Guru Purnima 2023 : गुरु पूर्णिमा कब और क्यों मनाई जाती है?
आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा, कहा जाता है। इस दिन लाखों श्रद्धालु गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा देते हैं। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन बंगाली साधु सिर मुड़वा कर परिक्रमा करते हैं क्योंकि आज के दिन सनातन गोस्वामी का तिरोभाव हुआ था। इस पूर्णिमा को गुरु पूजा की जाती है। संपूर्ण भारत में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस दिन चारों वेदों के प्रथम व्याख्याता वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। वेदव्यास की स्मृति को बनाए रखने के लिए हमें अपने- अपने गुरुओं को व्यास जी का मानकर उनकी पूजा करनी चाहिए। वेदव्यास ने ही हमें वेदों का ज्ञान दिया था। इसीलिए वे हमारे आदि गुरु हुए। इस दिन केवल गुरु ही नहीं अपितु परिवार में अपने से जो भी श्रेष्ठ या बड़ा है, अर्थात माता-पिता, बड़े भाई बहन सभी को गुरु तुल्य समझना चाहिए।