September 8, 2024
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पटना साहिब से दूसरी बार पार्टी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी

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पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को भाजपा ने पटना साहिब से दोबारा टिकट दिया है। पेशे से वकील और राजनितिज्ञ रविशंकर प्रसाद 17वीं लोकसभा में भारत सरकार में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रहे हैं। पटना से भाजपा प्रत्याशी रवि शंकर प्रसाद देश में जाना पहचाना नाम हैं।अदालत हो या समाचार चैनल या फिर सभा- सेमिनार रविशंकर प्रसाद तथ्यों के साथ मजबूती से अपना तर्क रखने में पारंगत हैं।जितनी अच्छी पकड़ उनकी हिंदी भाषा पर है, उतनी ही अंग्रेजी पर भी। अवसर चाहे जो भी हो रवि शंकर प्रसाद सामने वाले को अपने तर्कों से ऐसा निरुत्तर करते हैं कि विरोधी भी उनका लोहा मानता है।

रविशंकर प्रसाद अब तक चार बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। सन 2000 में वे सांसद बने और 2001 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में कोयला एवं खान राज्य मंत्री रहे। आईए जानते हैं पटना साहिब से भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद के राजनीतिक सफर के बारे में-

30 अगस्त सन 1954 को बिहार में पटना के एक कायस्थ परिवार में जन्मे रविशंकर प्रसाद ने पटना विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स), राजनीति विज्ञान से एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री ली।

छात्र राजनीति से शुरू हुआ सियासी सफर

रविशंकर प्रसाद के राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में 1970 में हुई। रविशंकर प्रसाद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में चल रहे छात्र आंदोलन में एबीवीपी के सक्रिय नेता के रूप में कार्य किया। रविशंकर प्रसाद अपने कड़े तेवर के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। छात्र जीवन में रविशंकर प्रसाद पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सहायक महासचिव और विश्वविद्यालय की सीनेट तथा वित्त समिति कला और विधि संकाय के सदस्य रह चुके हैं। 1995 से वह भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं।

भाजपा में विभिन्न पदों पर रहे

रविशंकर प्रसाद 2000 में पहली बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सितंबर 2001 से 1 जुलाई 2002 तक कोयला एवं खान राज्य मंत्री रहे। मार्च 2006 में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए। 5 जुलाई 2016 से 7 जुलाई 2021 तक कानून और न्याय मंत्री रहे। 30 मई 2019 से 7 जुलाई 2021 तक संचार मंत्री रहे। 5 जुलाई 2016 से 7 जुलाई 2021 तक इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रहे।

कई मामलों में रहे वकील

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चारा घोटाले और कोलतार घोटाले में जनहित याचिका पर बहस करने वाले रवि शंकर प्रसाद प्रमुख वकील थे। वह पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के भी वकील रहे।

रविशंकर प्रसाद ने वकालत की डिग्री लेने के बाद पटना हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। बिहार के चर्चित चारा घोटाले मामले में मजबूती से पक्ष रखने के कारण देश भर में उनकी पहचान बनी। 1999 में पटना हाई कोर्ट ने उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया। प्रसाद का वर्ष 2000 में सर्वोच्च न्यायालय में नामांकन हुआ। नर्मदा बचाओ आंदोलन, बिहार विधानसभा भंग मामला आदि प्रमुख मुकदमों में उन्होंने वकालत की। अयोध्या मामले के तीन अधिवक्ताओं में से एक रविशंकर प्रसाद भी थे।

अब तक चार बार राज्यसभा सांसद रहे रविशंकर प्रसाद ने 2019 में पहली बार पटना साहिब से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। भाजपा के लिए पटना साहिब सीट सबसे सुरक्षित मानी जाती है। इसलिए रविशंकर की जीत को लेकर पार्टी नेता आश्वस्त हैं। वाकपटुता के मामले में समर्थक से लेकर आलोचक तक रविशंकर प्रसाद में अटल बिहारी वाजपेयी का अक्स देखते हैं। रविशंकर प्रसाद क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहते हैं। मंत्री रहने के दौरान वह पटना में अपने विकास कार्यों के बल पर चुनावी जीतने की कोशिश में लगे हैं।