योगी सरकार इस योजना के तहत दे रही छात्रों को 2500 से 4000 रुपए प्रतिमाह – मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (Uttar Pradesh Mukhyamantri Bal Seva Yojana)
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (Uttar Pradesh Mukhyamantri Bal Seva Yojana)
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (Uttar Pradesh Mukhyamantri Bal Seva Yojana): उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐसी योजना लागू की है जो अनाथ बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। कोविड-19 महामारी के दौरान उन बच्चों के लिए यह योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुरू की थी जो इस महामारी के दौरान अनाथ हो गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के बाद अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का उद्देश्य ऐसे निराश्रित बच्चों को आर्थिक मदद देने के लिए शुरू की गई थी जिनके माता-पिता की मृत्यु असमय हो गई है। इस योजना की शुरुआत वैसे तो कोविड-19 महामारी का शिकार हुए माता-पिता के बच्चों के लिए ही की गई थी लेकिन अब इस योजना का लाभ उन सभी बच्चों को मिल रहा है जिन्होंने किसी भी कारणवश अपने माता-पिता को खो दिया है।
Official Website: https://balvikas.missionvatsalyaup.in/
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2500 से 4000 रुपए तक की आर्थिक मदद दी जाती है अनाथ बच्चों को
इस योजना के तहत प्रतिमाह 2500 आर्थिक सहयोग के रूप में ऐसे बच्चों को दिया जाता है जिन्होंने अपने माता-पिता या दोनों में से किसी एक को खो दिया है। इसके अतिरिक्त जिनकी उम्र 18 से 23 वर्ष है और जिन्होंने माता-पिता दोनों या दोनों में से किसी एक को खो दिया है। ऐसे किशोर जो 12वीं की शिक्षा पूरी करने के पश्चात राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री या डिप्लोमा के लिए पढ़ाई कर रहे हैं। उनको भी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ मिलता है।
ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता का तलाक हो गया है और बच्चा मां के साथ है अथवा जिन बच्चों के माता-पिता या परिवार का मुखिया जेल में हो, जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, वेश्यावृत्ति से मुक्त कराया गया हो उन बच्चों को भी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 2500 प्रति माह आर्थिक सहयोग दिया जाता है।
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए क्या है पात्रता ?
- मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ उन्हीं बच्चों को मिलेगा जो उत्तर प्रदेश के स्थाई निवासी हैं।
- इस योजना का लाभ लेने के लिए पारिवारिक आय 3 लाख रुपए वार्षिक से कम होनी चाहिए।
- इस योजना का लाभ 18 वर्ष से कम उम्र के उन्हीं बच्चों को मिलेगा जिन्होंने कोविड-19 के अतिरिक्त अन्य किसी भी कारणों से अपने माता-पिता या दोनों को खो दिया है।
- ऐसे किशोर जिनकी उम्र 18 से 23 वर्ष है और जो 12वीं की शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात किसी भी राजकीय महाविद्यालय या विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं।
- जिन बच्चों की माता तलाकशुदा है या पति द्वारा छोड़ दी गई है ऐसे बच्चों को भी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ मिलेगा।
आवश्यक दस्तावेज
- निवास प्रमाण पत्र
- बैंक पासबुक की छाया प्रति
- फोटो पहचान पत्र
- माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
- बच्चे का आयु प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र 3 लाख से कम
- 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों हेतु शिक्षण संस्थान में पंजीयन।
कैसे करें आवेदन
- मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में है तो फॉर्म विकासखंड कार्यालय से प्राप्त करें और यदि शहरी क्षेत्र में है तो यह फॉर्म तहसील कार्यालय से मिलेगा।
- आवेदन पत्र में सभी जानकारी को सही-सही भरें और इसके साथ आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
- आवेदन पत्र को भरकर ग्राम पंचायत अधिकारी या खंड विकास अधिकारी या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में जाकर जमा करें।
- यदि आप शहरी क्षेत्र में है तो फॉर्म भरकर लेखपाल, तहसीलदार या एसडीएम कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
आवेदन भरने के 15 दिन के अंदर बाल संरक्षण इकाई द्वारा चयनित बच्चों को स्वीकृति दे दी जाती है। इस योजना में माता-पिता की मृत्यु के 2 साल के अंदर ही आवेदन किया जा सकता है।