September 8, 2024
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शिवसेना के फायर ब्रांड नेता और शिवसेना के संस्थापक हिंदू हृदय सम्राट “बाल ठाकरे” की जयंती: Balasaheb Thackeray Jayanti

शिवसेना के फायर ब्रांड नेता और शिवसेना के संस्थापक हिंदू हृदय सम्राट "बाल ठाकरे" की जयंती: Balasaheb Thackeray Jayanti

हिंदू हृदय सम्राट- बाल ठाकरे (Birth Anniversary of Bal Thackeray) 23 जनवरी

शिवसेना के फायर ब्रांड नेता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती 23 जनवरी को मनाई जाती है। बाल ठाकरे भारत के महाराष्ट्र राज्य के प्रसिद्ध राजनेता थे, जिन्होंने शिवसेना नमक हिंदू राष्ट्रवादी दल का गठन किया। बाल ठाकरे को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ के नाम से भी जाना जाता है। आईए जानते हैं बाल ठाकरे के जीवन के विषय में-

जीवन परिचय

बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को तत्कालीन मुंबई रेजिडेंसी के पुणे में एक मराठी परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम बाल केशव ठाकरे था। बाल ठाकरे ने हिंदूवादी राजनीतिक पार्टी ‘शिवसेना’ की स्थापना की। शिवसेना पार्टी की महाराष्ट्र में अच्छी पकड़ है लेकिन बाहरी लोगों के विरोध ने उन्हें अधिक पहचान दिलाई।

बाल ठाकरे का पारिवारिक जीवन

बाल ठाकरे की पत्नी का नाम मीना ठाकरे था। 1996 में उनका निधन हो गया। उनके तीन बेटे बिंदुमाधव, जयदेव और उद्धव ठाकरे हैं। बड़े बेटे बिंदुमाधव ठाकरे की 20 अप्रैल 1996 को मुंबई- पुणे एक्सप्रेसवे पर एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उनके छोटे बेटे उद्धव ठाकरे वर्तमान में महाराष्ट्र में शिवसेना के दूसरे दल के नेता हैं

बाल ठाकरे का व्यावसायिक जीवन

बाल ठाकरे ने एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की।मुंबई के एक अंग्रेजी दैनिक ‘द फ्री प्रेस जनरल’ के साथ कार्टूनिस्ट के तौर पर अपना करियर शुरू किया। बाल ठाकरे ने कार्टूनिस्ट की नौकरी छोड़कर 1960 में अपना राजनीतिक साप्ताहिक अखबार ‘मार्मिक’ निकाला। कार्टूनिस्ट की नौकरी छोड़ने के बाद भी ‘टाइम्स आफ इंडिया’ में बाल ठाकरे के कार्टून प्रत्येक रविवार को छपा करते थे।

बाल ठाकरे के पिता केशव सीताराम ठाकरे ‘संयुक्त महाराष्ट्र मूवमेंट’ के जाने पहचाने व्यक्ति थे। अतः बाल ठाकरे का राजनीतिक दर्शन उनके पिता से काफी प्रभावित था। उनके पिताजी ने भाषायी आधार पर महाराष्ट्र राज्य के निर्माण में सराहनीय योगदान दिया। बाल ठाकरे ने अपने अखबार मार्मिक के माध्यम से मुंबई में गुजरातियों मारवाड़ियों और दक्षिण भारतीय लोगों के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ मुहिम चलाई।

शिवसेना का गठन

बाल ठाकरे ने महाराष्ट्र के लोगों के अधिकार के लिए मुंबई के राजनीतिक और व्यावसायिक परिदृश्य पर शिवसेना का गठन किया। बाल ठाकरे ने शिवसेना के मुख्य पत्र मराठी अखबार ‘सामना’ और हिंदी अखबार ‘दोपहर’ की स्थापना की।

विवादों से रहा गहरा नाता

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे का विवादों से गहरा नाता रहा है। वह कभी हिटलर और लिट्टे को लेकर विवादों में गिरे तो कभी मुसलमानों पर टिप्पणी को लेकर।

बाल ठाकरे एक कलाकार और जनोत्तेजक नेता के रूप में हिटलर की तारीफ करके विवादों से घिर गए।यही नहीं बाल ठाकरे को आतंक का पर्याय बने लिट्टे को भी 1990 के दशक में खुला समर्थन देने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। बाल ठाकरे को वैलेंटाइन डे का भी विरोधी माना जाता है। वैलेंटाइन डे के विरोध में लड़के- लड़कियों की खुलेआम पिटाई को लेकर bhir ठाकरे की खूब आलोचना हुई।

कट्टर हिंदूवादी और मुस्लिम विरोधी

बाल ठाकरे ने मुंबई पर मराठियों का पहला अधिकार बताते हुए बाहरी लोगों को यहां से खदेड़ने का काम किया। बाल ठाकरे कहते थे कि “वह मुसलमान विरोधी नहीं है लेकिन उन मुसलमानों के खिलाफ है जो देश का खाते हैं लेकिन देश का कानून नहीं मानते।” उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को ‘देशद्रोही’ मानता हूं। बाल ठाकरे ने 1980 के दशक में मुसलमानों की तुलना कैंसर से करते हुए कहा था कि “वह कैंसर की तरह फैल रहे हैं। देश को उनसे बचाया जाना चाहिए।”

बाल ठाकरे पर वोट डालने पर लगा प्रतिबंध

शिवसेना को भाजपा के रूप में अपने हिंदूवादी एजेंडे का साथी मिला और दोनों ने 1995 में महाराष्ट्र में सरकार बनाई।इस दौरान 1995 से 1999 तक शिव सेवा नेता मनोहर जोशी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे जबकि शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन की सरकार में भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री रहे, लेकिन बाल ठाकरे पर परदे के पीछे से रिमोट की तरह काम करने का आरोप लगाता रहा। बाल ठाकरे पर चुनाव आयोग की सिफारिश पर 28 जुलाई 1999 को 6 साल के लिए वोट डालने और चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 6 वर्षों से लगे प्रतिबंध को 2005 में हटा लिया गया और 2006 में बाल ठाकरे ने पहली बार बीएमसी चुनाव के लिए वोट डाला।

बाल ठाकरे का निधन

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे का निधन 86 वर्ष की उम्र में हो गया। लंबी बीमारी के बाद 17 नवंबर 2012 को दोपहर 3:00 बजे बाल साहब ठाकरे का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।