October 22, 2024
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PM Modi ने Mann Ki Baat के 113th Episode में क्या क्या कहा ?

आइये जानते हैं प्रधानमंत्री Narendra Modi ने Mann Ki Baat के 113th Episode में क्या क्या कहा ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 113वें एपिसोड में देश को सम्बोधित करते हुए कहा कि,

1. देशवासियों ने पहला National Space Day मनाया

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21वीं सदी के भारत में, कितना ही कुछ ऐसा हो रहा है, जो विकसित भारत की नींव मजबूत कर रहा है। जैसे, इस 23 अगस्त को ही हम सब देशवासियों ने पहला National Space Day मनाया।

पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 ने चाँद के दक्षिणी हिस्से में शिव-शक्ति Point पर सफलतापूर्वक landing की थी।

भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना।

Mann Ki Baat Live: PM Narendra Modi की राष्ट्र के साथ मन की बात, 113th Episode Live Broadcast

2. एक लाख युवाओं को Political system से जोड़ने का आहवाहन किया

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इस साल मैंने लाल किले से बिना Political background वाले एक लाख युवाओं को Political system से जोड़ने का आहवाहन किया है।

मेरी इस बात पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में हमारे युवा, राजनीति में आने को तैयार बैठे हैं। बस उन्हें सही मौके और सही मार्गदर्शन की तलाश है।

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी समाज के हर क्षेत्र से ऐसे अनेकों लोग सामने आए थे, जिनकी कोई राजनीतिक पृष्टभूमि नहीं थी। उन्होरों खुद को भारत की आजादी के लिए झोंक दिया था।

आज हमें विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए एक बार फिर उसी spirit की जरूरत है। मैं अपने सभी युवा साथियों को कहूँगा इस अभियान से जरूर जुड़ें।

3. ‘हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा’ अभियान ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया

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‘हर घर तिरंगा और पूरा देश तिरंगा’ इस बार ये अभियान अपनी पूरी ऊंचाई पर रहा। देश के कोने-कोने से इस अभियान से जुड़ी अद्भुत तस्वीरें सामने आई हैं।

हमने घरों पर तिरंगा लहराते देखा – School, College, University में तिरंगा देखा। लोगों ने अपनी दुकानों, दफ्तरों में तिरंगा लगाया, लोगों ने अपने Desktop, Mobile और गाड़ियों में भी तिरंगा लगाया।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के हर कोने, जल-थल-नभ – हर जगह हमारे झंडे के तीन रंग दिखाई दिए। हर घर तिरंगा website पर पाँच करोड़ से ज्यादा Selfie भी पोस्ट की गई।

इस अभियान ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है और यही तो ‘एक भारत- श्रेष्ठ भारत’ है।

4. मोरान समुदाय, ‘हूलॉक गिबन’ एवं’होलो बंदर’

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असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गाँव बारेकुरी में, मोरान समुदाय के लोग रहते हैं और इसी गाँव में रहते हैं ‘हूलॉक गिबन’, जिन्हें यहाँ ‘होलो बंदर’ कहा जाता है।

हूलॉक गिबन्स ने इस गाँव में ही अपना बसेरा बना लिया है। आपको जानकर आश्चर्य होगा – इस गाँव के लोगों का हूलॉक गिबन के साथ बहुत गहरा संबंध है।

गाँव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं। इसलिए उन्होंने वो सारे काम किए, जिससे गिबन्स के साथ उनके रिश्ते और मजबूत हों। उन्हें जब यह एहसास हुआ कि गिबन्स को केले बहुत पसंद हैं, तो उन्होंने केले की खेती भी शुरू कर दी। इसके अलावा उन्होंने तय किया कि गिबन्स के जन्म और मृत्यु से जुड़े रीति-रिवाजों को वैसे ही पूरा करेंगे, जैसा वे अपने लोगों के लिए करते हैं।

5. अरुणाचल में 3-D printing technology का उपयोग

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पशुओं के प्रति प्रेम में हमारे अरुणाचल प्रदेश के युवा साथी भी किसी से पीछे नहीं हैं। अरुणाचल में हमारे कुछ युवा-साथियों ने 3-D printing technology का उपयोग करना शुरू किया है – जानते हैं क्यों ?

क्योंकि, वो, वन्य जीवों को सींगों और दांतों के लिए शिकार होने से बचाना चाहते हैं। नाबम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में ये टीम जानवरों के अलग-अलग हिस्सों की 3-D printing करती है।

जानवरों के सींग हों, दांत हों, ये सब, 3-D printing से तैयार होते हैं। इससे फिर ड्रेस और टोपी जैसी चीजें बनाई जाती हैं। ये गजब का Alternative है जिसमें Bio-degradable material का उपयोग होता है। ऐसे अद्भुत प्रयासों की जितनी भी सराहना की जाए कम है। मैं तो कहूँगा, अधिक से अधिक Start-ups इस क्षेत्र में सामने आएं ताकि हमारे पशुओं की रक्षा हो सके और परंपरा भी चलती रहे।

6.’Waste to Wealth’ एवं Reduce, Reuse और Recycle

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मध्य-प्रदेश के झाबुआ में, कुछ ऐसा शानदार हो रहा है, जिसे आपको जरूर जानना चाहिए। वहाँ पर हमारे सफाई-कर्मी भाई-बहनों ने

कमाल कर दिया है। इन भाई-बहनों ने हमें ‘Waste to Wealth’ का संदेश सच्चाई में बदलकर दिखाया है। इस टीम ने झाबुआ के एक पार्क में कचरे से अद्भुत Art Works तैयार किया है।

अपने इस काम के लिए उन्होंने आसपास के क्षेत्रों से plastic waste, इस्तेमाल की हुई bottles, tyres और pipes इकट्ठा किए। इन Art Work में हेलीकॉप्टर, कार और तोपें भी शामिल हैं। खूबसूरत हैंगिंग flower pots भी बनाए गए हैं। यहाँ इस्तेमाल किए गए टायरों का उपयोग आरामदायक bench बनाने के लिए किया गया है। सफाई कामगारों की इस टीम ने Reduce, Reuse और Recycle का मंत्र अपनाया है।

7. Plastic waste का उपयोग

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हमारे देश में कई सारी Start-Up टीम भी पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए ऐसे प्रयासों से जुड़ रही है । e-Conscious नाम की एक टीम है, जो, plastic waste का उपयोग eco-friendly products बनाने में कर रही है। इसका idea उन्हें हमारे पर्यटन स्थलों, विशेषकर पहाड़ी इलाकों में फैले कचरे को देखकर के आया। ऐसे ही लोगों की एक और टीम ने Ecokaari नाम से start-up शुरू किया है। ये plastic waste से अलग-अलग खूबसूरत चीजें बनाते हैं।

Toy Recycling ऐसा एक क्षेत्र है, जिसमें हम मिलकर काम कर सकते हैं। आप भी जानते हैं कि कई बच्चे कितनी जल्दी खिलौनों से bore हो जाते हैं, वहीं, ऐसे बच्चे भी हैं, जो उन्हीं खिलौनों का सपना सँजोए होते हैं। ऐसे खिलौने जिससे अब आपके बच्चे नहीं खेलते,

उन्हें आप ऐसी जगहों पर दे सकते हैं, जहाँ, उनका उपयोग होता रहे। ये भी पर्यावरण की रक्षा का एक अच्छा रास्ता है।

8. विश्व संस्कृत दिवस

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हमने 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया। उसी दिन पूरी दुनिया में ‘विश्व संस्कृत दिवस’ भी मनाया गया। आज भी देश-विदेश में संस्कृत के प्रति लोगों का विशेष लगाव दिखता है। दुनिया के कई देशों में. संस्कृत भाषा को लेकर तरह-तरह की research और प्रयोग हो रहे हैं।

9. आंगनवाड़ी के तहत mother and child committee की स्थापना, पोषण माह

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बच्चों का nutrition देश की प्राथमिकता है। वैसे तो उनके पोषण पर पूरे साल हमारा ध्यान रहता है,

लेकिन एक महीना, देश, इस पर विशेष focus करता है। इसके लिए हर साल 1 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच पोषण माह मनाया जाता है।

पोषण को लेकर लोगों को जागरूक बनाने के लिए पोषण मेला, एनीमिया (anemia) शिविर, नवजात शिशुओं के घर की visit, seminar, webinar जैसे कई तरीके अपनाए जाते हैं।

कितनी ही जगहों पर आंगनवाड़ी के तहत mother and child committee की स्थापना भी की गई है।