July 27, 2024

World Thalassemia Day 2023 :कब और क्यों मनाया जाता है विश्व थैलेसीमिया दिवस ?

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विश्व थैलेसीमिया दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है। थैलेसीमिया (Thalassemia) एक अनुवांशिक बीमारी है जो पीढी दर पीढ़ी चलती है। थैलेसीमिया के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस बीमारी का जन्म शिशु के जन्म के साथ ही हो जाता है और उम्र भर यह बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है। इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए रिश्तो में सावधानी आवश्यक है। थैलेसेमिया रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 8 मई को विश्व थैलेसिमिया दिवस मनाया जाता है।

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कब मनाया जाता है विश्व थैलेसीमिया दिवस (When World Thalassemia Day is Celebrated) ?

 विश्व थैलेसीमिया दिवस (World Thalassemia Day) प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है। थैलेसीमिया (Thalassemia) एक अनुवांशिक बीमारी है जो पीढी दर पीढ़ी चलती है। थैलेसीमिया (Thalassemia) के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस बीमारी का जन्म शिशु के जन्म के साथ ही हो जाता है और उम्र भर यह बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है। इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए रिश्तो में सावधानी आवश्यक है। थैलेसेमिया (Thalassemia) रोग के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 8 मई को विश्व थैलेसिमिया दिवस मनाया जाता है।

आईए जानते हैं थैलेसीमिया बीमारी की लक्षण, उपचार एवं बचाव के बारे में-

क्या है थैलेसिमिया (What is Thalassemia) ?

थैलेसीमिया(Thalassemia)एक ऐसी अनुवांशिक बीमारी है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। यह बीमारी अधिकांशत बच्चों में देखने को मिलती है। यह माता पिता से उनकी संतान को होती है। इस बीमारी में शरीर में लाल रक्त कण बने बंद हो जाते हैं। शरीर में रक्ताल्पता आ जाती है। और बार-बार खून चढ़ाना पड़ता है। चिकित्सकों के अनुसार थैलेसिमिया एक अनुवांशिक बीमारी है लेकिन इसकी रोकथाम की जा सकती है। इस बीमारी की जांच विवाह से पूर्व करा लेने पर इसका उपचार सरल और कम कीमत पर हो जाता है। गर्भवती स्त्री में इस बीमारी के लक्षण पाए जाने पर गर्भपात की सलाह दी जाती है। यह बीमारी कुछ विशेष समुदाय में जैसे- सिंधिया, राजपूत एवं मुसलमानों में पाई जाती है। इस बीमारी को छिपाना नहीं चाहिए।

थैलेसीमिया गंभीर बीमारी की श्रेणी में आती है। थैलेसीमिया के मरीज के शरीर में हमेशा खून की कमी रहती है क्योंकि इस बीमारी में जीन की संरचना में जन्मजात रूप से गड़बड़ी होने के कारण शरीर में शुद्ध रक्त का निर्माण नहीं हो पाता और अशुद्ध रक्त स्वाभाविक रूप से नष्ट हो जाता है।थैलेसीमिया के मरीजों में हीमोग्लोबिन का स्तर हमेशा काम रहता है।

क्या है थैलेसीमिया कैरियर

 जिन लोगों में 3 से 15% जींस थैलेसिमिया के विद्यमान होते हैं उन्हें थैलेसिमिया के कैरियर कहा जाता है।यह कोई बीमारी नहीं होती। थैलेसीमिया के कैरियर लोग सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इन लोगों को बस एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी थैलेसीमिया करियर से विवाह न करें। क्योंकि पति पत्नी दोनों ही यदि थैलेसीमिया कैरियर होंगे तो बच्चों में इस बीमारी से ग्रसित होने की आशंका बढ़ जाती है।

थैलेसीमिया के लक्षण (Symptoms of Thalassemia)

  •  थैलेसीमिया के मरीज की त्वचा पर स्वाभाविक गुलाबी रंग होने के बजाय पीलापन दिखता है। इन लोगों में अधिकांशत: पीलिया का संक्रमण हो सकता है।
  • इस बीमारी में थकान और कमजोरी महसूस होती है।
  • थैलेसीमिया में हीमोग्लोबिन का स्तर काफी कम हो जाता है और यकृत बढ़ने से पेट फुला हुआ लगता है।
  • सीने में दर्द रहता है
  • सांस की तकलीफ
  • सिर दर्द

थैलेसीमिया का परीक्षण एवं समाधान (Test and Solution of Thalassemia)

 थैलेसीमिया रोग से बचा जा सकता है, यदि लड़के- लड़की का विवाह से पहले ही थैलेसीमिया का टेस्ट कर लिया जाए। गर्भवती महिलाओं को कोरियोनिक विलाई सैंपलिंग टेस्ट गर्भावस्था के 10वें तथा 11वे सप्ताह में करवा लेना चाहिए।
बोन मैरो ट्रांसप्लांट अथवा स्टेम सेल ट्रांसप्लांट द्वारा थैलेसीमिया का स्थाई उपचार संभव है। यह चिकित्सा भारत में भी उपलब्ध है।

क्या है थैलेसीमिया कैरियर

 जिन लोगों में 3 से 15% जींस थैलेसिमिया के विद्यमान होते हैं उन्हें थैलेसिमिया के कैरियर कहा जाता है।यह कोई बीमारी नहीं होती। थैलेसीमिया के कैरियर लोग सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इन लोगों को बस एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी थैलेसीमिया करियर से विवाह न करें। क्योंकि पति पत्नी दोनों ही यदि थैलेसीमिया कैरियर होंगे तो बच्चों में इस बीमारी से ग्रसित होने की आशंका बढ़ जाती है।

थैलेसीमिया मरीजों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?

  •  थैलेसीमिया पीड़ितों को कम आयरन वाले पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
  • दूध दही का प्रयोग खाद्य पदार्थ में अधिक करना चाहिए
  • हरी पत्तेदार सब्जियां, मटर, पालक, किशमिश, खजूर एवं तरबूज नहीं खाना चाहिए।
  • लोहे के बर्तन में भोजन नहीं पकाना चाहिए।
  • प्रोटीन युक्त पदार्थ भी खाने से बचना चाहिए।
  • आटा ब्रेड का सेवन करें तथा चॉकलेट खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है।
  • अल्कोहल, अचार, सिरका का काम से कम सेवन करना चाहिए

थैलेसीमिया का उपचार संभव है (Treatment of Thalassemia is Possible)

थैलेसीमिया को पहले लाइलाज बीमारी समझा जाता था क्योंकि मरीज को मौत से बचाने के लिए नियमित रूप से रक्त चढ़ाने के अतिरिक्त और कोई उपचार नहीं था। लेकिन यह उपचार स्थाई नहीं है। थैलेसीमिया को जड़ से समाप्त करने के लिए ‘ स्टेम सेल थेरेपी’ का प्रयोग किया जाता है। इस थेरेपी के माध्यम से जन्म के शुरुआती 10 मिनट के अंदर शिशु के गर्भनाल से रक्त नमूने एक बैग में एकत्रित किए जाते हैं। इस रक्त में स्टेम सेल्स पाए जाते हैं। यह सेल ही मानव शरीर के सभी अंगों की रचना का आधार होती है। 

जन्म के बाद 10 मिनट के अंदर शिशु के गर्भ नाल से थोड़ा सा फोन लेकर उसे एक स्टरलाइज बैग में रखा जाता है। इस सैंपल को एक खास तरह के कंटेनर में रखकर 36 घंटे के भीतर लैब में पहुंचा दिया जाता है। इस प्रक्रिया से मां और बच्चे दोनों को कोई तकलीफ नहीं होती है और ना ही इसका कोई दुष्प्रभाव पड़ता है। मरीज के बोन मैरो में मौजूद खराब जीन वाली सेल्स को हटाकर उसकी जगह पर स्टेम सेल के जरिए सही जीन वाली रक्त कोशिकाएं प्रत्यारोपित कर दी जाती है। जिन्हें मदर सेल भी कहा जाता है। ट्रांसप्लांट के लिए भाई या बहन का बोन मैरो सबसे उपयुक्त होता है क्योंकि उनकी कोशिकाओं का मिलान होने की संभावना अधिक होती है।

 8 से 10 थैलेसिमिया की मरीज भारत में प्रत्येक वर्ष जन्म लेते हैं। वर्तमान समय में लगभग 2,25,000 बच्चे भारत में थैलेसीमिया से पीड़ित है। चिकित्सकों के अनुसार अनुवांशिक मार्गदर्शन और थैलेसीमिया माइनर का दवाइयां से उपचार संभव है।
थैलेसीमिया के उपचार के लिए आज भी वैज्ञानिकों का शोध जारी है। संभव है कि निकट भविष्य में थैलेसीमिया जैसी बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकेगा।

विश्व थैलेसिमिया दिवस का उद्देश्य (Objectives of World Thalassemia Day )

 जिन लोगों में 3 से 15% जींस थैलेसिमिया के विद्यमान होते हैं उन्हें थैलेसिमिया के कैरियर कहा जाता है।यह कोई बीमारी नहीं होती। थैलेसीमिया के कैरियर लोग सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं। इन लोगों को बस एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि किसी थैलेसीमिया करियर से विवाह न करें। क्योंकि पति पत्नी दोनों ही यदि थैलेसीमिया कैरियर होंगे तो बच्चों में इस बीमारी से ग्रसित होने की आशंका बढ़ जाती है।