पीएम Narendra Modi के मंगलसूत्र वाले बयान पर क्यों मचा घमासान, चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने क्यों कहीं ऐसी बात
Narendra Modi, Lok Sabha Election 2024: राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए एक बयान से ‘मंगलसूत्र’ और ‘ मुसलमान’ दो शब्द ट्रेंड करने लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा बयान क्यों दिया। क्या भावनाओं में बहकर उन्होंने ऐसा बयान दिया? उन्हें ऐसे बयान देने की क्या जरूरत थी? उन्होंने यह बयान सोच समझ कर दिया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद 10 साल के प्रधानमंत्रित्व काल में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा बयान दिया है तो जरूर इसके पीछे कुछ ठोस वजह होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बांसवाड़ा की एक रैली के दौरान यह बयान दिया था और सोमवार को अलीगढ़ में जनसभा के दौरान भी उन्होंने इस बयान को दोहराया। हालांकि इस बयान में मुस्लिम शब्द का प्रयोग नहीं किया लेकिन उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नजर इस देश की महिलाओं के मंगलसूत्र पर है।
जैसे-जैसे चुनाव का चरण पार हो रहा है वैसे-वैसे प्रधानमंत्री का विरोधियों पर प्रहार तेज होता जा रहा है। पहले राजस्थान के बांसवाड़ा और अब यूपी के अलीगढ़ की रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस की घोषणा पत्र पर जोरदार प्रहार किया है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस देश की संपत्ति को लूटना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझती है।
पीएम मोदी के इस बयान से सियासी पारा धधकने लगा है। मोदी के इस बयान को लेकर चुनाव आयोग में आचार संहिता के उल्लंघन का मामला भी दर्ज कराया गया है प्रधानमंत्री के इस बयान को हेट स्पीच का नाम दिया गया है तथा उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। आखिर ऐसा क्या कहा है पीएम मोदी ने जिस पर इतनी खलबली मची हुई है आइए जानते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में क्या कहा ?
“यह कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वह माताओ- बहनों के सोने का हिसाब करेंगे। उसकी जब्ती करेंगे।उसकी जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे। माताओं – बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। यहां तक जाएंगे।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ” जब उनकी सरकार थी तब इन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमान का है। इसका मतलब यह संपत्ति इकट्ठा करके किसको बाटेंगे, जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बाटेंगे। घुसपैठियों को बाटेंगे। क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा। क्या आपको ये मंजूर है।”
मोदी ने कहा कि “भाइयों- बहनों ये अर्बन नक्सल सोच मेरी माताओं एवं बहनों का मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे। यह यहां तक जाएंगे।”
मोदी ने कहा कि जो काम माओवादियों ने दूसरे देशों में किया वही काम कांग्रेस हमारे देश में करना चाहती है।
मोदी ने क्यों दिया ऐसा बयान?
“किसी को चोट लगती है तो डॉक्टर एक्स- रे कराता है एक्स- रे से सच्चाई दिख जाती है। इसके बाद डॉक्टर सही निर्णय लेता है। इसलिए हमने वादा किया है कि जैसे ही हमारी सरकार आएगी जो हमने तेलंगाना में किया, जातीय जनगणना को पूरे देश में लागू कर देंगे। देश का एक्स- रे कर देंगे। दूध का दूध, पानी का पानी कर देंगे। पिछड़े वर्गों को, दलितों को, आदिवासियों को, गरीब जनरल कास्ट के लोगों को, माइनॉरिटी को पता चल जाएगा कि उनकी भागीदारी कितनी है। इसके बाद हम फाइनेंशियल और इंडस्ट्रियल सर्वे करेंगे।
यह पता लगाएंगे कि हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है? कौन से वर्ग के हाथ में है? इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम करेंगे,। जो आपका हक बनता है सभी संस्थाओं में हम जगह बनाकर आपको आपका हक देंगे।”
राहुल गांधी के इस बयान के अतिरिक्त पीएम मोदी ने अपने भाषण में मनमोहन सिंह द्वारा राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में 9 दिसंबर 2006 में दिए गए भाषण का भी जिक्र करते हुए कहा कि इनका मानना है कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमान का है
आखिर क्या है मनमोहन सिंह का वह बयान?
मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय विकास परिषद की कहा था “मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हो। कृषि, सिंचाई, और जल संसाधन, स्वास्थ्य शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश और सामान्य बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश की जरूरत के साथ-साथ एससी, एसटी, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए घटक योजनाओं को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता होगी ।हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नवीन योजनाएं बनानी होगी कि अल्पसंख्यकों विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास के लाभ में समान रूप से साझा करने का अधिकार मिले।संसाधनों पर पहले दवा उनका होना चाहिए ।“
चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने क्यों दिया ऐसा बयान?
लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है पहले चरण का मतदान भी हो चुका है। ऐसे में अपने 10 साल के प्रधानमंत्रित्व काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा भाषण कभी नहीं दिया। उन्होंने मुसलमान शब्द का इस्तेमाल भी कभी नहीं किया। ऐसी क्या वजह है जो उन्होंने चुनाव के बीच में ऐसा बयान दिया है। इसकी कुछ ठोस वजह तो होगी
कट्टरवाद भाषा
इस बयानकी पहली वजह यह हो सकती है कि भाजपा के कोर वाटर या मोदी के कट्टर समर्थक उनसे इसी तरह के भाषणों की उम्मीद रखते हैं। उन्हें मोदी की यही भाषा पसंद है और वह यही मुद्दा चाहते हैं। मोदी के इस बयान ने ऐसे कार्यकर्ताओं को नींद से झकझोर दिया है। या यूं कहें कि जो कार्यकर्ता सुस्त पड़े थे उनमें नया जोश भर दिया है।
भावनात्मकता
यह बयान भावनात्मक भी हो सकता है। मंगलसूत्र हर हिंदू महिला और परिवार के लिए सबसे पवित्र और भावनात्मक होता है। चाहे वह परिवार अगड़ी जाति का हो या पिछड़ी जाति का। किसी भी जाति के परिवार को मंगलसूत्र का सूत्र जोड़ कर रखता है।
किसी भी परिवार के लिए मंगलसूत्र भावनात्मक होता है। आज भी कोई भी महिला अपना मंगलसूत्र ना तो बेंचती है, ना गिरवी रखती है और ना ही किसी को देती है, क्योंकि इसके साथ उसकी भावनाएं जुड़ी होती है। किसी भी विषम परिस्थिति में वह अपना मंगलसूत्र अपने से अलग नहीं होने देती। मंगलसूत्र के इस सूत्र से प्रधानमंत्री ने हिंदू जाति की सभी जातियों को एक ही सूत्र में जोड़ दिया है। उनकी कोशिश है कि जितने भी हिंदू जाति के परिवार हैं वह मंगलसूत्र के सूत्र से बंध जाएंगे ।
धार्मिक ध्रुवीकरण
इस बयानकी तीसरी वजह धार्मिक ध्रुवीकरण भी हो सकती है। विपक्ष मुसलमान वोटो को एकजुट रखना चाहता है। विपक्ष का फार्मूला है मुस्लिम वोट अपनी तरफ खींच कर हिंदू वोटो को जाति के आधार पर बांटने की कोशिश करता है। वहीं भाजपा की कोशिश यह रहती है कि हिंदू जातियों में बांटकर नहीं बल्कि एकजुट होकर धर्म के नाम पर वोट करें। यह धार्मिक ध्रुवीकरण भाजपा के लिए हमेशा से फायदेमंद रहा है और इस बार भी भाजपा ने धार्मिक ध्रुवीकरण का फार्मूला लागू कर दिया है। जो बीजेपी की जीत को सुनिश्चित करता है।