Karva Chauth: कब है करवा चौथ? करवा चौथ पर क्या करें, क्या ना करें ?
Karva Chauth: हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का बहुत महत्व है। यह व्रत सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत खास होता है। क्योंकि यह व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना और सुख समृद्धि के लिए रखती हैं। इस व्रत को का उत्तर भारत में खास महत्व है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। अर्थात इस व्रत में दिन में पानी पीना भी वर्जित है। रात्रि को चंद्र दर्शन और चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत खोला जाता है।
व्रती महिलाएं चलनी से चंद्र दर्शन करती हैं और अपना व्रत संपन्न करती हैं। करवा चौथ का पर्व न केवल पति पत्नी के बीच प्रेम को दर्शाता है बल्कि समाज में रिश्तों के महत्व को भी उजागर करता है ।
कब है करवा चौथ?
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ही करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां माता करवा की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन शिव परिवार की पूजा होती है।
दैनिक पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 19 अक्टूबर 2024 को शाम 6:16 पर शुरू होगी। इसका समापन 20 अक्टूबर को दोपहर 3:46 पर होगा। पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर रविवार को मनाया जाएगा।
क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?
करवा चौथ की पूजा शाम को 5:46 से लेकर शाम 7:02 के बीच होगी। इस दिन चंद्रोदय का समय 7:54 का है। इस दिन चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में होगा, जो अत्यंत शुभ माना जा रहा है।
करवा चौथ के दिन क्या करें?
- करवा चौथ के दिन प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
- सुहागिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करना चाहिए
- रात्रि में चंद्र दर्शन करने के बाद ही व्रत का पारण करना चाहिए।
- अपनी श्रद्धा के अनुसार दान करें ।
करवा चौथ के दिन क्या ना करें ?
- करवा चौथ के व्रत के दिन देर तक ना सोएं।
- किसी को भी अपशब्द ना बोले।
- श्रृंगार की वस्तुएं किसी को भी ना दें ।
- काले वस्त्र धारण न करें।
- करवा चौथ के दिन झूठ ना बोले ।
- व्रत के बाद तामसिक भोजन न करें।
- पति के साथ कलह ना करें