December 1, 2024
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विराजमान रामलला की भव्य मूर्ति की आ गई तस्वीर, जानिए भव्य मूर्ति की विशेषताएं: Ram Mandir Ayodhya

विराजमान रामलला की भव्य मूर्ति की आ गई तस्वीर, जानिए भव्य मूर्ति की विशेषताएं: Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में 500 वर्षों का लंबा इंतजार समाप्त हो गया है। अयोध्या का भव्य राम मंदिर मंत्रोच्चार और शंखनाद से गूंज रहा है। पूरी अयोध्या राममय है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है और इसके लिए भगवान श्री रामलला गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं।

अभी तक चल रहे अनुष्ठान के बीच प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठित होने जा रही मूर्ति को वस्त्र से ढका गया था लेकिन अब मूर्ति से वस्त्र के आवरण को हटा दिया गया है। पहली बार मंदिर के गर्भगृह से श्री रामलला की मूर्ति की तस्वीर आई हैं। प्राण प्रतिष्ठा से 3 दिन पहले रामलला की मूर्ति की पूरी तस्वीर सामने आ गई है।

रामलला का प्रथम दर्शन_RamLala First photo_Ayodhya Dham Ram Mandir

विराजमान रामलला की भव्य मूर्ति की आ गई तस्वीर, जानिए भव्य मूर्ति की विशेषताएं

अयोध्या में 500 वर्षों का लंबा इंतजार समाप्त हो गया है। अयोध्या का भव्य राम मंदिर मंत्रोच्चार और शंखनाद से गूंज रहा है। पूरी अयोध्या राममय है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है और इसके लिए भगवान श्री रामलला गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं।

अभी तक चल रहे अनुष्ठान के बीच प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठित होने जा रही मूर्ति को वस्त्र से ढका गया था लेकिन अब मूर्ति से वस्त्र के आवरण को हटा दिया गया है। पहली बार मंदिर के गर्भगृह से श्री रामलला की मूर्ति की तस्वीर आई हैं। प्राण प्रतिष्ठा से 3 दिन पहले रामलला की मूर्ति की पूरी तस्वीर सामने आ गई है।

आईए जानते हैं रामलाल की मूर्ति की विशेषताओं के बारे में

रामलला की यह भव्य मूर्ति कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। प्राण प्रतिष्ठा के लिए चयनित मूर्ति की विशेषताएं इस प्रकार हैं –

भगवान का बाल स्वरूप

भगवान राम के गर्भ गृह में विराजमान मूर्ति 5 वर्ष के बाल स्वरूप की है, जिसे देखकर बाल सुलभ कोमल भावनाओं की अनुभूति जागृत होती है।कमल दल पर खड़ी मुद्रा में यह मूर्ति है जिसके ऊपर मुकुट व आभामंडल है।

वीरता का भाव जगाती मूर्ति

गर्भ गृह में विराजमान मूर्ति में रामलला के एक हाथ में धनुष और दूसरे हाथ में बाढ़ धारण किए हैं, हालांकि मूर्ति पर अभी धनुष बाण नहीं लगाया गया है। श्री राम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं।भगवान का यह रूप युवाओं के अंदर वीरता का भाव जागृत करता है।

मूर्ति की ऊंचाई और वजन

रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई पैर की उंगली से ललाट तक 51 इंच है और चयनित मूर्ति का वजन 150 से 200 किलो है।

श्याम शिला से निर्मित है मूर्ति

चयनित मूर्ति श्यामशिला से निर्मित है। श्याम शिला की आयु हजारों साल की होती है। यह जल रोधी होती है। मूर्ति पर चंदन रोली आदि लगाने से भी मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी।

श्री रामलला का सुंदर स्वरूप

इस मूर्ति में श्री राम लाल के मनोहारी रूप के दर्शन हो रहे हैं। इसमें श्री राम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं, विशाल नेत्र हैं, सुंदर मस्तक और भव्य ललाट है।

विष्णु के 10 अवतारों को दर्शाया गया है मूर्ति में

विराजमान मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के भी दर्शन हो रहे हैं। यह 10 अवतार हैंजी३ मत्स्य, कूर्म वराह, नृसिंह,वामन, परशुराम, राम,कृष्ण, बुद्ध और कल्कि।

धार्मिक चिन्हों से सुसज्जित है यह मूर्ति

रामलला की इस मूर्ति में सबसे ऊपर सूर्य को स्थान दिया गया है। राम के सूर्यवंशी होने के कारण सूर्य को इस मूर्ति में सर्वोच्च स्थान दिया गया है। इस मूर्ति में शंख, स्वास्तिक, चक्र और गदा जैसे धार्मिक चिह्न भी दृष्टिगत हैं। मूर्ति के दाहिनी ओर हनुमान और बाएं ओर गरुण नजर आ रहे हैं।

दिन में तीन बार होगी भगवान श्री रामलला की आरती

श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खुल जाएंगे। मंदिर में पूरे दिन में तीन बार आरती होगी। श्रद्धालु अपनी सुविधा अनुसार आरती का समय चुन सकते हैं। श्रद्धालुओं को प्रदान की गई सूची में अपनी पसंदीदा आरती चयन करने की सुविधा भी दी गई है।

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