About Hindenburg Research In Hindi: क्या है हिंडनबर्ग? जिसकी रिपोर्ट मचा देती है कॉरपोरेट जगत में तहलका
About Hindenburg Research In Hindi (क्या है हिंडनबर्ग?)
About Hindenburg Research In Hindi (क्या है हिंडनबर्ग?): पिछले 18 महीने में फिर से एक तहलका मचाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट ने अडानी को 20 सबसे ज्यादा अमीरों की सूची से बाहर कर दिया था। इस Hindenburg ने अपनी रिपोर्ट में कुछ नए खुलासे किए हैं। अमेरिकी फर्म Hindenburg Research ने एक बार फिर एक रिपोर्ट जारी की है जिसको लेकर चर्चा जोरों पर है। इस बार हिंडनबर्ग ने अपने रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप और सेबी के बीच मिलीभगत है।
Hindenburg research ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें दावा किया है कि सेबी की चेयर पर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के पास गौतम गौतम अडानी के पैसों की हेरा फेरी में इस्तेमाल किए गए दो ऑफशेयर फंड में हिस्सेदारी है। इसके बाद से ही भारत में तहलका मचा हुआ है।
हिंडनबर्ग ने 18 जनवरी 2023 को भी अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। हिंडन वर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद से राजनीतिक जगत में बयानबाजी शुरू हो गई है। हिडेनबर्ग की पहली रिपोर्ट में ही बहुत बड़ा बवाल हुआ था और गौतम अडानी की संपत्ति पर भी उसका असर दिखाई दिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि हिडनबर्ग क्या है? इसे कौन चलाता है? और किस तरह यह अपनी रिपोर्ट से मार्केट में हड़कंप मचा देता है? क्यों इसकी रिपोर्ट के रिलीज होने के बाद बहुत बवाल हो जाता है? आईए जानते हैं-
हिडेनबर्ग क्या है ? (What is Hindenburg)
हिडेनबर्ग एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म है। शॉर्ट सेलिंग के माध्यम से यह अरबो रुपए की कमाई करती है। अगर शॉर्ट सेलर की बात करें तो यह एक ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी है। इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर स्टॉक या सिक्योरिटी खरीदता है और उसकी कीमत ज्यादा होने पर उसे बेंच देता है, जिससे उसे बहुत ज्यादा फायदा होता है। साथ ही इसमें ब्रोकर से उधार शेयर लेकर भी दूसरी जगह निवेश किया जाता है।
कब हुई Hindenburg की शुरुआत और कैसे काम करता है Hindenburg ?
वर्ष 2017 में Nathan Anderson ने इसकी शुरुआत की थी। शॉर्ट सेलिंग के साथ ही यह कंपनी फॉरेंसिक फाइनेंस रिसर्च, वित्तीय अनियमितताओं, क्रेडिट, इक्विटी इन सब की जांच करती है और उनका विश्लेषण करती है। साथ ही यह कंपनी अनैतिक कारोबारी तरीकों और गुप्त वित्तीय मामलों और लेन-देन की जांच करती है।
Hindenburg में किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाकर उस पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती है। फिर उसे पब्लिश किया जाता है। इनमें अकाउंटेंट में गड़बड़ी, मैनेजमेंट स्तर पर खामियां, ट्रांजैक्शन के कारणों पर विशेष तौर पर गौर किया जाता है। कंपनी यह भी पता लगती है कि स्टॉक मार्केटिंग में कहीं गलत तरह से पैसों की हेरा फेरी तो नहीं हो रही है। कहीं बड़ी कंपनियां अपने फायदे के लिए दुष्प्रबंध तो नहीं कर रही है। साथ ही दूसरी कंपनियों को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचाया जा रहा है।
हिंडनबर्ग अभी तक कंपनी 16 कंपनियों के बारे में खुलासा कर चुका है। और इन 16 कंपनियों के बारे में रिपोर्ट जारी कर चुका है।
कौन है हिडेनबर्ग के मालिक नाथन एंडरसन (Nathan Enderson) ?
Nathan Enderson ने इंटरनेशनल बिजनेस में स्नातक किया है। स्नातक करने के बाद एंडरसन ने एक डाटा कंपनी फैक्स सेट रिसर्च सिस्टम इंक से कैरियर की शुरुआत की जहां उन्होंने कई इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियों के लिए काम किया। नौकरी करते हुए उन्होंने डेटा और शेयर मार्केट की बारीकियों को जाना। इसके बाद वर्ष 2017 में शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की शुरुआत की।
Hindenburg का नाम कैसे पड़ा?
Hindenburg का नाम 1937 में हुए एक एयरशिप दुर्घटना से जुड़ा है। 6 मई 1937 को न्यू जर्सी के मैनचेस्टर टाउनशिप में हिंडनबर्ग एयरशिप का एक्सीडेंट हुआ। एयरशिप के पीछे नाज़ी दौर का स्वास्तिक बना हुआ था। उस वक्त हवा में तेज धमाका हुआ और हिडेनबर्ग एयरशिप में आग लग गई। इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते या कर पाते जहाज में से भीषण लपटें निकलने लगीं। 30 सेकंड से भी कम समय में यह जहाज जमीन पर गिरा। जहाज में सवार 100 लोगों में से 35 लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट से पता चला कि इस जहाज में हाइड्रोजन गैस के 16 बड़े गुब्बारे थे और पहले भी इस तरह के गुब्बारे से हादसे हो चुके थे। इसी हिंडनबर्ग एयरशिप के नाम पर शॉर्ट सेलिंग फर्म का नाम हिंडनबर्ग रखा गया।