July 27, 2024

दशहरे पर हम रावण को क्यों जलाते हैं? (Why do we celebrate Dussehra? Here Are Unknown And Interesting Facts About Dussehra/Vijayadashami)

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दशहरा (विजयादशमी) अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को ‘विजयादशमी’ के नाम से जाना जाता है।
Dussehra is a ten-day festival that is celebrated all throughout the nation as a celebration of the victory of good over evil. Following Navaratri, numerous figures of Ravana are burned to mark the occasion, and Ramlilas—dramas that dramatise passages from the Ramayana—are performed on Dussehra (or Dasara in some places).

दशहरा का इतिहास और महत्व (what is the History and Significance of Dussehra ?)

happy Dussehra : viajyadasahmi Celebration in India

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। दशहरा (विजयादशमी) अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को ‘विजयादशमी’ के नाम से जाना जाता है।

burning Ravana Effigy on dussehra Vijayadashami

रामायण में जब श्री राम वनवास के लिए जाते हैं तो रावण उनकी पत्नी सीता का हरण कर ली जाता है और श्रीराम उसे खोजते हुए लंका में जाते हैं और रावण का वध उसी दिन करते हैं इसी कारण सम्पूर्ण भारत में रावण का पुतला जलाकर अधर्म पर धर्म की जीत का जश्न मनाया जाता है।

दुर्गा सप्तशी में मां दुर्गा ने इसी दिन महिषासुर का वध भी किया था मां दुर्गा और महिषासुर में मां दुर्गा की विजय के बाद सभी देवताओं ने उनकी पूजा-अर्चना की इसीलिए इस दिन को विजयादशमी भी कहा जाता है।

दशहरा दिन था जब अर्जुन ने हिंदू महाकाव्य महाभारत में कुरुक्षेत्र की लड़ाई में भीष्म, द्रोण, कर्ण, अश्वथामा जैसे महान योद्धाओं सहित कुरु वंश को समाप्त कर दिया था।

 प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा हमें देता है।

 दशहरा पर्व पर मेले- दशहरा पर्व को मनाने के लिए जगह-जगह बड़े मेलों का आयोजन किया जाता है। यहां लोग अपने परिवार, दोस्तों के साथ आते हैं और खुले आसमान के नीचे मेले का पूरा आनंद लेते हैं। मेले में तरह-तरह की वस्तुएं, चूड़ियों से लेकर खिलौने और कपड़े बेचे जाते हैं। इसके साथ ही मेले में व्यंजनों की भी भरमार रहती है।

Dussehra is a ten-day festival that is celebrated all throughout the nation as a celebration of the victory of good over evil. Following Navaratri, numerous figures of Ravana are burned to mark the occasion, and Ramlilas—dramas that dramatise passages from the Ramayana—are performed on Dussehra (or Dasara in some places).

दशहरा के त्योहार का नाम संस्कृत के शब्द दशा (“दस”) और हारा (“हार”) से लिया गया है।

रावण के दस सिर का अर्थ जानें (Facts about the ten heads of Ravana)

About the 10 heads of ravana .Ravana Effigy

दुर्गा नवमी (Durga Navami) के अगले दिन विजयादशमी (Vijayadashami) पड़ता है. यह पर्व लंका के राजा रावण(Ravana) पर श्री राम(Shree Ram) की जीत का प्रतीक है. रावण के दस सिर दस तरह की बुराइयों को दर्शाते हैं.

Dussehra is one of the major Hindu festivals that marks the end of Navratri. The festival is celebrated as the victory of Lord Rama over Ravana. It also celebrates the triumph of Goddess Durga over the demon Mahishasura. Vijayadashami also known as Dussehra, Dasara or Dashain,

वासना, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, लोभ, भय, जड़ता, घृणा, घमंड, क्रोध को दर्शाता है रावण(Ravan) के ये दस सिर. दशहरा शब्द संस्कृत शब्द दशा और हारा से मिलकर बना है. दशा का मतलब होता है दस, जो रावण का प्रतिनिधित्व करता है और हारा का मतलब है हार जाना. राम भगवान ने रावण के घमंड को जड़ से उखाड़ फेका था और उसे युद्ध में मात दी थी. साथ ही इस दिन मां दुर्गा ने भी राक्षस महिषासुर(Mahishasura) का वध किया था.

दशहरा के बारे में रोचक तथ्य (Interesting and unknown facts about Dussehra or Vijayadashami)

  • रावण(Ravan) एक ब्रह्मण का पुत्र और खुद एक प्रकांड विद्वान था लेकिन काम, क्रोध, और लोभ ने उसे विकृत कर दिया था। सभी ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन काल के वशीभूत होकर रावण अपने आपको भगवान ही समझने लगा जिसका अंत करना निश्चित था इसलिए हमे हमारे जीवन में काम, क्रोध और लोभ नही लाना चाहिए।
  • कहां जाता है कि श्री राम ने  रावण वध से पहले नीलकंठ को देखा था वही नीलकंठ(Neelkanth) जिसे शिवजी का स्वरूप माना जाता है इसी कारण आज भी दशहरे पर नीलकंठ का दिखना शुभ माना जाता है।

हम दशहरे के बारे में कुछ कम ज्ञात तथ्य साझा करते हैं: (We share some lesser known facts about Dussehra:)

मैसूर में दशहरा (Dussehra in Mysore )

दशहरा/विजयादशमी (Dussehra Or Vijayadashami ) भारत में सबसे भव्य समारोहों में से एक, यह माना जाता है कि दशहरा को भव्य तरीके से मनाने की परंपरा 17 वीं शताब्दी के आसपास शुरू हुई थी। पारंपरिक जंबो सावरियां हैं, जहां सजे-धजे हाथियों को जुलूस में निकाला जाता है। मुख्य आकर्षण देवी चामुंडेश्वरी हैं, जिन्हें एक सजे हुए हाथी के ऊपर एक सुनहरी पालकी में रखा गया है।

रावण के 10 सिर (Ravana’s 10 heads)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण के 10 सिर छह शास्त्रों और चार वेदों के उनके ज्ञान का प्रतीक हैं, जो उन्हें पौराणिक कथाओं में सबसे बुद्धिमान व्यक्ति बनाते हैं। इसके अलावा, 10 सिर 10 मानवीय भावनाओं क्रोध, ईर्ष्या, अहंकार, वासना, लालच, अभिमान, मोह, स्वार्थ, अन्याय और क्रूरता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

कुल्लू दशहरा (Kullu Dusshera)

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक सप्ताह तक दशहरा(Dussehra/Vijayadashami) मनाया जाता है। त्योहार दशहरा से शुरू होता है, और उसके बाद एक सप्ताह तक जारी रहता है। यह भगवान रघुनाथ के जुलूस के साथ शुरू होता है, अन्य देवताओं के साथ, देवताओं की घाटी में शहर भर में ले जाया जाता है।

भारत के बाहर दशहरा समारोह (Dussehra celebrations outside India: )

यह सिर्फ देश तक ही सीमित नहीं है। दशहरा और विजयदशमी दोनों भारत की सीमाओं से परे और नेपाल और बांग्लादेश में भी मनाए जाते हैं। मलेशिया में भी जश्न मनाया जाता है।

Return of the Pandavas ( पांडवों की वापसी)

दशहरे के बारे में एक कम ज्ञात तथ्य यह है कि इसने पांडवों के निर्वासन से घर वापसी का भी जश्न मनाया। वनवास का अंतिम वर्ष समाप्त होने के बाद, विजयदशमी के पवित्र दिन पर उन्होंने अपने हथियारों को पुनः प्राप्त किया और शस्त्र और शमी वृक्ष दोनों की पूजा की। उसी दिन से शमी के पेड़ को सद्भावना का प्रतीक माना जाता है।

ऋतुओं में परिवर्तन का प्रतीक है (Marks a change in seasons: )

दशहरा(Dussehra) मानसून के मौसम के अंत और ठंडे सर्दियों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। दशहरे के बाद, किसान खरीफ की फसल काटते हैं और दिवाली के बाद रबी की फसल लगाते हैं।