प्रतियोगी परीक्षाओं में एक के बाद एक पेपर लीक को लेकर केंद्र सरका का बड़ा कदम, एंटी पेपर लीक कानून लागू
एंटी पेपर लीक कानून : देशभर में NEET और यूजीसी- NET के पेपर लीक को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच ,21 जून को आधी रात केंद्र सरकार द्वारा एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया गया है। देश में एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं। पहले NEET को लेकर विवाद थमा नहीं था कि UGC- NET का भी पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी।
एंटी पेपर लीक कानून : देशभर में NEET और यूजीसी- NET के पेपर लीक को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच ,21 जून को आधी रात केंद्र सरकार द्वारा एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया गया है। देश में एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं। पहले NEET को लेकर विवाद थमा नहीं था कि UGC- NET का भी पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी।
NEET और UGC- NET परीक्षाओं के पेपर लीक को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। जारी अधिसूचना के अनुसार कार्मिक विभाग ने इस कानून को 21 जून से लागू करने की घोषणा कर दी। इस कानून के आने से पेपर लीक और धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो सकेगी।
आइए जानते हैं क्या है एंटी पेपर लीक कानून?इस कानून के दायरे में कौन कौन सी परीक्षाएं आएंगी? और इस कानून के तहत क्या है सजा का प्रावधान?
क्या है एंटी पेपर लीक कानून ?
केंद्र सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए 5 फरवरी को लोकसभा में लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 पेश किया था। 6 फरवरी को यह बिल लोकसभा से पास हो गया, जिसके बाद उसे राज्यसभा में पेश किया गया। राज्यसभा से भी यह बिल 9 फरवरी को पास हो गया और 13 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस कानून को मंजूरी दे दी। लोक परीक्षा (अनुचित अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को केंद्र सरकार ने 21 जून की रात से देश भर में लागू कर दिया है। इस कानून के तहत सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
एंटी पेपर लीक कानून के दायरे में कौन-कौन सी परीक्षाएं आएंगी ?
एंटी पेपर लीक कानून के दायरे में वह परीक्षाएं आएंगी,जिसे पब्लिक एग्जामिनेशन अथॉरिटी आयोजित करवाती है या फिर ऐसी अथॉरिटी जिसे केंद्र से मान्यता प्राप्त है। इस कानून की दायरे में यूपीएससी(UPSC), एसएससी(SSC), रेलवे बोर्ड भर्ती(RBB), जेई (JEE), नीट (NEET), यूजीसी नेट(UGC-NET), बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और एनटीए की तरफ से आयोजित सभी परीक्षाएं आएंगी। यदि इन परीक्षाओं में धांधली करने पर कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
एंटी पेपर लीक के तहत क्या है सजा का प्रावधान ?
एंटी पेपर लीक कानून सार्वजनिक परीक्षाओं में ज्यादा पारदर्शिता लाने और परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर नकेल कसने में मदद करेगा। इस कानून के तहत पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल जेल की सजा का प्रावधान है। इसे 10 लाख तक के जुर्माने के साथ 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
सर्विस प्रोवाइडर के लिए क्या है सजा का प्रावधान?
परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर अगर दोषी पाया जाता है तो उस पर एक करोड़ जुर्माना होगा। अवैध गतिविधियों में शामिल होने पर सर्विस प्रोवाइडर से परीक्षा की लागत वसूली जाएगी। साथ ही किसी भी सार्वजनिक परीक्षा के संचालन पर दोषी सर्विस प्रोवाइडर पर 4 साल के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है। यदि कोई संस्था संगठित अपराध करने में शामिल हो तो उसकी संपत्ति कुर्क या जब्त कर ली जाएगी।
क्या परीक्षार्थी भी आयेंगे इस कानून के दायरे में ?
संसद में इस विधेयक को पेश करते समय केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा था कि “सार्वजनिक परीक्षा विधेयक, जो संभवत: भारत की संसद के इतिहास में अपनी तरह का पहला विधेयक है, भारत के युवाओं को समर्पित है।” “इस कानून का उद्देश्य केवल धांधली करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को रोकना है।” इस कानून के दायरे में प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवा विद्यार्थी नहीं आएंगे। परीक्षार्थियों को इस एंटी पेपर लीक कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।