November 20, 2024
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कश्मीरी पंडितों के साथ भद्दा मजाक

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (International Film Festival of India) का आयोजन केंद्र और गोवा सरकार द्वारा गोवा में किया गया। इस आयोजन में विश्व की बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल हुई। इस फिल्म महोत्सव (Film festival) में जो ज्यूरी तय किया गया उसका प्रमुख एक इजराइली फिल्मकार ( Israeli Filmmaker) को बनाया गया लेकिन जिनको इतना बड़ा पद दिया गया, उन्होंने इस पद की गरिमा को शर्मसार कर दिया। इस्राइली फिल्मकार नादव लापिड ( Israeli Filmmaker Nadav Lapid ) ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को लेकर जो कहा उस पर हंगामा मचा हुआ है।

Nadav Lapid on The Kashmir Files Propaganda

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (International Film Festival of India) का आयोजन केंद्र और गोवा सरकार द्वारा गोवा में किया गया। इस आयोजन में विश्व की बड़ी-बड़ी हस्तियां शामिल हुई। इस फिल्म महोत्सव (Film festival) में जो ज्यूरी तय किया गया उसका प्रमुख एक इजराइली फिल्मकार ( Israeli Filmmaker) को बनाया गया लेकिन जिनको इतना बड़ा पद दिया गया, उन्होंने इस पद की गरिमा को शर्मसार कर दिया। इस्राइली फिल्मकार नादव लापिड ( Israeli Filmmaker Nadav Lapid ) ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को लेकर जो कहा उस पर हंगामा मचा हुआ है।

फिल्मकार नादव लापिड (Filmmaker Nadav Lapid ) ने कहा कि “‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को देखकर हम सभी विचलित व हैरान थे। यह एक प्रोपोगंडा और भद्दी फिल्म है, जो किसी प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सव (Film Festival)के लिए अयोग्य थी।” यह कहकर नादव लापिड (Nadav Lipd) ने भारत के पीड़ित कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits ), कश्मीर में मारे गए हिंदुओं और भारत सरकार को शर्मिंदा कर दिया। फिल्मकार का कहना है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ भद्दी और प्रोपोगंडा फिल्म है। यह उन हजारों हजारों कश्मीरियों की मौत का मजाक है।
पूरा भारत जानता है कि कश्मीर में मुसलमानों की शह पर कत्लेआम हुए। हिंदू महिलाओं और लड़कियों के साथ जघन्यता हुई। अगर ऐसा नहीं होता तो कश्मीरी पागल नहीं थे जो रातों-रात कश्मीर छोड़कर भाग खड़े हुए। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रधानमंत्री भी इसे सच मानते हैं और उन्होंने इस फिल्म पर सत्यता की मुहर लगाई।

आईआईएफआई ज्यूरी (IIFI Jury) प्रमुख इस्राइली फिल्मकार (Israeli Filmmaker) ने कहा कि फिल्म समारोह में पंद्रह फिल्में दिखाई गईं जिनमें 14 फिल्में ज्यूरी को अच्छी लगी लेकिन एक भद्दी और प्रोपोगंडा फैलाने वाली फिल्म थी और उसके रहने से भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ( international film festival) की गरिमा गिरती दिख रही है। फिल्मकार के बयान से तो यही साबित होता है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) भारतीय अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव के लिए कतई उचित नहीं थी।

हिंदुओं के प्रति दुनिया के अन्य समुदायों के मन में कितनी नफरत भरी है यह उनके बयान से साबित हो जाता है। हजारों हिंदुओं को उन्हीं के राष्ट्र में देश–निकाला मिला। हजारों हिंदुओं की हत्या हुई और आज जब उस त्रासदी पर एक फिल्म बनाई गई तो वह भद्दी हो गई। एक फ़िल्म समीक्षक के तौर पर इसमें खामियां देखी जा सकती हैं। हो सकता है कि कला की कुछ कसौटियों पर ‘द कश्मीर फाइल्स’ सर्वश्रेष्ठ फिल्म ना हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं किया फिल्म भद्दी है।

Vivek Agnihotri on Nadav Lapid on The Kashmir Files

लापिड (Nadav Lapid) के बयान पर फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) ने कहा है कि उन्होंने इस फिल्म को बनाने से पहले 700 कश्मीरी परिवारों का साक्षात्कार लिया था। उन्होंने कहा कि क्या 700 लोग झूठ बोल रहे हैं। विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri)ने कहा कि यदि फिल्म की किसी एक घटना को विश्व का एक भी आदमी गलत साबित कर दे तो मैं फिल्में बनाना छोड़ दूंगा।