December 23, 2024
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राजगढ़ में कांग्रेस का राज वापस लाने के लिए ‘दिग्गी राजा’ कर रहे अथक प्रयास : Digvijay Singh, Rajasthan , Lok Sabha Election 2024

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Digvijay Singh, Rajasthan , Lok Sabha Election 2024: 2024 की लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के राजगढ़ से दिग्विजय सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक ऐसे राजनेता है जो अक्सर ही कभी अपनी पर्सनल तो कभी प्रोफेशनल लाइफ को लेकर चर्चा में बने रहे हैं। दिग्विजय सिंह देश के उन गिने-चुने नेताओं में है जो सियासत में पांच दशक से ज्यादा वक्त गुजार चुके हैं। राजनीति में ‘दिग्गी राजा’ के नाम से मशहूर दिग्विजय सिंह की उम्र 77 वर्ष है।

पूरे 33 वर्ष बाद राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने की दिग्विजय सिंह की कहानी भी दिलचस्प है। दिग्विजय सिंह इस बार चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन जब पार्टी ने तय किया कि सभी वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ना होगा तो दिग्विजय सिंह ने पार्टी के निर्णय को स्वीकार किया। वहीं प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव में हार के डर से अपने हथियार डाल दिए। दिग्विजय सिंह उम्र के इस पड़ाव पर भी बतौर कांग्रेस उम्मीदवार पैदल गांव- गांव प्रचार कर रहे हैं। उनकी फिटनेस का विरोधी भी तारीफ करते हैं।

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दिग्विजय सिंह का राजनीतिक सफर

28 फरवरी 1947 को मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मे दिग्विजय सिंह ने दिल्ली कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग से स्नातक करने के बाद श्री गोविंद दास सेकरसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान इंदौर में दाखिला लिया। दिग्विजय सिंह ने अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत राघवगढ़ नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के रूप में की थी। इसी बीच 1970 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि दिग्विजय सिंह के पिता राजा बलभद्र सिंह को हिंदू महासभा का करीबी माना जाता था। ऐसे में यह माना जाता था कि दिग्विजय सिंह जनसंघ से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करेंगे पर उन्होंने कांग्रेस का चुनाव किया। सिर्फ 22 वर्ष की उम्र में राघवगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष पद से सियासत की शुरुआत करने वाले दिग्विजय सिंह को जनसंघ में शामिल होने के कई ऑफर मिले पर वह हमेशा जनसंघ के इस ऑफर को ठुकराते रहे।

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10 साल तक रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री

1977 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में वे राघवगढ़ से विधायक चुने गए। इस दौरान उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में कृषि पशुपालन, मत्स्य पालन और कृषि और सिंचाई क्षेत्र का विकास किया। 1984 में उन्हें मध्य प्रदेश की कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। लेकिन 1989 में उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र से हाथ धोना पड़ा। वर्ष 1993 में वे फिर से विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए और इस दौरान दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री का पदभार संभालने का भी अवसर मिला।

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1998 में मध्य प्रदेश के फिर से मुख्यमंत्री बने और 2003 तक इस पद पर बने रहे। इसके बाद पार्टी को प्रदेश में सत्ता तक पहुंचने में पूरे 15 साल का इंतजार करना पड़ा। वर्ष 2018 के चुनाव में कमलनाथ मुख्यमंत्री बने लेकिन पार्टी के अंदर बगावत के बाद 2020 में सत्ता एक बार फिर भाजपा के हाथ में चली गई। इस बीच दिग्विजय सिंह कांग्रेस संगठन में कई जिम्मेदारी संभालते रहे। 2014 में पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया।

2024 में रोडमल नागर से होगा दिग्विजय सिंह का मुकाबला

राजगढ़ सीट पर दिग्विजय सिंह का मुकाबला 2014 और 2019 में जीत दर्ज कर चुके रोडमल नागर से है। 2019 में नागर को 65 फ़ीसदी वोट मिले थे जबकि कांग्रेस की मोना सुस्तानी सिर्फ 31 फीसदी वोट हासिल कर पाई थीं।

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राजगढ़ सीट से दिग्विजय सिंह इससे पहले भी 1984, 1989 और 1991 में चुनाव लड़ चुके हैं। 1989 में वे भाजपा के प्यारेलाल खंडेलवाल से चुनाव हार गए थे। 1993 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था और उसके बाद उपचुनाव में दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे।

दिग्विजय सिंह की फिटनेस का उनके समर्थक ही नहीं बल्कि विरोधी भी करते हैं तारीफ

दिग्गी राजा के नाम से मशहूर दिग्विजय सिंह की उम्र 77 वर्ष है इस आयु में भी वह राजगढ़ लोकसभा सीट से बतौर कांग्रेस उम्मीदवार पैदल गांव- गांव प्रचार कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने 70 साल की उम्र में अपनी पत्नी अमृता राय के साथ नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा की थी। 192 दिन में उन्होंने 3300 किलोमीटर की यात्रा की।

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उनकी इस हिम्मत और अनुभव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का संयोजक बनाया। दिग्विजय ने किसी को निराश नहीं किया और राहुल गांधी के साथ यात्रा पूरी की। अब 2024 के चुनाव में भी दिग्विजय सिंह पैदल गांव- गांव प्रचार कर रहे हैं और पार्टी को एक बार फिर जीत दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।