September 8, 2024
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क्या है दिल्ली शराब घोटाला जिसके आरोप में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ अब आम आदमी पार्टी भी बनी आरोपी? : Delhi Liquor Scam

दिल्ली शराब घोटाला (Delhi Liquor Scam): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीबीआई की हिरासत में है। पहले उन्हें ED ने गिरफ्तार किया था और तिहाड़ जेल में थे लेकिन अब अरविंद केजरीवाल CBI की हिरासत में है, जहां सीबीआई उनसे शराब घोटाला मामले में पूछताछ कर रही है। अरविंद केजरीवाल से पहले शराब घोटाला मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी अभी जेल में हैं।वही आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था लेकिन संजय सिंह वर्तमान में जमानत पर जेल से बाहर है। शराब घोटाला मामले में ED ने अब आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया है और भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी पार्टी को आरोपी बनाया गया है।

Delhi liquor Scam

इन तमाम घटनाक्रमों के बीच सवाल उठते हैं कि आखिर क्या है दिल्ली शराब घोटाला और नई शराब नीति?,जिसके तहत भ्रष्टाचार के आरोप में आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ साथ पार्टी को भी आरोपी बनाया गया है आईए जानते हैं

क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति ?

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को राज्य में नई शराब नीति लागू की। इस नीति के तहत दिल्ली में 32 जोन बनाए गए और प्रत्येक जोन में 27 दुकाने खुलनी थी। इसी हिसाब से देखा जाए तो दिल्ली में खुलने वाली शराब की दुकानों की कुल संख्या 849 थी। नई शराब नीति के तहत राज्य के सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। जबकि इससे पहले दिल्ली की केवल 40% प्राइवेट शराब की दुकानें थीं और 60% सरकारी दुकानें थीं। नई शराब नीति के लागू होते हैं 100% दुकानें प्राइवेट हो गईं।

नई नीति के तहत लाइसेंस की फीस भी दिल्ली सरकार ने कई गुना बढ़ा दी। पहले ठेकेदारों को L1 लाइसेंस के लिए 25 लख रुपए देना पड़ता था लेकिन नई शराब नीति लागू होने के बाद इस लाइसेंस के लिए ठेकेदारों को 5 करोड रुपए देने पड़े। L1 की तरह ही अन्य कैटेगरी में भी लाइसेंस की फीस में बढ़ोतरी की गई।

दिल्ली सरकार का दावा था कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। शुरू से ही विवादों में रही इस शराब नीति पर बवाल ज्यादा बढ़ने पर 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया था।

क्या है आरोप ?

नई शराब नीति में तीन तरह से घोटाले की बात सामने आई है-

1. बड़े कारोबारी को लाभ पहुंचाने का आरोप:

    शराब बिक्री के लिए सरकार ने ठेकेदारों के लिए लाइसेंस शुल्क तय किया है और इसके लिए सरकार ने कई तरह की कैटेगरी बनाई हैं। इसके तहत शराब, बीयर, विदेशी शराब आदि को बेचने के लिए लाइसेंस दिया जाता है। जैसे एक ठेकेदार को जिस लाइसेंस के लिए 25 लख रुपए का भुगतान करना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद इस लाइसेंस के लिए 5 करोड रुपए देने पड़े। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने लाइसेंस शुल्क इसलिए जानबूझकर बढ़ाया जिससे बड़े शराब कारोबारियों को फायदा हो। दिल्ली सरकार की इस नीति के कारण बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला और छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गई। इस मामले में यह भी आरोप है कि शराब माफियाओं ने इसके एवज में आम आदमी पार्टी के नेताओं और अफसरों को रिश्वत के तौर पर मोटी रकम दी।

    2. सरकारी राजस्व में भारी कमी होने का आरोप:

      शराब घोटाला मामले में दूसरा आरोप खुदरा बिक्री में सरकारी राजस्व में भारी कमी होने का है। पहले शराब की 750 एम. एल. की एक बोतल 530 रुपए में मिलती थी, जिस पर उस समय रिटेल कारोबारी के एक बोतल पर 33. 35 रुपए का फायदा होता था। 223.89 रुपए उत्पाद कर और 106 रुपए वैट के रूप में सरकार को मिलता था। इस तरह देखा जाए तो सरकार को एक बोतल शराब पर 329.89 रुपए का फायदा मिलता था। नई शराब नीति में वही शराब की 750 एम. एल.की बोतल का मूल्य 530 से बढ़कर 560 रुपए हो गया और रिटेल कारोबारी का मुनाफा भी 33.35 से बढ़कर 363.27 रुपए पहुंच गया। इस प्रकार नई शराब नीति में रिटेल कारोबारी को तो 10 गुना से ज्यादा फायदा होने लगा लेकिन सरकार को जो 329.89 रुपए का फायदा होता था वह हटकर 3.78 रुपए रह गया। इस प्रकार नई शराब नीति से खुदरा बिक्री में सरकारी राजस्व में भारी कमी आने का आरोप है।

      3. कब हुआ घोटाले का खुलासा ?:

      कथित शराब घोटाला का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था। अगस्त 2022 में दिल्ली की शराब नीति के कार्यान्वयन में अनियमितता की शिकायतें आने के बाद राज्यपाल ने सीबीआई से जांच की सिफारिश।अगस्त 2022 में दिल्ली शराब नीति के कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की। इस घोटाले में तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी, मनीष सिसोदिया और दो कंपनियों के आरोपीय बनाया गया। इनके खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

      इस घोटाले के मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, के कविता और सीएम अरविंद केजरीवाल समेत 16 लोग गिरफ्तार किए गए। सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति की प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में पीएमएलए के तहत मनी लांड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी। नई शराब नीति के कथित घोटाले की ED और सीबीआई अलग-अलग जांच कर रही हैं। सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है। वही ED नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है।

      शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 16 आरोपी ED द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं। फिलहाल अरविंद केजरीवाल सीबीआई के शिकंजे में हैं। जिन लोगों को दिल्ली शराब घोटाला केस के तहत गिरफ्तार किया गया है वह है-

      मनीष सिसोदिया, संजय सिंह के कविता, विजय नायर, अभिषेक बोईनपल्ली ,समीर महेंद्रू, पी शरथ चंद्र, विनोय बाबू, अमित अरोड़ा, गौतम मल्होत्रा, राघव मागूंटा, राजेश जोशी, अमन ढाल, अरुण पिल्लई और दिनेश अरोड़ा।

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