सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी के बाद चर्चा में आया क्या है स्पेशल मैरिज एक्ट (Special Marriage Act) ?
विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act): फिल्म अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जैसे- इस तरह की शादियों का रजिस्ट्रेशन किस तरह होता है। सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी के बाद स्पेशल मैरिज एक्ट फिर चर्चा में आ गया है क्योंकि विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) के तहत ही सोनाक्षी और जाहिर की शादी हुई है।
Special Marriage Act:
आईए जानते हैं क्या है विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act)?
क्या है विषेश विवाह अधिनियम (What is Special Marriage Act) ?
विशेष विवाह विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) 1954 में पारित किया गया था। किस अधिनियम का उद्देश्य अंतर- धार्मिक और अंतर- जातीय विवाह को बढ़ावा देना है। इसमें व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करने की जिम्मेदारी भी है। विशेष विवाह अधिनियम किसी भी धर्म के व्यक्तियों को सिविल विवाह करने की अनुमति देता है। यह अधिनियम सामाजिक सद्भाव व्यक्तिगत स्वायत्तता और समानता को बढ़ावा देता है।
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विशेष विवाह अधिनियम के लिए क्या है पात्रता (What is the Eligibility for Special Marriage Act) ?
विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह करने के लिए पुरुष और महिलाओं को कुछ निश्चित आवश्यकताओं को पूरा करना होता है-
- महिला की आयु 18 वर्ष और पुरुष की आयु 21 वर्ष होना अनिवार्य है।
- उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम होना चाहिए।
- दोनों पक्षों को विवाह के लिए सहमत होना आवश्यक है।
विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह की क्या है प्रक्रिया (What is the Process for Special Marriage Act) ?
विशेष विवाह अधिनियम के अनुसार विवाह करने के लिए जोड़ों को विवाह से कम से कम 30 दिन पहले लिखित सूचना देनी होती है। नोटिस में जबरन या धोखाधड़ी से विवाह को रोकने के लिए आपत्तियां उठाने की अनुमति है। नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद विवाह अधिकारी के कार्यालय या किसी विशिष्ट स्थल पर विवाह आयोजित किया जा सकता है। गवाहों और विवाह अधिकारी की उपस्थिति में विवाह संपन्न होता है। एक बार विवाह संपन्न हो जाने के बाद विवाह अधिकारी विवाह प्रमाणपत्र पुस्तिका में विवरण दर्ज करता है। तीन गवाहों के साथ जोड़े विवाह प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं।
विशेष विवाह अधिनियम के तहत मिलते हैं ये अधिकार
विशेष विवाह अधिनियम के तहत पंजीकृत विवाह कानूनी मान्यता प्रदान करता है। यह अधिनियम विवाहित जोड़ों को अधिकार और कर्तव्य प्रदान करता है। जैसे विरासत, साझा संपत्ति और तलाक लेने का विकल्प।
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विवाह विच्छेद के लिए क्या है नियम ?(What are the Rules for Divorce according to Special Marriage Act) ?
विशेष विवाह अधिनियम (Special Marriage Act) के तहत यदि कोई आपसी मतभेदों के कारण अपनी शादी को खत्म करना चाहता है तो दोनों पक्ष कानून के अनुसार तलाक ले सकते हैं। विशेष विवाह अधिनियम के तहत निम्नलिखित परिस्थितियों में तलाक का प्रावधान है-
- व्यभिचार
- क्रूरता
- परित्याग
- मानसिक विकार
- आपसी सहमति
- दूसरे धर्म में धर्मांतरण
यह अधिनियम तलाक के लिए नियम बनाता हैं तथा निष्पक्षता और उचित प्रक्रिया की गारंटी देता है।
विशेष विवाह अधिनियम 1954 का क्या है उद्देश्य ?
विशेष विवाह अधिनियम 1954 का उद्देश्य एकता और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना, व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करना, जबरन विवाह रोकना, कानूनी मान्यता और लाभ तथा विवाह पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना है।
स्पेशल मैरिज एक्ट और पर्सनल लॉ में क्या है अंतर (What is the Difference between Special Marriage Act and Personal Law) ?
मुस्लिम विवाह अधिनियम, 1954 और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 जैसे व्यक्तिगत कानून के अनुसार विवाह से पहले पति-पत्नी में से किसी एक को दूसरे का धर्म अपनाना आवश्यक है जबकि स्पेशल मैरिज एक्ट अंतर- धार्मिक या अंतर्जातीय जोड़ों को उन्हें बिना अपनी धार्मिक पहचान छोड़े या धर्म परिवर्तन का सहारा लिए विवाह की अनुमति देता है।