उत्तराखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री Pushkar Singh Dhami पर भाजपा को तीसरी बार जिताने की जिम्मेदारी : Lok Sabha Election 2024
Pushkar Singh Dhami: उत्तराखंड के इतिहास में पुष्कर सिंह धामी सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ के कनालीछीना में हुआ था। उनकी मां का नाम बिशना धामी और पिता का नाम स्वर्गीय शेर सिंह धामी है, जो रिटायर्ड सूबेदार थे। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर व एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की।
जुलाई 2021 में उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इसके बाद मार्च 2022 के विधानसभा चुनाव में खटीमा से हार के बावजूद भाजपा हाई कमान ने उन पर विश्वास जताया और दोबारा मुख्यमंत्री पद के बागडोर सौंपी। चंपावत उपचुनाव में उन्होंने करीब 94 फीसदी वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। पुष्कर सिंह धामी 2001 में मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के ओएसडी रहे हैं।
अब उत्तराखंड में पांचो सीटों पर जीत की हैट्रिक लगाने की जिम्मेदारी युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कंधों पर है। बीते 2 साल में समान नागरिक संहिता,धर्मांतरण विरोधी कानून और नकल विरोधी कानून जैसे बड़े फैसले लेने वाले धामी इन मुद्दों को भुनाकर भाजपा के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। भाजपा 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की पांचो सीटें जीत चुकी है।
चुनाव से पहले विपक्ष के कई नेताओं को भाजपा के पाले में लाकर अपने राजनीतिक कौशल का परिचय देने वाले धामी ने पार्टी के पांचो प्रत्याशियों के नामांकन में पहुंचकर कार्य कर्ताओं को खास संदेश दिया है। वह अब तक भाजपा में कांग्रेस के एक विधायक समेत 8 पूर्व विधायकों को शामिल करा चुके हैं। भाजपा ने उन्हें ऐसी विधानसभा सीटों की भी जिम्मेदारी सौंपी है जहां भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ नहीं पाया है। धामी इन सीटों पर चुनावी बिगुल फुकेंगे। पार्टी की तरफ से इसका रोडमैप भी तैयार कर लिया गया है।
भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल हैं पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं। यह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लिए गए बड़े फैसलों का नतीजा है कि पार्टी ने उन्हें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल और जम्मू कश्मीर के प्रमुख स्टार प्रचारकों में शामिल किया है।
UCC से देश भर में आए सुर्खियों में
धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता(UCC) विधेयक विधानसभा से पारित करने के बाद देश भर में सुर्खियां बटोरी। ऐसा करके वे भाजपा के आक्रामक नेताओं में शुमार हो चुके हैं।
विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर बढ़त दिलाने की चुनौती
2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उत्तराखंड की 70 में से 23 सीटें हार गई थी। इन सीटों पर लोकसभा चुनाव में बढ़त बनाने के लिए भाजपा शुरुआत से ही पूरा जोर लगा रही है। मुख्यमंत्री के साथ लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को भी इन सीटों पर मत प्रतिशत बढ़ाने का जिम्मा दिया गया है। चकराता, धारचूला, मंगलौर, भगवानपुर और पिरान कलियर तो ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां भाजपा का कभी खाता ही नहीं खुला। अब इन सीटों पर बढ़त दिलाने की जिम्मेदारी पुष्कर सिंह धामी के कंधों पर हैं।