September 8, 2024
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Deepavali 2023 : दीपावली पर करें पांच महाशक्तिशाली उपाय, जीवन में नही रहेगी कोई कमी

Diwali 2023: दिवाली पर करें पांच महाशक्तिशाली उपाय, जीवन में नही रहेगी कोई कमी
दीपों का त्योहार ‘दीपावली’ भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं। दिवाली का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है और अमावस्या के दिन अपने चरम पर होता है। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है। कृष्ण पक्ष की अमावस्या की रात्रि यानी दीपावली की रात्रि में प्रत्येक घर में धन-धान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी विघ्न विनाशक गणेश जी और विद्या एवं कला की देवी मां सरस्वती देवी की पूजा आराधना की जाती है।

Deepavali 2023: दिवाली (Diwali) पर करें पांच महाशक्तिशाली उपाय, जीवन में नही रहेगी कोई कमी
दिवाली (Diwali) पर करें पांच महाशक्तिशाली उपाय, जीवन में नही रहेगी कोई कमी: Deepavali 2023

दीपों का त्योहार ‘दीपावली’ भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं

Deepavali 2023: दीपों का त्योहार 'दीपावली' भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं। दिवाली (Diwali) का त्योहार धनतेरस से शुरू होता है और अमावस्या के दिन अप ने चरम पर होता है। दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है। कृष्ण पक्ष की अमावस्या की रात्रि यानी दीपावली की रात्रि में प्रत्येक घर में धन-धान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी विघ्न विनाशक गणेश जी और विद्या एवं कला की देवी मां सरस्वती देवी की पूजा आराधना की जाती है। 
ब्रह्म पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात अर्थात अर्धरात्रि में महालक्ष्मी स्वयं भू लोक में आती हैं और सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं। जिन घरों में स्वच्छता एवं शुद्धता होती है और जो घर सुंदर तरीके से सुसज्जित और प्रकाशित होता है वहां माता लक्ष्मी अंश रूप में ठहर जाती हैं। इसलिए इस दिन घर का कोना-कोना साफ किया जाता है। तथा घर को सजाया संवारा जाता है।
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Diwali के पीछे की धार्मिक मान्यता

धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक अमावस्या को भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काट कर  तथा राक्षस राज रावण का संहार करके अयोध्या लौटे थे। भगवान श्री राम के 14 वर्ष बाद अयोध्या आगमन पर अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी। इसीलिए इस दिन दीपावली को दीप जलाकर यह त्यौहार मनाया जाता है।
दीपावली (Deepavali) के पीछे यह भी मान्यता है कि दीपावली, अमावस्या से पितरों की रात आरंभ होती है। अतः कहीं वह मार्ग ना भटक जाए इसलिए उनके लिए प्रकाश की व्यवस्था दीप प्रज्वलित कर की जाती है।

कब है दीपावली (Deepavali) ?

वर्ष 2023 में कार्तिक मास के अमावस्या तिथि की शुरुआत 12 नवंबर रविवार को दोपहर 2:44 से शुरू हो रही है। इसका समापन 13 नवंबर सोमवार को दोपहर 2:56 पर हो रहा है। वैसे तो हिंदू धर्म के त्योहार उदया तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं, लेकिन लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल में ही किया जाता है और अमावस्या तिथि में प्रदोष काल 12 नवंबर को प्राप्त हो रहा है। अतः 2023 में दिवाली का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा।

क्या है दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त

दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त में किया जाता है। वर्ष 2023 में पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5:40 से लेकर 6:36 तक है। लक्ष्मी पूजा के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11:39 से रात्रि 12:31 तक है। ज्योतिषचार्य के अनुसार इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा करने से जीवन में अपार सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।

दीपावली पूजन सामग्री

दिवाली पूजन में इस्तेमाल होने वाली पूजन सामग्री हैं- केसर, रोली, चावल, पान, सुपारी, फल, फूल, दूध, खील, बतासे, सिंदूर, सूखे मेवे,मिठाई, दही, गंगाजल, धूप, अगरबत्ती, दीपक, रूई,कलवा, नारियल और तांबे का कलश।

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पूजन विधि

दीपावली (Deepavali) के दिन घर की साफ सफाई करके दीवार को गेरू से पोतकर लक्ष्मी जी का चित्र बनाएं। लक्ष्मी जी के चित्र के सामने एक चौकी रखकर, इस पर मौली बांधकर, इस पर गणेश जी व लक्ष्मी जी की मिट्टी या चांदी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके पश्चात लक्ष्मी गणेश का तिलक करें। चौकी पर 6 चौमुखा व 26 छोटे दीपक जलाएं। इसके पश्चात जल, मौली, चावल, फल, गुड़, अबीर,गुलाल धूप आदि से विधिवत पूजन करना चाहिए। पूजन के पश्चात घर के कोने-कोने में एक दीप अवश्य रखें। इस पूजन के पश्चात तिजोरी में गणेश जी तथा लक्ष्मी जी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजन करें।

दीपावली के पांच महा शक्तिशाली उपाय

दीपावली (Deepavali) की रात्रि में लक्ष्मी, गणेश की पूजा की पश्चात कुछ उपाय भी किए जाते हैं, जिससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है तथा स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इस दिवाली (Diwali) पर यह पांच महा शक्तिशाली प्रयोग आपके जीवन में सुख समृद्धि लायेंगे। आईए जानते हैं इन पांच शक्तिशाली प्रयोग के बारे में

बचत के लिए

Deepavali की रात भगवान गणेश को दो गांठें हल्दी की अर्पित करें। हल्दी की दोनों गांठें भगवान गणेश के चरणों में रहने दे। अगले दिन सुबह इस हल्दी को उठाकर अपने धन के स्थान पर अगले एक वर्ष के लिए रख दें। इस उपाय से धन प्राप्ति तो होगी ही धन की बचत भी होगी।

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धन प्राप्ति के लिए

माता लक्ष्मी (Maa Lakshmi) की विशेष कृपा पाने के लिए माता लक्ष्मी के सामने एक बड़ा सा घी का दीपक जलाएं। मां लक्ष्मी के सामने जलाए गए घी के दीपक में दो कौड़िया डाल दें। अगले दिन सुबह उन कौड़ियों को निकाल कर कपड़े से अच्छे से पोंछकर लाल कपड़े में बांध लें और इस पोटली को अपने धन स्थान पर रख दें। यदि दिवाली (Diwali) की रात्रि यह उपाय करते हैं तो पूरे वर्ष धन स्थिरता से बना रहेगा। पूरे वर्ष आपको पर्याप्त मात्रा में धन प्राप्त होगा। यह उपाय बहुत शक्तिशाली है यदि आप चाहते हैं कि आपकी आर्थिक संपन्नता बनी रहे तो यह उपाय अवश्य करें।

सुख शांति और समृद्धि के लिए

दीपावली (Deepavali) के दिन पूजा स्थान पर एक लोटे में गंगाजल रखें। उसमें एक चांदी का सिक्का डालकर छोड़ दें। पूरी रात यह जल और सिक्का ऐसे ही रहने दे। अगले दिन इस जल को का पूरे घर में छिड़काव करें और बचे हुए जल को पौधे में डाल दें। चांदी के सिक्के को अपने पर्स में या धन स्थान पर रख ले। पूरे घर में समृद्धि और संपन्नता बनी रहेगी। धन प्राप्ति में कोई रुकावट नहीं आएगी। समृद्धि की संभावनाएं बेहतर होती जाएगी इससे जीवन में धन की कोई कमी नहीं होगी।

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अच्छे स्वास्थ्य के लिए

5 गोमती चक्र (Gomti Chakra) खरीदें जो पूजा सामान की दुकान पर आसानी से उपलब्ध हो जाता है।  प्रत्येक गोमती चक्र पर चारों तरफ से सिंदूर लगा दें। दीपावली (Deepavali) का पूजन करने के पश्चात इस गोमती चक्र को एक-एक करके हनुमान जी के चरणों में समर्पित कर दे। दीपावली (Deepavali) के अगले दिन इन गोमती चक्र को लाल कपड़े में बांधकर घर के कोने में छुपा दे। पूरे वर्ष परिवार का स्वास्थ्य अच्छा बन बना रहेगा यह प्रयोग सिर्फ पुरुषों के लिए है स्त्रियां यह प्रयोग ना करें।
दीपावली (Deepavali) की मध्य रात्रि को मिट्टी की छोटी या बड़ी हांडी ले ले और इसमें सात तरह के थोड़े-थोड़े अनाज जैसे- गेहूं, धान, जौ, बाजरा, मक्का, रागी आदि डालें। इसके ऊपर चुटकी भर सिंदूर डालें और एक सिक्का यदि चांदी का हो तो सर्वश्रेष्ठ है। यदि ना हो तो सामान्य सिक्का एक रुपए या ₹10 का डालें। इसके मुंह पर लाल कपड़ा बांध दे। यह पूरी प्रक्रिया माता लक्ष्मी और गणेश के सामने ही करें। कलश को पूजा घर में बनाने के बाद मुंह पर लाल कपड़ा बांधकर इसको इस रात में रसोई घर में रख दे यदि आप ऐसा करते

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