October 23, 2024
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद राहुल गांधी का बढ़ेगा कद,जानिए कितना शक्तिशाली होता है नेता प्रतिपक्ष का पद?

image 12

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर इंडिया ब्लॉक की बैठक में यह फैसला लिया गया। मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई इंडिया गठबंधन के संसदीय दल के नेताओं के साथ चर्चा के बाद पार्टी ने यह ऐलान किया।

तीसरी बार गांधी परिवार को मिला यह पद

गांधी परिवार को तीसरी बार यह पद मिला है। गांधी परिवार से सोनिया गांधी विपक्ष की नेता रह चुकी हैं। उन्होंने 13 अक्टूबर 1999 से 6 फरवरी 2004 तक नेता प्रतिपक्ष के जिम्मेदारी निभाई। इसके अलावा राजीव गांधी 18 दिसंबर 1989 से 24 दिसंबर 1990 तक नेता विपक्ष रह चुके हैं।

अनिश्चित नेता की छवि को तोड़ा

राहुल गांधी 2004 में चुनावी राजनीति में आए और तब से कोई भी पद लेने से बचते रहे हैं। यहां तक की पार्टी प्रमुख के पद से भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। लेकिन राहुल गांधी अनिश्चित नेता की छवि को तोड़ते दिख रहे हैं। राहुल ने नेता प्रतिपक्ष का पद स्वीकार कर लिया है और बुधवार को उन्होंने लोकसभा में अपनी बात भी रखी।

10 साल बाद संसद को मिला नेता प्रतिपक्ष

लोकसभा में 10 साल बाद कोई नेता विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभालेगा। वर्ष 2014 और 2019 में कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष के लिए आवश्यक सीट हासिल करने में नाकाम रही थी। इसलिए पिछले 10 वर्षों से लोकसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं था। वर्ष 2009 से 2014 के बीच सुषमा स्वराज लोकसभा में विपक्ष की नेता के पद पर थीं। नेता प्रतिपक्ष लोकसभा में आधिकारिक तौर पर विपक्ष का नेतृत्व करता है। बीते दो चुनावों में कांग्रेस के पास संसद का 10 फीसदी सीट शेयर भी नहीं था। ऐसे में कांग्रेस सदन में विपक्ष के नेता के तौर पर अपनी दावेदारी पेशी नहीं कर पाई थी। 2014 में कांग्रेस के पास 44 सीटें थी और 2019 में 52 सीटें थी। इस बार कांग्रेस के पास 99 सीटें हैं।

फ्रंट फुट पर आए राहुल गांधी

राहुल गांधी के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद यह स्पष्ट है कि अब उन्होंने फ्रंट फुट पर खेलने का फैसला कर लिया है। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद राहुल अपने बारे में बनी इस अवधारणा को तोड़ने में सफल रहे कि वह कोई जिम्मेदारी लेने से डरते हैं।

नेता विपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी का बढ़ेगा कद

लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने से राहुल गांधी का संसद और संसद के बाहर कद बढ़ेगा। इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच लोकसभा में तालमेल बढ़ेगा। संसद के दोनों सदनों में विपक्ष एक रणनीति बना पाएगा। पिछली लोकसभा में कई बार ऐसा हुआ कि विपक्ष को लोकसभा और राज्यसभा में अलग-अलग रणनीति अपनानी पड़ी थी, क्योंकि लोकसभा में विपक्ष के पास आंकड़ा कम था।

नेता विपक्ष के तौर पर राहुल गांधी के पास होंगी यह शक्तियां

  • नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद राहुल गांधी उस समिति का हिस्सा बन जाएंगे जो सीबीआई के डायरेक्टर, सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकपाल या लोकायुक्त, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरपर्सन और सदस्य और भारतीय चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करती है।
  • इन सारी नियुक्तियों में राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उसी टेबल पर बैठेंगे जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैठेंगे। और पहली बार ऐसा होगा जब इन फैसलों में प्रधानमंत्री मोदी को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी से भी उनकी सहमति लेनी होगी।
  • नेता प्रतिपक्ष होने के बाद राहुल गांधी सरकार के आर्थिक फैसलों की लगातार समीक्षा कर पाएंगे और सरकार के फैसलों पर अपनी टिप्पणी भी कर सकेंगे।
  • इसके साथ ही राहुल गांधी सरकार के सारे खर्चों की जांच करने वाली लोक लेखा समिति के भी प्रमुख बन जाएंगे और इसके अतिरिक्त संसद की मुख्य समितियों में राहुल गांधी बतौर नेता प्रतिपक्ष के रूप में शामिल होंगे और उनके पास यह अधिकार होगा कि वह सरकार के कामकाज की लगातार समीक्षा करते रहेंगे।

नेता प्रतिपक्ष को मिलने वाली सुविधाएं

  • नेता प्रतिपक्ष होने के बाद लीडर्स आफ अपोजिशन इन पार्लियामेंट एक्ट, 1977 के अनुसार जो अधिकार और सुविधाएं कैबिनेट मंत्री के होते हैं वही नेता प्रतिपक्ष को भी मिलेगी। अब राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष होने के नाते उन्हें कैबिनेट मंत्री की तरह सरकारी सचिवालय में एक दफ्तर मिलेगा।
  • राहुल गांधी को कैबिनेट मंत्री की रैंक के अनुसार उच्च स्तर की सुरक्षा मिलेगी।
  • इसके अतिरिक्त मासिक वेतन और दूसरे भत्तों के लिए तीन लाख 30,000 रुपए मिलेंगे, जो एक सांसद के वेतन से कहीं ज्यादा होंगे।
  • राहुल गांधी को कैबिनेट मंत्रियों के स्तर का सरकारी बंगला मिलेगा। उन्हें मुफ्त हवाई यात्रा, सरकारी गाड़ी, रेल यात्रा और दूसरी सुविधाएं भी मिलेंगी।