July 27, 2024

क्या आप जानते थे वाराणसी, के इन प्राचीन मंदिरों के बारे में ? (Did you know about these ancient temples of Varanasi city?)

City of Temples, Varanasi : पर्यटन की दृष्टि से वाराणसी नगर महत्व है क्योंकि वाराणसी(Varanasi) को धार्मिक नगरी भी कहा जाता है तथा यह भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल भी है। वाराणसी नगर अपने प्राचीनतम मंदिर और गंगा के खूबसूरत घाटों के लिए प्रसिद्ध है इसलिए वाराणसी को मंदिरों का शहर (City of Temples) और घाटों का शहर (City Of Ghat) भी कहा जाता है।

आइए जानते हैं मंदिरों के शहर वाराणसी के प्रमुख मंदिरों के बारे में(Let us know about the main temples of Varanasi, the city of temples)-
1. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Mandir, Varanasi )
2. मां अन्नपूर्णा मंदिर (Maa Annapurna Mandir)
3. संकट मोचन मंदिर (Sankat Mochan Mandir)
4. तुलसी मानस मंदिर (Tulsi Manas Mandir)
5. संकटा मंदिर (Sankata Devi Mandir)
6. काल भैरव मंदिर (Kaal Bhairav Mandir, Varanasi)
7. दुर्गा मंदिर (Durga Temple Of Varanasi)
8. मृत्युंजय महादेव मंदिर (Mrityunjay Mahadev Temple Of Varanasi)
9. विश्वनाथ मंदिर बीएचयू (Shri Kashi Vishwanath Temple BHU )
10. भारत माता मंदिर (Bharat Mata Mandir, Varanasi)

City Of Temples , Varanasi_Kashi City anpanchayat Hindi NEWS

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वाराणसी को मंदिरों का शहर क्यों कहा जाता है ? (Why is Varanasi called the city of temples?)

 City of Temples, Varanasi : पर्यटन की दृष्टि से वाराणसी नगर महत्व है क्योंकि वाराणसी(Varanasi) को धार्मिक नगरी भी कहा जाता है तथा यह भारत का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल भी है। वाराणसी नगर अपने प्राचीनतम मंदिर और गंगा के खूबसूरत घाटों के लिए प्रसिद्ध है इसलिए वाराणसी को मंदिरों का शहर (City of Temples) और घाटों का शहर (City Of Ghat) भी कहा जाता है। 

आइए जानते हैं मंदिरों के शहर वाराणसी के प्रमुख मंदिरों के बारे में(Let us know about the main temples of Varanasi, the city of temples)- 

1. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Shri Kashi Vishwanath Mandir, Varanasi )

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वाराणसी को बाबा विश्वनाथ धाम(Shri kashi Vishawanath Dham) के नाम से भी जाना जाता है। श्री विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग काशी में अवस्थित है। निराकार महेश्वर ही यहां भोलेनाथ श्री विश्वनाथ के रूप में अवस्थित है। काशी (Kashi) क्षेत्र में ही श्री दशाश्वमेध, श्री लोलार्क, श्री बिंदुमाधव, श्री केशव और श्री मणिकारणिक ये पांच प्रमुख तीर्थ हैं जिनके कारण इसे अविमुक्त क्षेत्र कहा जाता है। मंदिर की पुनः स्थापना आदिजगतगुरु शंकराचार्य जी ने अपने हाथों से की थी। मुगलकालीन शासक औरंगजेब ने विश्वनाथ मंदिर को नष्ट करके उस स्थान पर मस्जिद का निर्माण करवा दिया था जो आज भी विद्यमान है। मस्जिद के परिसर को ही ज्ञानवापी(Gyanvapi) कहा जाता है और प्राचीन शिवलिंग को ज्ञानवापी कहा जाता है। आगे चलकर भगवान शिव की परम भक्त महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने ज्ञानवापी (Gyanvapi) से कुछ दूर श्री विश्वनाथ का एक सुंदर मंदिर बनवाया था। महाराजा रणजीत सिंह जी ने इस मंदिर पर स्वर्ण कलश चढ़वाया था।

2. मां अन्नपूर्णा मंदिर (Maa Annapurna Mandir)

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काशी विश्वनाथ मंदिर(Kashi Vishwanath Mandir) के पास अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा का मंदिर (Maa Annapurna Mandir) है। माँ अन्नपूर्णा काशी में भगवान विश्वनाथ की शाश्वत पत्नी हैं, जिन्हें ‘काशीपुराधीश्वरी’ या ‘काशी की रानी’ कहा जाता है। माँ अन्नपूर्णा ने भगवान विश्वनाथ को एक प्रतीकात्मक भिक्षा देकर काशी शहर को आशीर्वाद दिया था कि कोई भी भोजन के बिना नहीं सोएगा काशी। काशी अन्नदान शहर को मां अन्नपूर्णा के पवित्र आशीर्वाद को बनाए रखने का एक माध्यम है। भगवान विश्वनाथ कहते हैं कि जो भी काशी(Kashi) में अपनी मेहनत से अन्नदान करेगा उसे जीवन भर कभी गरीबी का सामना नहीं करना पड़ेगा

3. संकट मोचन मंदिर (Sankat Mochan Mandir)

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काशी विश्वनाथ के बाद वाराणसी (Varanasi) का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है संकटमोचन मंदिर (Sankat Mochan Mandir)। यह हनुमान जी का मन्दिर है जिसकी स्थापना गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा की गई है। इस मंदिर परिसर में बहुत सारे बंदर रहते हैं इसलिए इसे बंदर मंदिर भी कहा जाता है। संकटमोचन मंदिर दुर्गा मंदिर के रास्ते असि नदी धारा के निकट स्थित है।

4. तुलसी मानस मंदिर (Tulsi Manas Mandir)

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वाराणसी (Varanasi) का यह प्राचीन मंदिर भगवान राम को समर्पित है। यह वही स्थान है जहां पर गोस्वामी तुलसीदास ने महाकाव्य श्री रामचरितमानस की रचना की थी। इस मंदिर की दीवारों पर तुलसीदास जी के महाकाव्य के छंद वर्णित हैं। यह दुर्गा मंदिर के पास है।

5. संकटा मंदिर (Sankata Devi Mandir)

संकटा मंदिर (Sankata Devi Mandir) Varanasi, janpanchayat NEWS

‘संकट विमुक्तदायिनी देवी’ देवी संकटा का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। इसके अलावा यहां नव ग्रहों के नव मंदिर हैं। मंदिर परिसर में शेर की एक विशाल प्रतिमा है। यह मंदिर सिंधिया घाट के पास स्थित है।

6. काल भैरव मंदिर (Kaal Bhairav Mandir, Varanasi)

काल भैरव मंदिर (Kaal Bhairav Mandir, Varanasi) : City Of temples

‘वाराणसी के कोतवाल’(kotwal of Varanasi) के रूप में माने जाने वाले भगवान काल भैरव का मंदिर विशेश्वरगंज में हेड पोस्ट ऑफिस के पास स्थित है। कहा जाता है कि काल भैरव की अनुमति के बिना कोई काशी (Kashi) में नहीं रह सकता। रविवार को इनके दर्शन का विशेष महत्व है।

7. दुर्गा मंदिर (Durga Temple Of Varanasi)

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मां दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप में विद्यमान यह मंदिर 18वीं सदी में बनाया गया था। यह मंदिर नागौर शिल्प का एक अच्छा उदाहरण है। मंदिर के निकट ही एक प्राचीन कुंडा है जिसे दुर्गाकुंड के नाम से जाना जाता है।

8. मृत्युंजय महादेव मंदिर (Mrityunjay Mahadev Temple Of Varanasi)

मृत्युंजय महादेव मंदिर (Mrityunjay Mahadev Temple Of Varanasi), City Of Temples Varanasi

भगवान शिव का यह मन्दिर काल भैरव मन्दिर के निकट दारानगर के मार्ग पर स्थित है। इस मंदिर के बहुत सारे धार्मिक महत्त्व हैं। इसका जल कई भूमिगत धाराओं का मिश्रण है जो कई रोगों के लिए उत्तम है।

9. विश्वनाथ मंदिर बीएचयू (Shri Kashi Vishwanath Temple BHU )

विश्वनाथ मंदिर बीएचयू (Shri Kashi Vishwanath Temple BHU ), Temples to visit in varanasi/Kashi

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय(Banaras Hindu University) के परिसर में नया विश्वनाथ मंदिर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण बिड़ला जी ने करवाया था। यह मंदिर सभी जाति एवं धर्म के लिए खुला है।

10. भारत माता मंदिर (Bharat Mata Mandir, Varanasi)

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सन 1936 में इस मंदिर का उद्घाटन महात्मा गांधी ने किया था। इस मंदिर में संगमरमर से भारत माता का चित्र बनाया गया है।

भारत माता मन्दिर महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के प्रांगण में है। इसका निर्माण डाक्टर शिवप्रसाद गुप्त ने कराया और उदघाटन सन 1936 में गांधीजी द्वारा किया गया। इस मन्दिर में किसी देवी-देवता का कोई चित्र या प्रतिमा नहीं है बल्कि संगमरमर पर उकेरी गई अविभाजित भारत का त्रिआयामी भौगोलिक मानचित्र है।