैं देश को दशकों से भारत और रूस के बीच जो अनोखा रिश्ता रहा है उसका कायल रहा हूं। रूस शब्द सुनते ही हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है, भारत के सुख दुख का साथी, भारत का भरोसेमंद दोस्त ।”
दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा व्यापार निर्माण और उर्वरक जैसे क्षेत्रों में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। भारत और रूस संबंध समय के साथ लगातार मजबूत हुए हैं। करीब 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन 17 बार मिल चुके हैं। अपनी रूस यात्रा के दौरान मोदी मास्को में All Russian Exhibition Centre पहुंचे, जहां उन्होंने एटम पवेलियन का दौरा किया। इसे न्यूक्लियर एनर्जी का हब माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान रूस की परमाणु पनडुब्बी का मॉडल भी देखा।
भारत रूस ने व्यापार 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा
भारत और रूस ने आपसी व्यापार को वर्ष 2030 तक 100 अब अमेरिकी डॉलर से अधिक पहुंचाने पर को सहमति जाताई। यह लक्ष्य निवेश को बढ़ावा देकर आपसी व्यापार के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग और ऊर्जा से लेकर कृषि एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाकर हासिल किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मास्को में हुई द्विपक्षीय शिखर बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने यह प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों ने रूस, भारत व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देकर द्विपक्षीय बातचीत को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की बात भी कही। दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित गैर शुल्क व्यापार बाधाओं को खत्म करने और ईएईयू- भारत मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना की संभावना सहित द्विपक्षीय व्यापार के उदारीकरण के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई।
भारत रूस को भारतीय रूपयों में कर सकता है भुगतान
दोनों देशों की पहल का मकसद वर्ष 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के आपसी व्यापार का लक्ष्य हासिल करना है। इसमें संतुलित द्विपक्षीय व्यापार के लिए भारत से वस्तुओं की आपूर्ति में वृद्धि शामिल है। संयुक्त बयान में भारत और रूस ने राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग करके द्विपक्षीय निपटान प्रणाली के विकास पर सहमति जाताई। इसका मतलब है कि भारत रूस से कच्चे तेल जैसे किसी भी खरीद का भुगतान संभावित रूप से भारतीय रुपए में करेगा। रूसी मुद्रा रूबल का उपयोग भी संभव है। रूस ने उसकी सेना में अवैध तरीके से शामिल किए गए सभी भारतीयों को रिहा करने पर सहमति जताई है।