July 27, 2024

13 राज्यों की 88 सीटों के लिए थमा प्रचार का शोर, दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोटिंग, दूसरे चरण में यूपी की 8 सीटों पर इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर: Lok Sabha Election 2024

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Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान अब 26 अप्रैल को है। जिसको लेकर तूफानी प्रचार का शोर थम गया है। दूसरे चरण के मतदान में 91 उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर है।

दूसरे चरण में कहाँ-कहाँ है मतदान ?

दूसरे चरण में 26 अप्रैल को केरल की सभी 13 सीटों पर, राजस्थान की 13 सीटों पर, कर्नाटक की 28 में से 14 सीटों पर, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की 8- 8 सीटों पर, असम और बिहार की 5 सीटों पर, मध्य प्रदेश की 7 सीटों पर, पश्चिम बंगाल की तीन सीटों पर मतदान होगा। त्रिपुरा, मणिपुर और जम्मू कश्मीर में एक-एक सीटों पर मतदान होना है।

चुनाव आयोग के नियम के अनुसार मतदान शुरू होने से 48 घंटे पहले राजनीतिक दलों व उनके प्रत्याशियों व प्रतिनिधियों द्वारा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार संबंधी गतिविधियां समाप्त हो जाती हैं। अब वह घर-घर जाकर ही वोट मांग सकेंगे।

इन दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। जिसमें यूपी के मथुरा से हेमा मालिनी, मेरठ से अरुण गोविल, तिरुवनंतपुरम से राजीव चंद्रशेखर, कर्नाटक से भाजपा नेता तेजस्वी सूर्य, वायनाड से राहुल गांधी, कर्नाटक से पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार शामिल हैं।

यूपी की इन 8 सीटों पर दूसरे चरण में होगा मतदान

उत्तर प्रदेश की जिन आठ सीटों पर दूसरे चरण में मतदान होना है, वे है-

मेरठ

भाजपा ने मेरठ लोकसभा सीट से अरुण गोविल को उम्मीदवार बनाकर इस सीट को हॉट सीट बना दिया है। मेरठ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। यहां 9:30 लाख दलित मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका में है। भाजपा के अरुण गोविल को टक्कर देने के लिए सपा ने दलित प्रत्याशी सुनीता वर्मा को टिकट दिया है, तो वहीं बसपा ने देवव्रत त्यागी को चुनावी मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा इस सीट पर खुद को सुरक्षित मान रही है लेकिन मुकाबला इतना आसान नहीं है।


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बागपत

बागपत लोकसभा सीट पर भाजपा गठबंधन में अपने खाते में सीट होने के बावजूद भी जयंत चौधरी ने खुद चुनाव ना लड़कर पार्टी के पुराने सिपहसालार डॉक्टर राजकुमार सांगवान को चुनावी मैदान में उतार कर सबको चौंका दिया है। 1977 से 47 वर्षों बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक विरासत वाली बागपत लोकसभा सीट से उनके परिवार का कोई सदस्य इस बार प्रत्याशी नहीं है। इस सीट से बसपा ने एडवोकेट प्रवीण बंसल को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं सपा ने कांग्रेस गठबंधन में गाजियाबाद के अमरपाल शर्मा को टिकट दिया है। यह चुनाव दलित, मुस्लिम समीकरण जाट और किसान राजनीति के साथ-साथ यहां भाजपा – रालोद गठबंधन का भी भविष्य तय करेगा।

अमरोहा

पिछले चुनाव में अमरोहा से सपा- बसपा गठबंधन के प्रत्याशी दानिश अली ने जीत हासिल की थी। 2024 के चुनाव में भी दानिश अली चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वे बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। भाजपा के कंवर सिंह तंवर का मुकाबला दानिश अली से है। हालांकि बसपा ने भी इस सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी मुजाहिद हुसैन को उतारकर दानिश अली की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

बुलंदशहर

बीजेपी ने मौजूदा सांसद भोला सिंह को बुलंदशहर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। भोला सिंह 2014 से सांसद हैं। 2019 में भोला सिंह ने 6, 81,321 वोट हासिल कर सीट जीती थी। बसपा ने बिजनौर की नगीना सीट से सांसद गिरीश चंद्र जाटव को और कांग्रेस ने शिवराम वाल्मीकि को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है। शिवराम वाल्मीकि वर्तमान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं।

मथुरा

2024 के लोकसभा चुनाव में मथुरा हॉट सीट बनी हुई है। यहां से दो बार से भाजपा सांसद हेमा मालिनी फिर से तीसरी बार मैदान में है। यहां इंडिया गठबंधन से कांग्रेस ने मुकेश धनगर को उतारा है। वहीं बसपा ने सुरेश सिंह को टिकट दिया है। बसपा ने अंतिम समय में यहां प्रत्याशी बदल दिया है। पहले कमलकांत उपमन्यु को टिकट दिया गया था। उपमन्यु ने मंगलवार को बसपा छोड़ दी। उपमन्यु का टिकट कटने से जहां ब्राह्मण वर्ग नाराज है। वहीं भाजपा में आरएलडी से गठबंधन के बावजूद भाजपा के जिले के कर्णधार आरएलडी को कार्यक्रमों की सूचना नहीं दे रहे। यहां तक की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सभा में आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह की उपेक्षा हुई और मंच पर नहीं बुलाया गया। कांग्रेस के भी इस सीट पर बहुत अच्छे हालात नहीं है। कांग्रेस सपा गठबंधन के मुकेश धनकर को पराजित देखने के लिए इस दल के ही कुछ लोग गांठ बांध चुके हैं। ऐसे में मथुरा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।

अलीगढ़

अलीगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी सतीश कुमार गौतम को उम्मीदवार बनाया है। सतीश कुमार गौतम जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में है, तो वहीं सपा कांग्रेस गठबंधन ने पूर्व सांसद चौधरी विजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। बसपा ने हितेंद्रकुमार उर्फ बंटी उपाध्याय पर दांव लगाया है। हितेंद्र भाजपा छोड़कर बीएसपी में शामिल हुए ब्राह्मण चेहरा हैं।

गौतम बुद्ध नगर

गौतम बुद्ध नगर मुख्यमंत्री योगी के सबसे प्रिय क्षेत्र में से एक है। हालांकि यह क्षेत्र कभी प्रदेश के मुख्यमंत्रीयों के लिए अभिशप्त था। वर्तमान में यहां भाजपा का वर्चस्व है। भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर महेश शर्मा यहां जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में है। वह दो बार यहां से जीत दर्ज कर चुके हैं। वहीं बसपा ने यहां से क्षत्रिय प्रत्याशी उतार कर क्षत्रियों को साधने का प्रयास किया है। बसपा ने राजेंद्र सोलंकी को टिकट दिया है, जबकि सपा ने डॉक्टर महेंद्र नागर को अपना प्रत्याशी बनाया है।

गाजियाबाद

राम मंदिर आंदोलन के बाद से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा गाजियाबाद भाजपा का मजबूत गढ़ बन गया है। पिछले आठ चुनाव में भाजपा यहां से लगातार सात बार जीत दर्ज कर चुकी है। राजनाथ सिंह ने 2009 में गाजियाबाद से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था। पिछले दो चुनाव में वीके सिंह जीतते रहे हैं। इस बार भाजपा ने गाजियाबाद के विधायक और स्थानीय नेता अतुल गर्ग को टिकट दिया है। इंडिया गठबंधन ने कांग्रेस प्रत्याशी डाली शर्मा को चुनावी मैदान में इस सीट से उतारा है तो वहीं बसपा ने नंदकिशोर पुंडीर को क्षत्रियों की नाराजगी का लाभ लेने के इरादे से टिकट दिया है। अतुल गर्ग के सामने वीके सिंह के 5 लाख रिकार्ड मतों से जीत के कीर्तिमान से आगे निकलने की चुनौती है।