July 27, 2024

National Voters Day 2023 : कब और क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस?

National Voters Day 2023 (राष्ट्रीय मतदाता दिवस) : भारत देश एक लोकतांत्रिक देश है जहां जनता मतदान द्वारा सरकार चुनी जाती है। मतदान करने वाली जनता को मतदाता कहते हैं। भारत में प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को मतदाता दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक भारतवासियों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य को याद दिलाने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है यह महत्वपूर्ण दिवस यह याद दिलाता है कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए मतदान करना आवश्यक है।

National Voters Day 2023_राष्ट्रीय मतदाता दिवस_Special Days In january

National Voters Day 2023 (राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023) : भारत देश एक लोकतांत्रिक देश है जहां जनता मतदान द्वारा सरकार चुनी जाती है। मतदान करने वाली जनता को मतदाता कहते हैं। भारत में प्रत्येक वर्ष 25 जनवरी को मतदाता दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक भारतवासियों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य को याद दिलाने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है यह महत्वपूर्ण दिवस यह याद दिलाता है कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए मतदान करना आवश्यक है।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत कब हुई ?

भारत सरकार ने राजनीतिक प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की शुरुआत की। राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस 25 जनवरी को वर्ष 2011 से मनाने की शुरुआत हुई। भारत निर्वाचन आयोग का गठन 25 जनवरी 1950 को हुआ था। 25 जनवरी 2023 में 13वी बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाए जाएगा।

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस ? (Why National Voters Day is celebrated)

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य था कि कोई भी मतदाता मतदान करने में पीछे ना रह जाए। इस दिन को मनाने के पीछे दो कारण थे पहला समावेशी (inclusive) और दूसरा गुणात्मक भागीदारी (qulitative participation)।इस दिवस को मनाने का एक और उद्देश्य था, जिनकी उम्र 18 वर्ष हो चुकी है इस दिन ऐसे मतदाताओं को चुनाव आयोग द्वारा पहचान करना।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने के पीछे निर्वाचन आयोग का उद्देश्य विशेष रूप से नए मतदाता और अधिक मतदाता बनाना है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) के दिन मतदाताओं और चुनाव को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने के लिए जागरूक किया जाता है।

कौन कर सकता है मतदान ?

भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में बिना किसी भेदभाव या सिटीजनशिप एक्ट के तहत उन सभी को मतदान का अधिकार है भारतीय संविधान के अनुसार जिनकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक है और जो भारत का नागरिक है। जो लोग NRI हैं और उनके पास भारतीय पासपोर्ट होता है, उन्हें भी मतदान का अधिकार है।
मतदाता दिवस कैसे मनाया जाता है
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन 18 वर्ष की उम्र के हो चुके युवा शामिल किए जाते हैं। इस दिन देशभर के सभी मतदान केंद्र वाले क्षेत्रों में मतदाताओं की पहचान की जाती है। मतदाता सूची में मतदाताओं का नाम दर्ज किया जाता है तथा उन्हें निर्वाचन फोटो पहचान पत्र सौंपा जाता हैं। मतदाता एक नागरिक के रूप में लोकतंत्र की रक्षा के लिए जागरूक रहें इसके लिए प्रत्येक वर्ष मतदाता दिवस के दिन मतदाताओं को मतदान करने की शपथ दिलाई जाती है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के दिन निर्वाचन आयोग पूरे देश में शिक्षित मतदाताओं विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं को आकर्षित करने के लिए व्यापक और सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा और मतदान भागीदारी अभियान चलाता है।
पंद्रहवीं लोकसभा के चुनाव विश्व प्रबंधन की सबसे बड़ी घटना बताई गई है इसमें 714 मिलियन मतदाता 8 लाख 35 हजार मतदान केंद्र 12 लाख मतदान की इलेक्ट्रॉनिक मशीनें और 11 मिलियन मतदान कर्मचारियों ने भाग लिया था। चुनाव आयोग ने पाया कि मतदाता सूची में 18 वर्ष के नए मतदाताओं का नाम नहीं था। कुछ मामलों में उनकी भागीदारी 20 से 25% तक कम है। इस समस्या को सुलझाने के लिए चुनाव आयोग ने यह निर्णय लिया कि देश के साढ़े आठ लाख मतदान केंद्रों में प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी को 18 वर्ष के होने वाले सभी मतदाताओं की पहचान की जाये और उन्हें निम्न शपथ दिलाई जाए।

“हम भारत के नागरिक लोकतंत्र में आस्था रखने वाले शपथ लेते हैं कि हम देश की स्वतंत्रता निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की लोकतांत्रिक परंपरा को बरकरार रखेंगे। प्रत्येक चुनाव में धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय, भाषा आधार पर प्रभावित हुए बिना निर्भीक होकर मतदान करेंगे।

क्या है चुनाव आयोग ?

चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी। इसमें प्रमुख रूप से 3 सदस्य होते हैं, पहले मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य आयुक्त शामिल होते हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। 6 वर्ष का इनका कार्यकाल होता है। यह संवैधानिक संस्था संविधान के अनुच्छेद 324 के अंतर्गत आती है। चुनाव आयोग ही देश की सभी चुनाव आयोजित कराता है। जिसमें लोकसभा, विधान सभा, राज्य सभा, विधान परिषद, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव शामिल हैं। चुनाव के दौरान चुनाव आयोग एक अभिभावक की भूमिका में होता है। चुनाव आयोग जो दिशा- निर्देश तय करता है सभी राजनीतिक दल तथा उम्मीदवारों पर लागू होते हैं। यदि इन दिशा- निर्देशों का उल्लंघन होता है तो चुनाव आयोग इसके खिलाफ कार्यवाही करता है। चुनाव से जुड़े सभी फैसले चुनाव आयोग ही लेता है।” इंडियन रेवेन्यू सर्विस” के अफसर चुनाव के खर्चों पर नजर रखते हैं। यह अफसर चुनाव निरीक्षक के रूप में होते हैं।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर निर्वाचन आयोग पूरे देश में शिक्षित मतदाताओं विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित करने को व्यापक और सुव्यवस्थित मतदान भागीदारी अभियान चलाता है

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का संदेश

 नि:संदेह राष्ट्रीय मतदाता दिवस हमें यह संदेश देता है कि योग्य मतदाता स्वेच्छा से अपने देश के प्रति कर्तव्य को लेकर जागरूक हो और स्वेच्छा से मतदान करें।