Maha Kumbha 2025: महाकुंभ 2025 में अखाड़ों का होगा ‘राजसी स्नान’, ‘शाही’ शब्द का इस्तेमाल खत्म
Maha Kumbha 2025: महाकुंभ में अखाड़े के स्नान और प्रवेश से उर्दू शब्दों के हटाने की मांग अखाड़ों द्वारा उठाई गई थी। अब महाकुंभ- 2025 में अखाड़ों के प्रवेश और स्नान से उर्दू शब्दों का इस्तेमाल खत्म करने का क्रम प्रारंभ हो गया है।
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मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने उज्जैन कुंभ से अखाड़ों के स्नान में ‘शाही’ शब्द को हटाकर ‘राजसी’ शब्द और ‘पेशवाई’ की जगह ‘छावनी प्रवेश’ किया था, जिसके बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने प्रयागराज महाकुंभ में भी उर्दू शब्दों को हटाने के लिए मांग रखी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 6 अक्टूबर को प्रयागराज में हुई बैठक में अखाड़े ने उर्दू शब्दों को बदलने की मांग रखी थी, जिसके बाद सीएम योगी ने अखाड़ों से नया शब्द चयनित कर बताने के लिए कहा था।
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बदले गए ‘शाही’ और ‘पेशवाई’ शब्द
महाकुंभ- 2025 में अखाड़ों के प्रवेश और स्नान से उर्दू शब्दों को हटाने का क्रम शुरू हो गया है। पहले प्रशासनिक कार्यालय में इसकी शुरुआत हुई। एक अधिकारी के कक्ष में महाकुंभ के प्रमुख स्नान प्की तारीख के सामने राजसी शब्द लिखा गया। अधिकारी के कक्ष में 15 जनवरी मकर संक्रांति, 29 जनवरी मौनी अमावस्या और 3 फरवरी बसंत पंचमी के स्नान के आगे राजसी शब्द को लिखकर पोस्टर लगा दिया गया है।
प्रशासनिक कार्यालय में राजश्सी शब्द के इस्तेमाल के बाद अब संतों ने ‘शाही स्नान’ की जगह ‘राजसी स्नान’ और पेशवाई की जगह ‘शोभायात्रा छावनी प्रवेश’ का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।