December 23, 2024
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Gyanvapi Vyasji Tahkhana: ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाना में 30 साल बाद फिर मिली पूजा की अनुमति

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Gyanvapi Vyasji Tahkhana: ज्ञानवापी मामले में जिला अदालत ने बड़ा फैसला देते हुए हिंदू पक्ष को व्यास तहखाना में पूजा की अनुमति दे दी है। यह तहखाना 1993 से बंद था। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत के साथ ही हिंदू पक्ष में जश्न का माहौल है क्योंकि 30 वर्षों से व्यास जी का तहखाना बंद था।

क्या है व्यासजी का तहखाना? और यह क्यों बंद हुआ?

वर्ष 1551 से ज्ञानवापी स्थित नंदी के मुख के सामने दक्षिणी दीवार के पास मौजूद तहखाने में व्यास पीठ स्थापित है। इसी व्यास पीठ से मां शृंगार गौरी की पूजा, भोग और आरती की जाती थी। लेकिन राज्य सरकार व जिला प्रशासन के आदेश के कारण 1993 में पूजा- पाठ और आरती को बंद कर दिया गया था। तत्कालीन जिलाधिकारी ने दिसंबर 1993 में व्यास पीठ के तत्कालीन पुजारी पंडित सोमनाथ व्यास के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया और पूजा पाठ पर रोक लगाकर तहखाना में ताला लगा दिया था। ज्ञानवापी परिसर के चारों ओर लोहे की बैरिकेडिंग भी कर दी गई थी। इसके बाद ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे के दौरान नंदी जी के सामने स्थित इस तहखाने का दरवाजा खुला था।

क्या है विवाद?

यह मुद्दा ज्ञानवापी परिसर का है जिसमें मुस्लिम पक्ष की मस्जिद थी और मस्जिद के बगल में काशी विश्वनाथ मंदिर है। यहा दावा किया जा रहा था कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाया था। जिसके लिए ज्ञानवापी परिसर में एएसआई ने सर्वे भी किया था। ASI की सर्वे की रिपोर्ट में ज्ञानवापी में मंदिर का ढांचा मिला है।

हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी के नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। महाराजा विक्रमादित्य ने काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण 2050 वर्ष पहले करवाया था। लेकिन औरंगजेब द्वारा इसे 1664 में तुड़वाकर उस पर मस्जिद का निर्माण किया गया जिसे ज्ञानवापी मस्जिद के नाम से जाना जाता है।

याचिकाकर्ता की मांग पर ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे कराया गया क्योंकि याचिकाकर्ता का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण काशी विश्वनाथ मंदिर के अवशेषों से ही हुआ था। याचिकाकर्ता के दावों पर अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया और ASI से सर्वे करवाया था। 24 जनवरी 2024 को जिला अध्यक्ष डॉ अजय कृष्णा विश्वेश की अदालत ने फैसला सुनाया।25 जनवरी 2024 को रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई। सार्वजनिक की गई रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी में मंदिर का ढांचा मिला है।मस्जिद की दीवारों पर भी मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं।

अब कोर्ट की तरफ से ज्ञानवापी परिसर के व्यास जी तहखाना में पूजा का अधिकार दे दिया गया है। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर आदेश का अनुपालन करने का आदेश जिला अधिकारी को दिया है।