December 1, 2024
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Telangana Foundation Day 2023 : कब और क्यों मनाया जाता है तेलंगाना स्थापना दिवस ?

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2 जून को तेलंगाना राज्य का स्थापना दिवस मनाया जाता है। तेलंगाना राज्य का स्थापना दिवस आंध्र प्रदेश से अलग राज्य के गठन के लिए संघर्ष करने वालों के योगदान को दर्शाता है। तेलंगाना राज्य आधिकारिक रूप से 2014 में संसद के आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत अस्तित्व में आया। भारत के आंध्र प्रदेश राज्य से पृथक होकर तेलंगाना 2 जून को 29 वा नवगठित राज्य बना।

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किस राज्य से पृथक होकर गठित हुआ तेलंगाना राज्य ?

2 जून को तेलंगाना राज्य का स्थापना दिवस (Telangana Foundation Day) मनाया जाता है। तेलंगाना राज्य का स्थापना दिवस आंध्र प्रदेश से अलग राज्य के गठन के लिए संघर्ष करने वालों के योगदान को दर्शाता है। तेलंगाना राज्य आधिकारिक रूप से 2014 में संसद के आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत अस्तित्व में आया। भारत के आंध्र प्रदेश राज्य से पृथक होकर तेलंगाना 2 जून को 29 वा नवगठित राज्य बना।

आइए जानते हैं तेलंगाना राज्य के इतिहास और उसके आंदोलन के विषय में

तेलंगाना भारत देश का 29 वां राज्य 2 जून 2014 को बना। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद हैआंध्र प्रदेश राज्य से पृथक इस राज्य का गठन किया गया लेकिन दोनों राज्यों की राजधानी आज भी एक ही है। हैदराबाद को 10 वर्षों के लिए आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी बनाया गया है।
तेलंगाना शब्द का अर्थ है तेलुगु भाषियों की भूमि। 1,14,800 वर्ग किलोमीटर में फैले तेलंगाना राज्य के अंतर्गत आंध्र प्रदेश के 23 जिलों में से 10 जिले आते हैं। यह जिले हैं नलगोंडा, महबूबनगर रंगारेड्डी, हैदराबाद, मेदक,निजामाबाद,करीमनगर,वारंगल आदिलाबाद और खम्मम। आंध्र प्रदेश के 294 में से 119 विधानसभा क्षेत्र और 17 लोकसभा क्षेत्र तेलंगाना के अंतर्गत आते हैं।
तेलंगाना राज्य की आबादी लगभग 3.5 करोड़ है।
तेलंगाना की भाषा तेलुगु और दक्कन ई उर्दू है।

तेलंगाना के प्रतीक (Symbol of Telangana)-

  • राजकीय पक्षी- पालपिट्टा,
  • राजकीय पशु- जिंका (हिरण)
  • राजकीय वृक्ष- जम्मी चेट्टू
  • राजकीय पुष्प तांगेडू है

तेलंगाना के लोकप्रिय त्योहार है(Famous Festival of Telangana)

दशहरा, दीपावली, होली, महाशिवरात्रि, श्री राम नवमी, उगाद, विनायक चतुर्थी, बोनालू आदि।

तेलंगाना का इतिहास (History of Telangana)

मूल रूप से निजाम की हैदराबाद रियासत का तेलंगाना (Telangana) एक हिस्सा था। भारत द्वारा 1948 में निजाम की रियासत का अंत कर दिया गया। जिसके बाद हैदराबाद राज्य का गठन हुआ। तेलंगाना जोकि हैदराबाद का हिस्सा था उसे 1956 में आंध्र प्रदेश में मिला दिया गया। निजाम के शासन के अधीन रहे कुछ हिस्सों को कर्नाटक और महाराष्ट्र में मिला दिया गया। आंध्रप्रदेश पहला ऐसा राज्य था जिसका गठन भाषा के आधार पर हुआ।

तेलंगाना आंदोलन की शुरुआत कब हुई(When is Telangana Movement Started)?

तेलंगाना आंदोलन(Telangana Movement) की शुरुआत 40 के दशक में ही हो गई थी। कम्युनिस्टों ने 40 के दशक में कामरेड वासुपुन्यया की अगुवाई में पृथक तेलंगाना आंदोलन की शुरुआत की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य भूमिहीनों को भूपति बनाना था। 6 वर्षों तक चलने वाले इस आंदोलन की कमान बाद में नक्सलियों के हाथ में आ गई। नक्सलवादी आज भी तेलंगाना के इलाकों में सक्रिय हैं। तेलंगाना आंदोलन (Telangana Movement) 1969 में फिर से प्रारंभ हुआ। क्योंकि तेलंगाना शिक्षा और विकास के मामले में काफी पिछड़ा हुआ था जबकि प्रेसिडेंसी का हिस्सा होने के कारण आंध्र प्रदेश में शिक्षा और विकास का स्तर काफी ऊंचा था। इसलिए तेलंगाना क्षेत्र के लोगों ने तेलंगाना के आंध्र प्रदेश में विलय का विरोध किया। क्योंकि शिक्षा का स्तर पिछड़ा होने के कारण तेलंगाना क्षेत्र के लोगों को नौकरियों के मामले में पिछड़ जाने का डर था। आज भी दोनों राज्यों में शिक्षा और विकास के स्तर का अंतर बना हुआ है।

तेलंगाना आंदोलन का प्रभाव (Effect of Telangana Movement)

यद्यपि तेलंगाना आंदोलन छात्रों द्वारा शुरू किया गया था। लेकिन लोगों की इस आंदोलन में भागीदारी ने इसे एक ऐतिहासिक आंदोलन बना दिया। इस आंदोलन का केंद्र उस्मानिया विश्वविद्यालय था। इस आंदोलन में साढ़े तीन सौ से अधिक छात्र पुलिस फायरिंग और लाठीचार्ज में मारे गए थे। उस दौरान एम चेन्नारेड्डी ने ‘ जय तेलंगाना’ का नारा उछाला। लेकिन बाद में अपनी पार्टी ‘ तेलंगाना प्रजा राज्यम पार्टी’ का कांग्रेस में विलय कर देने पर इस आंदोलन को भारी झटका लगा। ‘ तेलंगाना प्रजा राज्यम पार्टी’ का कांग्रेस में विलय होने के पश्चात इंदिरा गांधी ने रेड्डी को मुख्यमंत्री बना दिया था।

तेलंगाना के गठन में के. चंद्रशेखर राव की भूमिका(The Role of K.Chandrasekhar Rao in Telangana Formation)

के. चंद्रशेखर राव 90 के दशक में ‘ तेलुगू देशम पार्टी’ का हिस्सा थे। 1999 के चुनाव के बाद चंद्रशेखर को उपसभापति बनाया गया जबकि चंद्रशेखर राव को उम्मीद थी कि उन्हें मंत्री का पद दिया जाएगा। पृथक तेलंगाना का मुद्दा उठाते हुए चंद्रशेखर राव ने 2001 में ‘ तेलुगू देशम पार्टी’ छोड़ दी और ‘ तेलंगाना राष्ट्र समिति’ (TRS) का गठन किया। वाईएस चंद्रशेखर रेड्डी ने 2004 में चंद्रशेखर राव से पृथक तेलंगाना राज्य का वादा करते हुए हाथ मिलाया लेकिन बाद में इस वादे पर ध्यान नहीं दिया जिससे नाराज होकर तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल से चंद्रशेखर राव ने भी इस्तीफा दे दिया था।

तेलंगाना राज्य का गठन (Formation of Telangana state)

केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 7 फरवरी 2014 को विधेयक पास करके सीमांध्र नेताओं की उस मांग को खारिज कर दिया गया जिसमें हैदराबाद को केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की गई थी। सीमांध्र और तेलंगाना सांसदों के हंगामा और विरोध के बीच यह विधेयक लोकसभा में पेश किया गया। लोक सभा द्वारा तेलंगाना विधेयक 18 फरवरी 2014 को पास कर दिया गया। अगले दिन मुख्यमंत्री किरण रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया। राज्यसभा द्वारा तेलंगाना विधेयक 20 फरवरी 2014 को पास कर दिया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 1 मार्च 2014 को तेलंगाना विधेयक पर अपनी सहमति प्रदान की और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इसके पश्चात 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा और 17 लोकसभा सीटों पर 30 अप्रैल 2014 को एक साथ चुनाव हुए और 2 जून 2014 को नए राज्य तेलंगाना(Telangana) का जन्म हुआ। तेलंगाना राज्य के गठन के बाद के चंद्रशेखर राव नवगठित राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बने।
तेलंगाना राज्य की सीमाएं
तेलंगाना राज्य पश्चिम में कर्नाटक, उत्तर में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ तथा दक्षिण और पूर्व दिशा में आंध्रप्रदेश से घिरा हुआ है।

तेलंगाना स्थापना दिवस का महत्व(Significance of Telangana Formation Day)

तेलंगाना के स्थापना दिवस पर प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति और स्पेक्ट्रम के राजनीतिक नेता तेलंगाना की जनता को बधाई देते हैं। राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम और समारोहों का आयोजन होता है। राज्य के नेता तेलंगाना के शहीदों के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं तथा उन्हें सशस्त्र पुलिस बल द्वारा ‘ गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जाता है। तेलंगाना राज्य के सभी 30 जिले राष्ट्रीय ध्वज फहराकर इस दिन को मनाते हैं।

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