July 27, 2024

त्रिपुरा,मेघालय और मणिपुर का स्थापना दिवस (21जनवरी) (Foundation Day of Tripura, Meghalaya and Manipur : January 21

Foundation Day of Tripura, Meghalaya and Manipur (January 21) |
प्रत्येक वर्ष 21 जनवरी को भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय का स्थापना दिवस मनाया जाता है। भारत के यह राज्य अपनी समृद्ध संस्कृति, विविधता, विदेशी वनस्पतियों और जीवो के लिए जाने जाते हैं।

Foundation Day of Tripura, Meghalaya and Manipur (January 21)

प्रत्येक वर्ष 21 जनवरी को भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों, मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय का स्थापना दिवस मनाया जाता है। भारत के यह राज्य अपनी समृद्ध संस्कृति, विविधता, विदेशी वनस्पतियों और जीवो के लिए जाने जाते हैं। आइए जानते हैं इन राज्यों के स्थापना दिवस के विषय में –

भारत के 3 राज्य त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय अपना स्थापना दिवस 21 जनवरी को मनाते हैं। मणिपुर भारत का पूर्वी राज्य है। मेघालय उत्तर पूर्व में तथा त्रिपुरा दक्षिण एशिया के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है। 21 जनवरी 1972 को पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम 1971 के तहत मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।

उत्तर पूर्व भारत में 7 राज्य शामिल है। यह राज्य हैं, असम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिजोरम।इन सात राज्यों को सात बहनों के रूप में भी जाना जाता है, त्रिपुरा और मणिपुर की पूर्व रियासतों को वर्ष 1949 में भारत में मिला दिया गया था। 21 जनवरी 1972 तक पूर्ण राज्य का दर्जा ना मिलने तक यह केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर जाने जाते थे।
मेघालय को 2 अप्रैल 1970 को स्वायत्त राज्य का दर्जा प्रदान किया गया और असम से अलग होने के बाद 21 जनवरी 1972 में मेघालय पूर्ण राज्य बना। 21 जनवरी को इन तीनों राज्यों का स्थापना दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं इन तीनों राज्यों के विषय में –

त्रिपुरा-

 त्रिपुरा राज्य की राजधानी अगरतला है। त्रिपुरा दक्षिण के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है। त्रिपुरा पूर्व में मिजोरम, पूर्वोत्तर में असम और उत्तर पश्चिम व दक्षिण में बांग्लादेश से घिरा है तथा सिक्किम के बाद भारत का तीसरा सबसे छोटा राज्य है। इसका क्षेत्रफल सिर्फ 10,486 वर्ग किलोमीटर है।
त्रिपुरा का इतिहास बहुत लंबा और पुराना है। इसकी अनोखी जनजातीय संस्कृति और दिलचस्प लोकगाथाएं हैं। त्रिपुरा में त्रिपुरी और बंगाली भाषा मुख्य रूप से बोली जाती है। ऐसा माना जाता है कि ययाति वंश के 39 वे राजा त्रिपुर के नाम पर इस राज्य का नाम त्रिपुरा पड़ा। एकमत के अनुसार हिंदू धर्म की 51 शक्तिपीठों में से एक स्थानीय देवी त्रिपुर सुंदरी के नाम पर इसका नाम त्रिपुरा पड़ा।
मध्यस्थ उत्तरी त्रिपुरा एक पहाड़ी क्षेत्र है जिसे पूर्व से पश्चिम की ओर चार प्रमुख घाटियां, धर्मानगर, कैलाशहर, कमलपुर और खोवाई काटती हैं। यह घाटियां उत्तर की ओर बहने वाली नदियों (जूरी, मनुव देव, ढलाई और खोवाई) द्वारा निर्मित है। देवता मुरा पर्वत श्रेणी के पश्चिम में अगरतला मैदान है जो गंगा ब्रह्मपुत्र निम्न भूमि का विस्तार है।
21 जनवरी 1972 में त्रिपुरा के संपूर्ण राज्य बनने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में राज्य ने तेज गति से विकास किया है। त्रिपुरा में त्रिपुरा विश्वविद्यालय नामक एक केंद्रीय विश्वविद्यालय, दो चिकित्सा महाविद्यालय और एक वेटरनरी, फिशरी और कृषि महाविद्यालय हैं।
पर्यटन की दृष्टि से त्रिपुरा उपयुक्त राज्य है। त्रिपुरा में अनेक पर्यटन स्थल है जैसे कमल सागर, सेफाजाला, नीरमहल, उदयपुर, अगरतला आदि।

मेघालय-

मेघालय की राजधानी शिलांग है। 2 अप्रैल 1970 को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में मेघालय का निर्माण किया गया। 21 जनवरी 1972 को यह पूर्ण राज्य बना। मेघालय को पूर्व का स्कॉटलैंड भी कहते हैं। इसकी दक्षिणी तथा पश्चिमी सीमाएं बांग्लादेश से तथा उत्तरी और पूर्वी सीमाये असम से मिलती है। मेघालय का शाब्दिक अर्थ है मेघों का आलय अर्थात बादलों का घर। मेघालय मूलत: एक पहाड़ी राज्य है यहां मुख्य रूप से खासी, गारो और जैतिया आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं।
मेघालय देश के उन 3 राज्यों में से एक है जहां पर ईसाई बहुमत है। मेघालय कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 80% जनसंख्या मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है। यहां की मुख्य फसलें चावल और मक्का है। इसके अतिरिक्त संतरे, अनानास, केला, कटहल और आलूबुखारा, नाशपाती तथा आड़ू जैसे शीतोष्ण फलों के लिए प्रसिद्ध है ।
मेघालय सबसे कम विकसित राज्यों में से एक है। यहां लगभग आधे से अधिक जनसंख्या 63.39% साक्षर हैं। मेघालय राज्य में 5,517 शिक्षण संस्थाएं हैं। यहां का एकमात्र विश्वविद्यालय है शिलांग स्थित नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी।
पर्यटन की दृष्टि से मेघालय राज्य समृद्ध है। यहां पर प्रकृति अपने भव्य रूप में उपस्थित है। राजधानी शिलांग में अनेक सुंदर स्थल है, जिनमें वार्ड्स लेक, उमियाम झील, लेडी हैदरी उद्यान, पोलो ग्राउंड, मिनी चिड़ियाघर, हाथी झरना और शीला की पर्वत चोटी प्रमुख है मेघालय के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं चेरापूंजी, मासिनराम, जाकीयम , मायिरांग जोवाई, तुरा, सीजू और बालपक्रम राष्ट्रीय उद्यान।

मणिपुर-

मणिपुर राज्य की राजधानी इंफाल है मणिपुर के पश्चिम में असम, उत्तर और दक्षिण में मिजोरम और पूर्व में अंतरराष्ट्रीय सीमा से म्यामार लगा हुआ है। यहां के मूल निवासी मेइती जनजाति के हैं। इनकी भाषा मेइतीलोन है। इस भाषा को मणिपुरी भी कहते हैं। यह भाषा 1982 में भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित की गई। यहां के पर्वतीय भाग में नागा और कुकी जनजाति के लोग निवास करते हैं।
मणि का शाब्दिक अर्थ है आभूषण। आत: मणिपुर का अर्थ है आभूषण की भूमि। मणिपुर का इतिहास लंबा और शानदार रहा है। अनेक राजाओं ने मणिपुर पर शासन किया। मणिपुर की स्वतंत्रता और संप्रभुता 19वीं सदी के आरंभ तक बनी रही। उसके बाद बर्मी शासकों ने (1819 से1825) 7 वर्षों तक यहां कब्जा करके शासन किया। 1891 में मणिपुर ब्रिटिश शासन के अधीन आया और 1947 में भारत के साथ स्वतंत्र हुआ। 21 जनवरी 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला और 60 निर्वाचित सदस्यों की विधानसभा का गठन किया गया।
मणिपुर में कृषि और वानिकी आय के प्रमुख स्रोत हैं। यहां की उर्वर भूमि में मक्का, गन्ना सरसों, तंबाकू, फल, सब्जियां और दलहन उगाए जाते हैं। चावल यहां की मुख्य फसल है। 72% इलाके में चावल का उत्पादन होता है।
मणिपुर का लोकप्रिय खेल पोलो और हॉकी है। मणिपुर में शास्त्रीय नृत्य की एक स्थानीय शैली मणिपुरी को भी जन्म दिया है। इस राज्य में अनेक पर्यटन स्थल है। मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों से मणिपुर पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां के मुख्य पर्यटन केंद्र हैं कांग्ला, श्री गोविंद जी मंदिर, युद्ध स्मारक, शहीद मीनार, नूपी लेन स्मारक परिसर, विष्णु मंदिर, सेंदरा, लोकटक झील, केबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान ,राजकीय संग्रहालय, केनिया पर्यटक आवास आदि।